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चित्तौड़गढ़: निजी सीमेंट कंपनी पर जमीन कब्जाने का आरोप, ग्रामीणों ने दिया ज्ञापन

चित्तौड़गढ़ जिले के निंबाहेड़ा तहसील के ग्रामीणों ने एक निजी सीमेंट कंपनी के खिलाफ चरनोट और खातेदारी जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है. साथ ही ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन पर भी मिली भगत का आरोप लगाया है. जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर ग्रामीणों ने कंपनी के खिलाफ निष्पक्ष जांच और करने की मांग की है.

चित्तौड़गढ़ में सीमेंट कंपनी पर आरोप, चित्तौड़गढ़ न्यूज, Charges on Cement Company in Chittorgarh
सीमेंट कंपनी पर जमीन कब्जे का आरोप
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Published : Jul 27, 2020, 5:23 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले के निंबाहेड़ा तहसील में स्थापित एक निजी सीमेंट उधोग के खिलाफ ग्रामीणों ने चरनोट और खातेदारी जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है. क्षेत्र के कारूंडा, माल्याखेड़ी और धनोरा के ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट के सामने उधोग के खिलाफ प्रदर्शन किया है. वहीं ग्रामीणों ने अवैध ब्लास्टिंग का आरोप लगाते हुए अपनी मांगों को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया है. इसमें करीब 186 बीघा जमीन पर कब्जे का आरोप लगाया है.

जानकारी के अनुसार निम्बाहेड़ा उपखण्ड क्षेत्र में स्थापित निजी सीमेंट कंपनी के खिलाफ ग्रामीण चित्तौड़गढ़ कलक्ट्रेट पहुंचे. यहां डेयरी संघ के अध्यक्ष बद्रीलाल जाट के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया है. इसमें कारूंडा, धनोरा माल्याखेड़ी के ग्रामवासियों ने बताया कि सीमेंट कंपनी की ओर से जिस चरनोट भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर माइनिंग की जा रही है, उस जमीन पर गांव के पशु चरते हैं. साथ ही जो खातेदारी जमीन है, उस पर किसान खेती करते हैं. अब ऐसे में गांव वालों को पशुओं के चरने और खेती करने के लिए जमीन कम पड़ जाएगी. वहीं कंपनी की ओर से किसानों का इसका मुआवजा भी नहीं दिया गया.

ये पढ़ें: कांग्रेस के प्रदर्शन में शामिल वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ AAP ने की मुकदमा दर्ज करने की मांग

ग्रामवासियों नेबताया कि कंपनी द्वारा जमीन के अंदर भूमिगत बारूद बिछा दिया गया है. जिससे ग्रामीण और काश्तकार जमीन छोड़कर चले जाने को आमादा है. ग्रामवासियों के इस बात को लेकर विरोध करने पर कंपनी प्रशासन की ओर से उन पर झूठे मुकदमे तक दर्ज कराए जा रहे हैं. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन से मिलीभगत कर ग्रामवासियों को डराया और धमकाया जा रहा है.

साथ ही साथ ग्रामवासियों का यह कहना भी है कि, इन सब बातों की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को मौके मौके पर दी गई है. फिर भी किसी भी अधिकारी और पुलिस प्रशासन की ओर से कंपनी के प्रबंधन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. पुलिस उप अधीक्षक निंबाहेड़ा को समस्त घटनाओं से अवगत करा दिया गया तो उन्होंने उल्टा ग्रामवासियों को डरा धमका कर जमीन छोड़ कर चले जाने को कहा.

ये पढ़ें: कोई बंदरों को केले खिला रहा तो कोई मंदिरों में कर रहा हवन...जानें क्यों

ऐसे में ग्रामवासियों की मांग है कि, इस पूरे घटनाक्रम की निंबाहेड़ा प्रशासन के अलावा अन्य किसी दूसरे प्रशासनिक अधिकारियों से निष्पक्ष जांच कराई जाए. उनकी जान-माल की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी ले. साथ ही निजी सीमेंट कंपनी प्रबंधन के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए.

चित्तौड़गढ़. जिले के निंबाहेड़ा तहसील में स्थापित एक निजी सीमेंट उधोग के खिलाफ ग्रामीणों ने चरनोट और खातेदारी जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है. क्षेत्र के कारूंडा, माल्याखेड़ी और धनोरा के ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट के सामने उधोग के खिलाफ प्रदर्शन किया है. वहीं ग्रामीणों ने अवैध ब्लास्टिंग का आरोप लगाते हुए अपनी मांगों को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया है. इसमें करीब 186 बीघा जमीन पर कब्जे का आरोप लगाया है.

जानकारी के अनुसार निम्बाहेड़ा उपखण्ड क्षेत्र में स्थापित निजी सीमेंट कंपनी के खिलाफ ग्रामीण चित्तौड़गढ़ कलक्ट्रेट पहुंचे. यहां डेयरी संघ के अध्यक्ष बद्रीलाल जाट के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया है. इसमें कारूंडा, धनोरा माल्याखेड़ी के ग्रामवासियों ने बताया कि सीमेंट कंपनी की ओर से जिस चरनोट भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर माइनिंग की जा रही है, उस जमीन पर गांव के पशु चरते हैं. साथ ही जो खातेदारी जमीन है, उस पर किसान खेती करते हैं. अब ऐसे में गांव वालों को पशुओं के चरने और खेती करने के लिए जमीन कम पड़ जाएगी. वहीं कंपनी की ओर से किसानों का इसका मुआवजा भी नहीं दिया गया.

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ग्रामवासियों नेबताया कि कंपनी द्वारा जमीन के अंदर भूमिगत बारूद बिछा दिया गया है. जिससे ग्रामीण और काश्तकार जमीन छोड़कर चले जाने को आमादा है. ग्रामवासियों के इस बात को लेकर विरोध करने पर कंपनी प्रशासन की ओर से उन पर झूठे मुकदमे तक दर्ज कराए जा रहे हैं. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन से मिलीभगत कर ग्रामवासियों को डराया और धमकाया जा रहा है.

साथ ही साथ ग्रामवासियों का यह कहना भी है कि, इन सब बातों की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को मौके मौके पर दी गई है. फिर भी किसी भी अधिकारी और पुलिस प्रशासन की ओर से कंपनी के प्रबंधन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. पुलिस उप अधीक्षक निंबाहेड़ा को समस्त घटनाओं से अवगत करा दिया गया तो उन्होंने उल्टा ग्रामवासियों को डरा धमका कर जमीन छोड़ कर चले जाने को कहा.

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ऐसे में ग्रामवासियों की मांग है कि, इस पूरे घटनाक्रम की निंबाहेड़ा प्रशासन के अलावा अन्य किसी दूसरे प्रशासनिक अधिकारियों से निष्पक्ष जांच कराई जाए. उनकी जान-माल की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी ले. साथ ही निजी सीमेंट कंपनी प्रबंधन के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए.

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