चित्तौड़गढ़. जिले में बुधवार रात और गुरुवार सुबह से जारी झमाझम बारिश ने शादियों में खलल डाल दिया. देवउठनी के कारण बड़ी संख्या में विवाह आयोजित हुए, लेकिन बारिश की वजह से विवाह प्रबंध खराब हो गए. शादी में आए मेहमान भी इधर-उधर बचते नजर आए. लेकिन, बारिश के चलते किसानों के चेहरे खिल उठे. किसानों को कुछ दिनों के लिए सिंचाई से राहत मिल जाएगी, तो वहीं काले सोने के रूप में शुमार अफीम की फसल में नुकसान से इंकार नहीं किया जा सकता.
बुधवार को दिनभर तेज धूप के साथ हल्की गर्मी का एहसास हुआ, लेकिन शाम होते होते बादलों ने डेरा डाला दिया. रात करीब 8 बजे बाद झमाझम बारिश शुरू हो गई. बारिश के आने से सर्दी का असर भी तेज हो गया. देवउठनी ग्यारस पर शुरू हुए सावों में बारिश ने खलल डाल दिया. बुधवार को शहरी क्षेत्र में ही करीब 100 स्थानों पर विवाह समारोह के आयोजन हुए. ऐसे में बारिश में आयोजकों के लिए परेशानी पैदा कर दी. बारिश ने शादी-विवाह के आयोजनों को फीका करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. बारिश के चलते किसानों में खुशी का माहौल देखने को मिला है. जिला मुख्यालय के अलावा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बुधवार रात तेज बरसात का दौर था. गुरुवार सुबह भी जिले के कई क्षेत्रों में बादलों की गर्जन के साथ तेज बरसात शुरू हो गई. बारिश से फसलों को जीवनदान मिलेगा.
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इस वर्ष जिले में औसत से कम बरसात हुई है और जिले के अधिकांश जलाशय खाली पड़े हुए हैं. भूमिगत जल स्तर भी काफी नीचे चला गया है. किसान सिंचाई को लेकर काफी परेशान हो रहे थे. मावठ की बरसात से गेहूं, चना, सरसों आदि फसलों को जीवनदान मिलेगा. किसानों को कुछ दिनों के लिए सिंचाई करने से निजात मिल जाएगी. बताया जा रहा है कि अफीम की फसल के लिए यह बरसात नुकसानदेह हो सकती है.