चित्तौड़गढ़. जिले में तैयार पड़ी अफीम की तुलाई को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. जिले के अफीम किसानों को रियायत देने के उद्देश्य से अफीम तुलाई की प्रक्रिया में कई परिवर्तन भी किए जाने के प्रयास किए गए. बुधवार से अफीम तौल का काम शुरू किया जाएगा. इस संबंध में किसानों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. जिसमें मुख्य रूप से किसानों को मास्क लगाना अनिवार्य होगा. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी करनी होगी.
जानकारी के अनुसार जिले में अफीम के तीन खंड हैं. जिनमें प्रथम खंड में चित्तौड़गढ़, भदेसर, वल्लभनगर तहसील में 5201 पट्टे हैं. वहीं द्वितीय खंड में कपासन, राशमी, गंगरार, भूपालसागर, डूंगला और मावली तहसील में कुल 4597 पट्टे हैं. तृतीय खंड में बड़ीसादड़ी व निम्बाहेड़ा तहसील के 5645 किसानों को अफीम बुवाई के पट्टे दिए गए है. इनमें से प्रथम खंड में 570, द्वितीय खण्ड में 503 और तृतीय खण्ड में 250 किसानों ने अफीम की फसल की हंकाई के लिए आवेदन किए हैं.
लॉकडाउन के चलते लम्बे समय से किसानों की अफीम चिराई-लुआई के बाद किसानों के खेतों या घरों में पड़ी है. जिसकी जानवरों व तस्करों से सुरक्षा करना बड़ी समस्या बनी हुई है. इसे लेकर सांसद की पहल के बाद तौल प्रक्रिया शुरू कराए जाने की कवायद शुरू हो पाई है.
प्रथम खण्ड के किसानों की अफीम का तोल मुख्यालय के नारकोटिक्स कार्यालय के प्रांगण में होगा. इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली है. छाया, पेयजल और सोशल डिस्टेंस के साथ किसानों को किसी प्रकार की समस्या ना हो इस बात के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे है. निम्बाहेड़ा में कर्फ्यू के कारण अफीम तौल शुरू होने में समय लगेगा. इस बार बेगूं में भी अफीम तौल होगा.
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गौरतलब है कि अफीम तोल को लेकर तुलाई प्रारंभ करने के लिए सांसद सीपी जोशी ने मांग उठाई थी. तौल से पूर्व लॉकडाउन लागू हो जाने के चलते किसानों की अफीम की सुरक्षा की समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार के निर्देश पर 6 मई से तौल शुरू किया जा रहा है.सांसद जोशी ने बताया कि बेगूं के अफीम किसानों का तौल केन्द्र सिंगोली में बनाया जाता है. वहीं निम्बाहेड़ा में कोरोना के चलते कर्फ्यू लगाया गया है. इसे लेकर बेगूं का तौल केन्द्र बेगूं में और निम्बाहेड़ा के किसानों के लिए अन्य क्षेत्र में तौल केन्द्र बनाए जाने का प्रयास किया जा है.