ETV Bharat / state

किसानों के लिए सिरदर्द बने 'नशेड़ी' तोते...चट कर जा रहे अफीम की खेती

चित्तौड़गढ़ के कपासन क्षेत्र में अफीम की खेती करने वाले किसान के लिए नशाखोर तोते परेशानी का सबब बनते जा रहे है, जो नशे की लत के चलते अफीम खेतों से डोडा पोस्त की चोरी कर रहे हैं. जिनको खेतों से भगाने के लिए किसानों को दिन और रात खेतों की रखवाली करनी पड़ती है.

चित्तौड़गढ़ खबर, Chittorgarh news
नशा खोर तोतों से परेशान अफीम किसान
author img

By

Published : Apr 25, 2020, 4:35 PM IST

कपासन (चित्तौड़गढ़). क्या आपने कभी आसमान में उड़ते ऐसे चोरों को देखा है जो देखते ही देखते चोरी करके उड़ जाते है. जो दिखाई तो देते है पर लोग ना तो इन्हे पकड़ पाते है और ना ही पुलिस को इनकी रिपोर्ट कर पाते है. यह चोर कोई आभूषण या वस्तु नहीं चुराते ये शातीर चोर सिर्फ काले सोने यानी की अफीम की फसल से डोडा की चोरी करते है. हैरान करने की बात तो यह है कि यह चोरी चित्तौड़गढ़ के कपासन क्षेत्र के अफीम के खेतों में हो रही है.

नशा खोर तोतों से परेशान अफीम किसान

नशे की लत के शिकार तोते

बता दें जब अफीम की फसल पक कर तैयार हो जाती है तो इसकी लत के शिकार तोते कभी अकेले तो कभी झुंड में आकर डोडा पोस्त को तोड़ कर ले जाते है. क्षेत्र में अफीम की फसल बहुतायात से की जाती है. पक्षियों से अफीम के डोडो की सुरक्षा करने के लिये पुरे खेत को प्लास्टिक की झालियों से ढक दिया जाता है, फिर भी कुछ नशा बाज तोते अपनी पैनी चोच से प्लास्टिक की झाली को काट कर किसी भी तरह डोडो तक पहुंच जाते है.

नशेड़ी तोतों को मिल रहा आसानी से नशा

क्षेत्र में 503 किसान ऐसे है जिन्होंने अफीम की फसल से तोतों को भगाने के लिए नारकोटिक्स विभाग में अर्जिया दे रखी है. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते जारी लॉकडाउन के कारण विभाग की ओर से तोतों को भगाने में षिथलता बरती जा रही है. किसानों को पोस्त का फायदा मिले. इसके लिए विभाग द्वारा फसल सुखने का इन्तजार किया जाता है. लेकिन लाॅकडाउन के कारण काफी समय निकल जाने के बाद भी फसल की हंकाई नहीं हो पा रही हैं. जिसके चलते नशेड़ी तोतों को अफीम का नशा आसानी से उपलब्ध हो रहा है.

पढ़ेंः चित्तौड़गढ़: जमीनी विवाद को लेकर एक ही परिवार के चार सदस्यों पर कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला

सैकड़ों की संख्या में किसानों से किए हंकाई के आवेदन

चितौड़गढ़ में अफीम किसानों को तीन खंड में विभक्त किया है. जिसमें उदयपुर की वल्लभनगर और मावली तहसील भी शामिल है. जानकारी के अनुसार खंड प्रथम में चित्तौड़गढ़, भदेसर, वल्लभनगर तहसील शामिल हैं. जिनमें 5207 किसानों ने अफीम की बुवाई की और कुल 470 ने हकाई के आवेदन दिए है. वहीं द्वितीय खंड में कपासन, राशमी, गंगरार, भूपालसागर, डूंगला, मावली तहसील में कुल 4597 पट्टे दिए गए और हंकाई के लिए कुल 503 आवेदन आए. इसी प्रकार निम्बाहेड़ा और बड़ी सादड़ी तहसील तृतीय खंड में आती है. इसमें 5645 किसानों को पट्टे जारी हुए वहीं हकाई के लिए 250 आवेदन आए.

किसानों के लिए सिरदर्द बने 'नशेड़ी' तोते...चट कर जा रहे अफीम की खेती

कपासन (चित्तौड़गढ़). क्या आपने कभी आसमान में उड़ते ऐसे चोरों को देखा है जो देखते ही देखते चोरी करके उड़ जाते है. जो दिखाई तो देते है पर लोग ना तो इन्हे पकड़ पाते है और ना ही पुलिस को इनकी रिपोर्ट कर पाते है. यह चोर कोई आभूषण या वस्तु नहीं चुराते ये शातीर चोर सिर्फ काले सोने यानी की अफीम की फसल से डोडा की चोरी करते है. हैरान करने की बात तो यह है कि यह चोरी चित्तौड़गढ़ के कपासन क्षेत्र के अफीम के खेतों में हो रही है.

नशा खोर तोतों से परेशान अफीम किसान

नशे की लत के शिकार तोते

बता दें जब अफीम की फसल पक कर तैयार हो जाती है तो इसकी लत के शिकार तोते कभी अकेले तो कभी झुंड में आकर डोडा पोस्त को तोड़ कर ले जाते है. क्षेत्र में अफीम की फसल बहुतायात से की जाती है. पक्षियों से अफीम के डोडो की सुरक्षा करने के लिये पुरे खेत को प्लास्टिक की झालियों से ढक दिया जाता है, फिर भी कुछ नशा बाज तोते अपनी पैनी चोच से प्लास्टिक की झाली को काट कर किसी भी तरह डोडो तक पहुंच जाते है.

नशेड़ी तोतों को मिल रहा आसानी से नशा

क्षेत्र में 503 किसान ऐसे है जिन्होंने अफीम की फसल से तोतों को भगाने के लिए नारकोटिक्स विभाग में अर्जिया दे रखी है. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते जारी लॉकडाउन के कारण विभाग की ओर से तोतों को भगाने में षिथलता बरती जा रही है. किसानों को पोस्त का फायदा मिले. इसके लिए विभाग द्वारा फसल सुखने का इन्तजार किया जाता है. लेकिन लाॅकडाउन के कारण काफी समय निकल जाने के बाद भी फसल की हंकाई नहीं हो पा रही हैं. जिसके चलते नशेड़ी तोतों को अफीम का नशा आसानी से उपलब्ध हो रहा है.

पढ़ेंः चित्तौड़गढ़: जमीनी विवाद को लेकर एक ही परिवार के चार सदस्यों पर कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला

सैकड़ों की संख्या में किसानों से किए हंकाई के आवेदन

चितौड़गढ़ में अफीम किसानों को तीन खंड में विभक्त किया है. जिसमें उदयपुर की वल्लभनगर और मावली तहसील भी शामिल है. जानकारी के अनुसार खंड प्रथम में चित्तौड़गढ़, भदेसर, वल्लभनगर तहसील शामिल हैं. जिनमें 5207 किसानों ने अफीम की बुवाई की और कुल 470 ने हकाई के आवेदन दिए है. वहीं द्वितीय खंड में कपासन, राशमी, गंगरार, भूपालसागर, डूंगला, मावली तहसील में कुल 4597 पट्टे दिए गए और हंकाई के लिए कुल 503 आवेदन आए. इसी प्रकार निम्बाहेड़ा और बड़ी सादड़ी तहसील तृतीय खंड में आती है. इसमें 5645 किसानों को पट्टे जारी हुए वहीं हकाई के लिए 250 आवेदन आए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.