चित्तौड़गढ़. पत्नी की हत्या के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए पति को दोषी ठहराया है. कोर्ट ने पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आरोपी ने 10 साल पहले अपनी पत्नी को कोरोसिन डालकर जिंदा जला दिया था. मृतका के पिता की रिपोर्ट पर बेगूं पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया था.
अतिरिक्त लोक अभियोजक फरीद मिर्जा ने बताया कि मध्य प्रदेश के देहपुर गांव के रहने वाले नंदा जटिया ने 22 जुलाई 2013 को बेगूं थाने में रिपोर्ट दी थी. रिपोर्ट में बताया गया कि उसकी बेटी बगदी बाई की शादी 2010 में चंदा खेड़ी गांव के मुकेश के साथ हुई थी, लेकिन शादी के बाद से ही ससुराल वाले दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करने लगे. उन्होंने बताया कि 21 जुलाई को मुकेश ने गांव के एक व्यक्ति को सूचना दी कि उसकी पत्नी बागदी बाई की मौत हो गई.
परिवार के लोग चंदा खेड़ी गांव पहुंचे तो वहां बगदी का शव पड़ा था. इसके बाद मृतका के पिता ने पति, सास, ससुर और जेठानी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाया. पुलिस ने अनुसंधान के बाद पति मुकेश के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया. अतिरिक्त लोक अभियोजक के अनुसार इस मामले की सुनवाई के दौरान 20 गवाह पेश किए गए. वहीं पोस्टमार्टम और एफएसएल रिपोर्ट भी दी गई. दोनों ही पक्षों की सुनवाई के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश गोयल कैंप कोर्ट बेगूं ने आरोपी मुकेश को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.