चित्तौड़गढ़. जिले के खोर स्थित राजकीय विद्यालय में शिक्षक की ओर से छात्रा के साथ मारपीट करने के मामले में उचित कार्रवाई नहीं होने और आरोपित शिक्षक के स्टे ले आने पर बुधवार को प्रभारी मंत्री भजनलाल जाटव से मिलने आए अभिभावक फूट फूट कर रो पड़े. छात्रा के पिता ने कार्रवाई नहीं होने पर आत्महत्या की चेतावनी दी है. इस पर मंत्री जाटव ने कहा कि सरकार ने अपना काम किया. अब कहां कमी रही इसकी जांच की जाएगी.
जानकारी के अनुसार तीन माह पूर्व चितौड़गढ़ पंचायत समिति के खोर स्थित सरकारी विद्यालय में अध्यापक तेजपालसिंह ने छात्रा के साथ मारपीट की थी. इसे लेकर अभिभावक और ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर अध्यापक को निलंबित करने की मांग की थी.
बता दें कि मंत्री जाटव की ओर से जिले में ली गई बैठक में भी यह मुद्दा छाया रहा. इस पर मंत्री जाटव ने तत्काल प्रभाव से अध्यापक को एपीओ करने के निर्देश दिए थे. शिक्षा विभाग ने शिक्षक को एपीओ कर दिया. लेकिन, अध्यापक ने इस आदेश के बदले कोर्ट से स्टे ऑर्डर प्राप्त कर लिया था. इसी मामले में बुधवार को प्रभारी मंत्री भजनलाल जाटव के आने की खबर सुन कर छात्रा और उसके पिता कलक्ट्रेट पहुंच गए. प्रभारी मंत्री जाटव जैसे ही बैठक से निकले, छात्रा के पिता इनके सामने रो पड़े.
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इस पर प्रभारी मंत्री जाटव ने आश्वासित करते हुए उन्हें आगे उचित कार्यवाई की बात कही. इससे पहले बैठक में भी प्रभारी मंत्री ने शिक्षा विभाग की रिपोर्ट समय पर ना सौंपे जाने और कार्यों में अनियमितता पाने पर अधिकारियों को फटकार लगाई.
वहीं, प्रभारी मंत्री भजनलाल जाटव ने खोर स्कूल में छात्रा के साथ मारपीट के मामले में जांच रिपोर्ट की मांग की. इस पर शिक्षा विभाग के पास कोई जवाब नहीं था. जाटव ने संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाते हुए उन्हें कहा कि शिक्षक को जब एपीओ किया गया था और उसकी ओर से स्टे आर्डर लाया गया, वह स्टे आर्डर किस आधार पर लाया गया. इसकी जांच अभी तक भी नहीं की गई. जाटव ने विभाग की ओर से हुई लापरवाही का जवाब भी मांगा है.