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NDPS का डर दिखा 2 किसानों से वसूले 28 लाख रुपये, मंत्री आंजना ने धमकाया तो राशि लौटाई लेकिन नाम छिपा गए

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. पुलिस ने एडीपीएस का डर दिखाकर दो किसानों के 28 लाख रुपये वसूल लिए. हालांकि, मंत्री आंजना के हस्तक्षेप के बाद रुपये वापस तो हो गए, लेकिन खुद मंत्री ने भ्रष्ट पुलिसकर्मियों का नाम सामने नहीं आने दिया. जानिए पूरा मामला...

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Published : Dec 22, 2022, 8:16 PM IST

Police Illegal Recovery in Chittorgarh
किसानों के साथ मंत्री आंजना
किसने क्या कहा, सुनिए...

चित्तौड़गढ़. एनडीपीएस के एक पुराने मामले का डर दिखाकर पुलिस ने दो किसानों से 28 लाख रुपये की वसूली (Rupees 28 Lakh Recovered from Farmers) कर ली थी. जब मामला सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना तक पहुंचा और उनके धमकाने के बाद पुलिसकर्मी किसानों को राशि लौटा आए, लेकिन पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करवाना तो दूर खुद आंजना उनके नाम छिपा गए.

किसानों को राहत मिलने के बाद मंत्री आंजना ने भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को भी माफी दे दी, जबकि एक कैबिनेट मंत्री के नाते (Police Illegal Recovery in Chittorgarh) उनके कंधों पर संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करवाने की जिम्मेदारी है. हालांकि, पैसे वापस मिलने के बाद किसानों के आंसू छलक पड़े.

दरअसल, दोनों ही किसान पेच एरिया निंबाहेड़ा आंजना के ऑफिस पहुंचे और मंत्री आंजना का माल्यार्पण कर स्वागत किया. स्वागत करने का जब आंजना ने कारण पूछा तो उन्होंने पूरी दास्तां बताते हुए कहा कि एनडीपीएस के पुराने मामले में उनका नाम हट जाने के बावजूद कागजों में रह गया. उसी का डर दिखाकर पुलिस वालों ने उनसे 14-14 लाख रुपये वसूल कर लिए.

पढ़ें : सहकारिता मंत्री आंजना ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, कहा-विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा

दोनों ही गरीब किसान मंत्री जी के पास शिकायत लेकर पहुंचे तो पुलिसकर्मी डर के मारे उनके घर आकर राशि लौटा गए. इस मौके पर आंजना ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि जब उनके समक्ष यह बात आई तो उन्होंने पुलिस से संपर्क किया. नतीजतन, पुलिसकर्मी किसानों के घर जाकर राशि लौटा आए. उन्होंने किसानों से जागरूक रहने का आह्वान करते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति पुलिस के शोषण का शिकार है, यदि हिम्मत कर उनके पास पहुंचेंगे तो निश्चित ही उन्हें राहत दिलाने की कोशिश की जाएगी. जैसा कि इन दोनों ही किसानों को दिलाई गई.

इस मौके पर दोनों ही किसानों की आंखों से (Minister Anjana Helped the Farmers) आंसू छलक पड़े. देखने वाली बात यह है कि मंत्री आंजना द्वारा संबंधित पुलिस के नाम का खुलासा नहीं किया, जबकि कैबिनेट मंत्री के नाते उनकी सबसे अधिक जिम्मेदारी बनती है कि न केवल उनके नाम उजागर किए जाएं, बल्कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करवानी चाहिए थी.

किसने क्या कहा, सुनिए...

चित्तौड़गढ़. एनडीपीएस के एक पुराने मामले का डर दिखाकर पुलिस ने दो किसानों से 28 लाख रुपये की वसूली (Rupees 28 Lakh Recovered from Farmers) कर ली थी. जब मामला सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना तक पहुंचा और उनके धमकाने के बाद पुलिसकर्मी किसानों को राशि लौटा आए, लेकिन पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करवाना तो दूर खुद आंजना उनके नाम छिपा गए.

किसानों को राहत मिलने के बाद मंत्री आंजना ने भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को भी माफी दे दी, जबकि एक कैबिनेट मंत्री के नाते (Police Illegal Recovery in Chittorgarh) उनके कंधों पर संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करवाने की जिम्मेदारी है. हालांकि, पैसे वापस मिलने के बाद किसानों के आंसू छलक पड़े.

दरअसल, दोनों ही किसान पेच एरिया निंबाहेड़ा आंजना के ऑफिस पहुंचे और मंत्री आंजना का माल्यार्पण कर स्वागत किया. स्वागत करने का जब आंजना ने कारण पूछा तो उन्होंने पूरी दास्तां बताते हुए कहा कि एनडीपीएस के पुराने मामले में उनका नाम हट जाने के बावजूद कागजों में रह गया. उसी का डर दिखाकर पुलिस वालों ने उनसे 14-14 लाख रुपये वसूल कर लिए.

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दोनों ही गरीब किसान मंत्री जी के पास शिकायत लेकर पहुंचे तो पुलिसकर्मी डर के मारे उनके घर आकर राशि लौटा गए. इस मौके पर आंजना ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि जब उनके समक्ष यह बात आई तो उन्होंने पुलिस से संपर्क किया. नतीजतन, पुलिसकर्मी किसानों के घर जाकर राशि लौटा आए. उन्होंने किसानों से जागरूक रहने का आह्वान करते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति पुलिस के शोषण का शिकार है, यदि हिम्मत कर उनके पास पहुंचेंगे तो निश्चित ही उन्हें राहत दिलाने की कोशिश की जाएगी. जैसा कि इन दोनों ही किसानों को दिलाई गई.

इस मौके पर दोनों ही किसानों की आंखों से (Minister Anjana Helped the Farmers) आंसू छलक पड़े. देखने वाली बात यह है कि मंत्री आंजना द्वारा संबंधित पुलिस के नाम का खुलासा नहीं किया, जबकि कैबिनेट मंत्री के नाते उनकी सबसे अधिक जिम्मेदारी बनती है कि न केवल उनके नाम उजागर किए जाएं, बल्कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करवानी चाहिए थी.

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