चित्तौड़गढ़. राज्य सरकार के 2 वर्ष पूरे होने पर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना शनिवार दोपहर चित्तौड़गढ़ पहुंचे. जहां दोनों मंत्रियों ने ग्रामीण विकास सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा की. इसके अलावा उन्होंने ई-मित्र संबंधी शिकायत पर ध्यान देने पर जोर दिया. साथ ही इंदिरा रसोई के बेहतर संचालन के लिए अधिकारियों की पीठ भी थपथपाई.
बता दें कि बैठक में सबसे पहले चिकित्सा विभाग की योजनाओं की समीक्षा के दौरान जिला कलेक्टर केके शर्मा ने मुख्यमंत्री निशुल्क दवा वितरण और जांच से लाभान्वित लोगों की संख्या के बारे में जानकारी दी. इसके अलावा शुद्ध के लिए युद्ध परिणामों को देखकर मंत्री खाचरियावास भी चौक गए. जिसमें 26 अक्टूबर से 14 नवंबर तक केवल 63 नमूने लिए गए हैं. इनमें से आधे से अधिक याानि 33 नमूने फेल बताए गए हैं. इस मामले में मंत्री खाचरियावास ने पूछा तो जिला कलेक्टर ने बताया कि यहां खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के दोनों ही पद खाली हैं.
साथ ही कलेक्टर ने कहा कि अभियान के दौरान भी बाहर से अधिकारियों को बुलाकर नमूने लिए गए हैं. चित्तौड़गढ़ जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत 18 हजार 809 मरीज का चयन करते हुए 3 करोड़ 30 लाख के पैकेज बुक किए गए. जिसमें खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले में 1 लाख 16 हजार 112 परिवारों को एक रुपए किलो गेहूं दिए जा रहे हैं. साथ ही जांच के दौरान करीब 1100 लोग सरकारी कर्मचारी योजना का लाभ उठा रहे हैं.
इसके अलावा जिला कलेक्टर शर्मा ने वन नेशन वन राशन कार्ड योजना पर जानकारी देते हुए बताया कि करीब 94 फीसदी उपभोक्ताओं को आधार कार्ड से जोड़ दिया गया है. साथ ही जिला कलेक्टर ने शहर सहित नगरीय निकाय इलाकों में इंदिरा रसोई योजना के बेहतर तरीके से संचालन की जानकारी दी और बताया कि कल तक 2 लाख 48 हजार 287 लोग लाभान्वित हो चुके थे. जिसपर मंत्री खाचरियावास ने इस पर खुशी जताई और कहा कि यह मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. उम्मीद है कि लोगों को राहत मिल रही होगी.
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बैठक में ई-मित्र योजना पर चर्चा करते हुए सैनिक कल्याण मंत्री खाचरियावास ने इस पर कड़ी निगरानी की जरूरत बताते हुए कहा कि संचालक हर योजना का मनमाना दाम वसूल रहे हैं, जबकि यह पूरी तरह से जनता के लिए संचालित है. साथ ही उन्होंने मतदाता सूची में नाम जुड़वाने का उदाहरण देते हुए अफसोस जताया कि अधिकारी तक संबंधित व्यक्ति को ऑनलाइन जाकर नाम जुड़वाने के लिए कहते हैं, जबकि कोई भी अधिकारी इस प्रकार का जवाब नहीं दे सकता. वहीं, सहकारिता मंत्री आंजना ने भी खाचरियावास की बात का समर्थन करते हुए कहा कि समर्थन मूल्य पर फसल की खरीद के दौरान लोग ई-मित्र को लेकर इधर-उधर भटकते रहते हैं. यहां तक कि निर्धारित दर से भी अधिक वसूली की जाती है. बैठक के दौरान निर्माण विभाग, पेयजल, शिक्षा, पशुधन, उद्योग, जिला परिषद हित विभिन्न विभागीय योजनाओं की एक-एक कर समीक्षा की गई.