ETV Bharat / state

कोरोना से बचाव का जतन : गांव खाली कर देवताओं को मनाने जंगल पहुंचे ग्रामीण, धूप ध्यान कर मांगी सलामती की दुआ

चित्तौड़गढ़ में लोग कोरोना को भगाने के लिए अंधविश्वास का सहारा ले रहे हैं. किशनपुरा का गांव सेमलिया पूरा विरान नजर आया. लोग घर छोड़कर जंगल में चले गए और वहां पूजा-अर्चना की.

चित्तौड़गढ़ में कोरोना केस, Rajasthan news
चित्तौड़गढ़ में जंगल पहुंच लोगों ने की पूजा
author img

By

Published : May 17, 2021, 6:39 AM IST

चित्तौड़गढ़. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए से निंबाहेड़ा ग्रामीण अंचल में लोग चिकित्सा के बजाय अब भी अंधविश्वासों का सहारा ले रहे हैं. यहां तक की देवी-देवताओं को खुश करने के लिए गांव खाली करने और जंगल में भोजन बनाकर धूप ध्यान तक किया जा रहा है.

चित्तौड़गढ़ में जंगल पहुंच लोगों ने की पूजा

निंबाहेड़ा इलाके के ग्राम पंचायत डाला उर्फ किशनपुरा का गांव सेमलिया रविवार को पूरी तरह से विरान नजर आया. इस महामारी से मुकाबले के लिए गांव के देवी-देवताओं को खुश करने के लिए हादसे पंच पटेलों ने एक बार गांव खाली करने का फैसला किया था. उसी के क्रम में सुबह ही लोग अपने-अपने घर छोड़कर खेतों पर पहुंचने लगे. कुछ लोगों ने अलग खाना बनाया तो कुछ लोग सामाजिक स्तर पर भोजन तैयार करते दिखाई दिए. गांव के हनुमान मंदिर सहित अपने इष्ट देवताओं को धूप लगाकर कोरोना से अपने बचाव के लिए प्रार्थना की गई. इससे पहले मंदिर का गोमूत्र शुद्धिकरण किया गया. पूजा अर्चना के बाद गांव में हाइपोक्लोराइड का छिड़काव किया गया.

यह भी पढ़ें. मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी: कोरोना से जंग में माड़ा गांव के युवा बने सुरक्षा प्रहरी

ग्राम पंचायत किशनपुरा के सरपंच बाबूलाल धाकड़ भी इसके पक्ष में नजर आए. उनका कहना था कि यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है. सावन महीने में बारिश नहीं आने पर इंद्रदेव को मनाने के लिए की जाती है लेकिन इस वर्ष इस कोरोना वायरस से बचाव के लिए यह परंपरा का निर्वहन किया है.

चित्तौड़गढ़. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए से निंबाहेड़ा ग्रामीण अंचल में लोग चिकित्सा के बजाय अब भी अंधविश्वासों का सहारा ले रहे हैं. यहां तक की देवी-देवताओं को खुश करने के लिए गांव खाली करने और जंगल में भोजन बनाकर धूप ध्यान तक किया जा रहा है.

चित्तौड़गढ़ में जंगल पहुंच लोगों ने की पूजा

निंबाहेड़ा इलाके के ग्राम पंचायत डाला उर्फ किशनपुरा का गांव सेमलिया रविवार को पूरी तरह से विरान नजर आया. इस महामारी से मुकाबले के लिए गांव के देवी-देवताओं को खुश करने के लिए हादसे पंच पटेलों ने एक बार गांव खाली करने का फैसला किया था. उसी के क्रम में सुबह ही लोग अपने-अपने घर छोड़कर खेतों पर पहुंचने लगे. कुछ लोगों ने अलग खाना बनाया तो कुछ लोग सामाजिक स्तर पर भोजन तैयार करते दिखाई दिए. गांव के हनुमान मंदिर सहित अपने इष्ट देवताओं को धूप लगाकर कोरोना से अपने बचाव के लिए प्रार्थना की गई. इससे पहले मंदिर का गोमूत्र शुद्धिकरण किया गया. पूजा अर्चना के बाद गांव में हाइपोक्लोराइड का छिड़काव किया गया.

यह भी पढ़ें. मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी: कोरोना से जंग में माड़ा गांव के युवा बने सुरक्षा प्रहरी

ग्राम पंचायत किशनपुरा के सरपंच बाबूलाल धाकड़ भी इसके पक्ष में नजर आए. उनका कहना था कि यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है. सावन महीने में बारिश नहीं आने पर इंद्रदेव को मनाने के लिए की जाती है लेकिन इस वर्ष इस कोरोना वायरस से बचाव के लिए यह परंपरा का निर्वहन किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.