कपासन (चित्तौड़गढ़). उपखंड के लोग धनतेरस के दिन पीली मिट्टी घर पर लाते हैं. यह मिट्टी पूजा के लिए उपयोग की जाती है. इस मिट्टी को शुभ कार्यों के लिए शुभ माना जाता है. धन तेरस के अवसर पर सुबह 4 बजे से ही परिवार के सदस्य पीली मिट्टी लेने निकल पड़ते है. यह मिट्टी यहां के कृषि उपज मंडी से आगे स्थित एक छोटी खदान से लाई जाती है. इस अवसर पर खदान पर सुबह 4 बजे से भारी भीड़ जमा हो जाती है. जो सुबह 7 बजे तक रहती है.
पांच दिनों के दीपोत्सव से जुड़ी परंपराओं में आंगन को मिट्टी से लिपने की परंपरा है. भारतीय संस्कृति और शास्त्रों में मिट्टी को सोने का रूप माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि मिट्टी में मां लक्ष्मी का वास होता है इसलिए महिलाएं धनतेरस के दिन सुबह सबसे पीली मिट्टी घर में लेकर आती है. फिर इससे घर की चौखट और आंगन को लीपा जाता है. यही परंपरा कपासन में आज भी चली आ रही है.
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विगत कुछ सालों में इस परम्परा में काफी बदलाव भी देखने को मिला है. अब महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी मिट्टी लेने के लिए खदान में जाते हैं. वहीं पहले महिलाएं झुण्ड बनाकर मंगल गीत गाते हुए खदान पर पहुंचती थी. अब वाहनों का उपयोग किया जाता है. लेकिन अभी नगर के प्रत्येक घर से एक सदस्य पीली मिट्टी की खदान पहुंचकर पूजा-अर्चना कर मिट्टी को धन के रूप में अपने घरों में लाते है. गरीब हो या अमीर सभी इस धनतेरस पर इस परम्परा का निर्वहन करते हैं.