चित्तौड़गढ़. लॉकडाउन के बीच राज्य सरकार ने आदेश जारी कर बड़ी राहत दी है. जारी आदेश के मुताबिक राज्य में अब रेस्टोरेंट्स, भोजनालय, मिठाई की दुकानें, होम डिलीवरी और केवल टेक अवे के लिए खोली जा सकेंगी. चितौड़गढ़ जिला कलेक्टर चेतनराम देवड़ा ने गुरुवार शाम डीआरडी हॉल में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों पर सभी ढाबे, हार्डवेयर की प्लंबिंग, कारपेंटर, पेंट इत्यादि की दुकानें, निर्माण सामग्री की दुकानें, एसी, कूलर, टीवी, इलेक्ट्रॉनिक, विद्युत संबंधी दुकानें, इलेक्ट्रॉनिक रिपेयरिंग की दुकानें और सेवाएं, वाहन विक्रय शोरूम खोले जा सकेंगे. बाजार के समय में कोई भी परिवर्तन नहीं किया गया.
उन्होंने कहा कि सभी दुकानों और कार्यस्थल के लिए पूर्व में जारी किए गए आदेशों में निर्धारित सुरक्षा उपायों जैसे बिना मास्क पहने किसी ग्राहक को सामान नहीं बेचने, मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने, निरंतर सैनिटाइजेशन व्यवस्था इत्यादि की पालना करनी होगी.
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में प्रवासियों के आवागमन को देखते हुए होम क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था के लिए समितियां गठित की हैं. जिला कलेक्टर ने बताया कि अभी तक जिले में 5 हजार 27 सैंपल लिए जा चुके हैं, जिसमें 141 पॉजिटिव आए हैं. इसके अतिरिक्त सीधे उदयपुर में 2 सैंपल लिए. कुल मिलाकर 5 हजार 29 सैंपल लिए गए और 143 पॉजिटिव आए. 182 सैंपल की रिपोर्ट आना शेष है.
जिला कलेक्टर ने बताया कि निंबाहेड़ा में जितनी तेजी से कोरोना पॉजिटिव की संख्या में बढ़ोतरी हुई थी, उतनी ही तेजी से संक्रमित लोग स्वस्थ हो रहे हैं. इनमें से 47 मरीजों की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें कुंदन लीला में स्टेप डाउन सेंटर में रखा गया है.
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जिला कलेक्टर ने बताया कि 9 मई के बाद जितने भी सैंपल लिए गए उनमें एक भी पॉजिटिव नहीं है. निंबाहेड़ा क्षेत्र में 9 मई से अब तक 1 हजार 92 सैंपल लिए गए जिनमें से 917 की रिपोर्ट आ गई है और 175 बाकी है. 175 में से 160 सैंपल बुधवार को लिए गए और 15 सैंपल मंगलवार को.
इस दौरान एसपी दीपक भार्गव ने कहा कि वैक्सीन या दवाई जब तक नहीं आती हमें इस रोग के साथ ही जीना सीखना होगा. जनता को मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंस बनाए रखना अपनी दिन चर्या में लागू करना होगा. अब अपील करने का समय निकल चुका है. लोगों को समझना ही होगा. उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन तक हम समझाइश करेंगे, लेकिन उसके बाद सख्ती करेंगे.
इस दौरान लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले के चालान काटेंगे और फिर भी नहीं माने तो मुकदमा दर्ज होगा. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान 126 मुकदमें दर्ज किए गए और 257 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.