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चित्तौड़गढ़: बंदियों की कोरोना जांच पुलिस के लिए बनी मुसीबत - जेल में फैला कोरोना

चित्तौड़गढ़ की विभिन्न जेलों के बंदियों की कोरोना जांच की जा रही है. जिसके लिए उन्हें जांच केंद्रों में लाया जाता है. इस दौरान पुलिसकर्मियों और बंदियों को घंटों इंतजार करना पड़ता है. जिसके चलते पुलिसकर्मियों में आरोपियों के भागने का डर बना रहता हैं.

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टीन शेड के नीचे आरोपियों को लेकर खड़ी पुलिस
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Published : Jul 7, 2020, 8:05 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले के विभिन्न थानों में और जेल में बंद बंदियों की कोरोना जांच पुलिस के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है. घंटों इंतजार के बाद बंदियों की कोरोना जांच हो रही है. कुछ को तो दूसरे दिन फिर से जांच के लिए लाना पड़ रहा है. खुले परिसर में टीन शेड के नीचे घंटों पुलिस गंभीर अपराधों में लिप्त बदमाशों को लेकर बैठी रहती है. इससे बंदियों के भागने का खतरा बना हुआ है.

टीन शेड के नीचे आरोपियों को लेकर खड़ी पुलिस

जानकारी के अनुसार, जिला मुख्यालय पर निम्बाहेड़ा मार्ग स्थित सीताफल अनुसंधान केन्द्र में अस्थाई रूप से बनाए गए कोविड अस्पताल का संचालन किया जा रहा है. जहां कोरोना पॉजिटिव रोगी और जांच रिपोर्ट के लिए आने वाले लोगों के लिए आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है. कोरोना जांच के लिए सैंपलिंग भी यहीं होती है. कोविड हॉस्पिटल में सैंपल लेने में होने वाली देरी के चलते यहां लाए जाने वाले बंदियों की सुरक्षा बड़ी परेशानी बनी हुई है. पुलिसकर्मी बंदियों को एक टीन शेड के नीचे लेकर जांच के लिए इंतजार करते हैं.

कुछ ऐसा ही नजारा मंगलवार को भी देखने को मिला, जब पुलिस और जेल के प्रहरी बंदियों को लेकर सुबह 10.30 बजे केंद्र पर पहुंच गए, लेकिन डेढ़ बजे तक उनकी सैंपलिंग नहीं हो पाई. यहां लाए जाने वाले बंदी और विभिन्न मामले में पकड़े गए आरोपियों के भागने का डर पुलिसकर्मियों में बना हुआ है. गौरतलब है कि करीब एक माह पूर्व में नारकोटिक्स विभाग की ओर से अफीम तस्करी में पकड़ा गया आरोपी जिला चिकित्सालय के आईसोलेशन वार्ड से भाग गया था, जो आज तक पकड़ में नहीं आया है. ऐसे में खुले क्षेत्र में इंतजार के दौरान बंदियों के भागने का खतरा रहता है.

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टीन शेड के नीचे आरोपियों को लेकर खड़ी पुलिस

मंगलवार को भी राशमी थाने से लूट के मामले में एक बाल अपचारी सहित पांच आरोपियों को, शम्भूपुरा थाने से पॉक्सो एक्ट में एक, सदर थाना चितौड़गढ़ से छेड़छाड़ के आरोप में तीन, गंगरार से डकैती के आरोपियों सहित जिला जेल से एनडीपीएस एक्ट में बंद तीन आरोपियों को जांच के लिए कोविड हॉस्पिटल लाया गया था. यहां आने के बाद करीब चार घंटें तक इनकी जांच नहीं हो पाई, बाद में इनके सैंपल लेकर भेजे गए.

यह भी पढ़ें. Exclusive: राजस्व अर्जित करना और Pending Project को पूरा करना प्राथमिकता : जेडीसी गौरव गोयल

बताया जा रहा है कि सदर थाना और गंगरार थाना पुलिस सोमवार को भी बंदियों को कोविड जांच के लिए लेकर आई थी, तब भी इन्हें देरी से आने का हवाला देकर लौटा दिया गया था. वहीं मंगलवार को जल्दी आये तो भी दोपहर 1.45 बजे तक इंतजार करना पड़ा. इस मामले में जब चिकित्सकों से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने कोरोना जांच में व्यस्त होने की बात कही.

चित्तौड़गढ़. जिले के विभिन्न थानों में और जेल में बंद बंदियों की कोरोना जांच पुलिस के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है. घंटों इंतजार के बाद बंदियों की कोरोना जांच हो रही है. कुछ को तो दूसरे दिन फिर से जांच के लिए लाना पड़ रहा है. खुले परिसर में टीन शेड के नीचे घंटों पुलिस गंभीर अपराधों में लिप्त बदमाशों को लेकर बैठी रहती है. इससे बंदियों के भागने का खतरा बना हुआ है.

टीन शेड के नीचे आरोपियों को लेकर खड़ी पुलिस

जानकारी के अनुसार, जिला मुख्यालय पर निम्बाहेड़ा मार्ग स्थित सीताफल अनुसंधान केन्द्र में अस्थाई रूप से बनाए गए कोविड अस्पताल का संचालन किया जा रहा है. जहां कोरोना पॉजिटिव रोगी और जांच रिपोर्ट के लिए आने वाले लोगों के लिए आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है. कोरोना जांच के लिए सैंपलिंग भी यहीं होती है. कोविड हॉस्पिटल में सैंपल लेने में होने वाली देरी के चलते यहां लाए जाने वाले बंदियों की सुरक्षा बड़ी परेशानी बनी हुई है. पुलिसकर्मी बंदियों को एक टीन शेड के नीचे लेकर जांच के लिए इंतजार करते हैं.

कुछ ऐसा ही नजारा मंगलवार को भी देखने को मिला, जब पुलिस और जेल के प्रहरी बंदियों को लेकर सुबह 10.30 बजे केंद्र पर पहुंच गए, लेकिन डेढ़ बजे तक उनकी सैंपलिंग नहीं हो पाई. यहां लाए जाने वाले बंदी और विभिन्न मामले में पकड़े गए आरोपियों के भागने का डर पुलिसकर्मियों में बना हुआ है. गौरतलब है कि करीब एक माह पूर्व में नारकोटिक्स विभाग की ओर से अफीम तस्करी में पकड़ा गया आरोपी जिला चिकित्सालय के आईसोलेशन वार्ड से भाग गया था, जो आज तक पकड़ में नहीं आया है. ऐसे में खुले क्षेत्र में इंतजार के दौरान बंदियों के भागने का खतरा रहता है.

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मंगलवार को भी राशमी थाने से लूट के मामले में एक बाल अपचारी सहित पांच आरोपियों को, शम्भूपुरा थाने से पॉक्सो एक्ट में एक, सदर थाना चितौड़गढ़ से छेड़छाड़ के आरोप में तीन, गंगरार से डकैती के आरोपियों सहित जिला जेल से एनडीपीएस एक्ट में बंद तीन आरोपियों को जांच के लिए कोविड हॉस्पिटल लाया गया था. यहां आने के बाद करीब चार घंटें तक इनकी जांच नहीं हो पाई, बाद में इनके सैंपल लेकर भेजे गए.

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बताया जा रहा है कि सदर थाना और गंगरार थाना पुलिस सोमवार को भी बंदियों को कोविड जांच के लिए लेकर आई थी, तब भी इन्हें देरी से आने का हवाला देकर लौटा दिया गया था. वहीं मंगलवार को जल्दी आये तो भी दोपहर 1.45 बजे तक इंतजार करना पड़ा. इस मामले में जब चिकित्सकों से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने कोरोना जांच में व्यस्त होने की बात कही.

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