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निजी हॉस्पिटल में मरीज की जान से खिलवाड़ का आरोप, परिजनों के साथ दिया धरना

चित्तौड़गढ़ में निजी अस्पताल की लापरवाही के एक मामले में कार्रवाई नहीं होने पर पीड़ित ने एसपी से गुहार लगाई है. पीड़ित ने अस्पताल के खिलाफ लापरवाही बरतते हुए उसकी जान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. वहीं अस्पताल संचालक ने इस मामले को झूठा बताया है.

Complaint against Hospital, Hospital Negligence in Chittorgarh
निजी हॉस्पिटल में मरीज की जान से खिलवाड़ का आरोप
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Published : Jul 15, 2020, 9:35 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिला मुख्यालय पर लोगों ने एक निजी अस्पताल संचालक के खिलाफ उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी पीड़ित का आरोप है कि अस्पताल में उपचार के दौरान लापरवाही बरतकर उसकी जान के साथ खिलवाड़ किया. इस लापरवाही की शिकायत थाने में की गई, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.

निजी हॉस्पिटल में मरीज की जान से खिलवाड़ का आरोप

वहीं दूसरी ओर अस्पताल संचालक ने इस पूरे मामले को झूठा बताया है. उसने कहा है कि उसके अस्पताल में ऐसा कोई ऑपरेशन ही नहीं हुआ है. अस्पताल संचालक ने बताया कि मरीज उसके गांव का रहने वाला है. अक्सर उससे पैसे ले जाता था. अब जब पैसे ज्यादा हो गए हैं, तो मरीज की नीयत पैसे देने की नहीं है, तो प्रदर्शन कर रहा है. वहीं पीड़ित ने मामले में कार्रवाई नहीं होने पर जिला पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के करने के लिए ज्ञापन सौंपा है.

क्या है पूरा मामला

भीलवाड़ा निवासी हमीद मोहम्मद ने बताया कि उसने पिछले साल नवम्बर में अहमदाबाद के निजी चिकित्सालय में अपना पथरी का ऑपरेशन करवाया था. जहां उपचार के दौरान स्टंट डाला गया था. इसे एक पखवाड़े बाद निकलवाना था. राजस्थान हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर कामिल ने उपचार करने का आश्वासन दिया और उसे भर्ती कर लिया. लेकिन उपचार के नाम पर उसे बेहोश कर ढाई घंटे तक स्टंट से खींचतान की गई, जिससे उसके शरीर के अंदरूनी नसें फट गईं.

पढ़ें- SFI ने HRD मंत्रालय की गाइडलाइन की प्रतियां जलाईं, जिला कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन

मरीज ने आरोप लगाया है कि स्टंट दूसरी तरफ डाला गया था, लेकिन जहां स्टंट नहीं था, ऑपरेशन वहां का किया गया. ऐसे में उसके शरीर की नसें फट गईं और पेशाब बंद हो गया. उसे तत्काल भीलवाड़ा के निजी हॉस्पिटल ले जाना पड़ा था. तब राजस्थान हॉस्पिटल के संचालक ने गलती मानी और खर्चा देने की बात कही थी, लेकिन आज तक इसने उपचार में खर्चा हुआ पैसा नहीं दिया है.

मरीज ने बताया कि उसने इस मामले को लेकर सदर थाने में भी रिपोर्ट दी, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद पीड़ित हमीद ने अपने परिजनों के साथ हाथों में तख्तियां लेकर चितौड़गढ़ में प्रतापनगर स्थित राजस्थान हॉस्पिटल के सामने प्रदर्शन किया. मामले की जानकारी मिलने पर सदर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची थी.

पढ़ें- शक्तावत के घर चस्पा किया नोटिस, पत्नी ने जताई आपत्ति...क्या कहा सुनिये

बता दें कि इस अस्पताल के खिलाफ यह पहली शिकायत नहीं है. इससे पहले भी अस्पताल पर लापरवाही करने की कई शिकायतें सामने आई हैं. इस मामले में भी पुलिस में रिपोर्ट दी गई है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. बुधवार दोपहर में पीड़ित पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी पहुंचा, जहां चिकित्सक के खिलाफ रिपोर्ट देते हुए कार्रवाई की मांग की है. इधर, सदर थाना पुलिस का कहना है कि इस मामले की जांच जारी है.

चित्तौड़गढ़. जिला मुख्यालय पर लोगों ने एक निजी अस्पताल संचालक के खिलाफ उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी पीड़ित का आरोप है कि अस्पताल में उपचार के दौरान लापरवाही बरतकर उसकी जान के साथ खिलवाड़ किया. इस लापरवाही की शिकायत थाने में की गई, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.

निजी हॉस्पिटल में मरीज की जान से खिलवाड़ का आरोप

वहीं दूसरी ओर अस्पताल संचालक ने इस पूरे मामले को झूठा बताया है. उसने कहा है कि उसके अस्पताल में ऐसा कोई ऑपरेशन ही नहीं हुआ है. अस्पताल संचालक ने बताया कि मरीज उसके गांव का रहने वाला है. अक्सर उससे पैसे ले जाता था. अब जब पैसे ज्यादा हो गए हैं, तो मरीज की नीयत पैसे देने की नहीं है, तो प्रदर्शन कर रहा है. वहीं पीड़ित ने मामले में कार्रवाई नहीं होने पर जिला पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के करने के लिए ज्ञापन सौंपा है.

क्या है पूरा मामला

भीलवाड़ा निवासी हमीद मोहम्मद ने बताया कि उसने पिछले साल नवम्बर में अहमदाबाद के निजी चिकित्सालय में अपना पथरी का ऑपरेशन करवाया था. जहां उपचार के दौरान स्टंट डाला गया था. इसे एक पखवाड़े बाद निकलवाना था. राजस्थान हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर कामिल ने उपचार करने का आश्वासन दिया और उसे भर्ती कर लिया. लेकिन उपचार के नाम पर उसे बेहोश कर ढाई घंटे तक स्टंट से खींचतान की गई, जिससे उसके शरीर के अंदरूनी नसें फट गईं.

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मरीज ने आरोप लगाया है कि स्टंट दूसरी तरफ डाला गया था, लेकिन जहां स्टंट नहीं था, ऑपरेशन वहां का किया गया. ऐसे में उसके शरीर की नसें फट गईं और पेशाब बंद हो गया. उसे तत्काल भीलवाड़ा के निजी हॉस्पिटल ले जाना पड़ा था. तब राजस्थान हॉस्पिटल के संचालक ने गलती मानी और खर्चा देने की बात कही थी, लेकिन आज तक इसने उपचार में खर्चा हुआ पैसा नहीं दिया है.

मरीज ने बताया कि उसने इस मामले को लेकर सदर थाने में भी रिपोर्ट दी, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद पीड़ित हमीद ने अपने परिजनों के साथ हाथों में तख्तियां लेकर चितौड़गढ़ में प्रतापनगर स्थित राजस्थान हॉस्पिटल के सामने प्रदर्शन किया. मामले की जानकारी मिलने पर सदर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची थी.

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बता दें कि इस अस्पताल के खिलाफ यह पहली शिकायत नहीं है. इससे पहले भी अस्पताल पर लापरवाही करने की कई शिकायतें सामने आई हैं. इस मामले में भी पुलिस में रिपोर्ट दी गई है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. बुधवार दोपहर में पीड़ित पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी पहुंचा, जहां चिकित्सक के खिलाफ रिपोर्ट देते हुए कार्रवाई की मांग की है. इधर, सदर थाना पुलिस का कहना है कि इस मामले की जांच जारी है.

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