चित्तौड़गढ़. जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित सहनवा गांव के खेतों में रविवार को एक पैंथर कंटीले तारों में फंसा मिला. लोगों ने पैंथर को देखा तो वन विभाग को सूचना दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची टीम ने पैंथर को रेस्क्यू किया (Panther found in Chittorgarh). चित्तौड़गढ़ जिले में 24 घंटे में ही पैंथर के कंटीले तार में फंसने की यह दूसरी घटना है.
जानकारी में सामने आया है कि चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय से उदयपुर मार्ग पर करीब 10 किलोमीटर दूर सहनवा गांव स्थित है. यहां रविवार को ग्रामीणों ने खेतों की तरफ किसी जंगली जानवर गुर्राहट सुनी तो ग्रामीण मौके पर पहुंचे. यहां खेत पर लगी खेत की बाड़ में फंसा हुआ दिखाई दिया. इसकी जानकारी गांव में आग की तरह फैल गई. उस पर ग्रामीण मौके पर एकत्रित हो गए. मामले की सूचना प्रशासन को दी.
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इस पर उपवन संरक्षक सुगनाराम चौधरी के निर्देश पर एक टीम सहनवा गांव पहुंची, जिसमें पैंथर के रेस्क्यू शुरू किया लेकिन ग्रामीणों की भीड़ के चलते हैं दिक्कत का सामना करना पड़ा. पैंथर किसी पर हमला नहीं करे, इसे लेकर भी लोगों को मौके से हटाना जरूरी था. ऐसे में पुलिस को भी सूचना कर दी गई. इस पर पुलिस लाइन और सदर थाने के अतिरिक्त जाब्ता बुलाया गया, जिन्होंने ग्रामीणों को मौके से हटाया. जिसके बाद में वन विभाग की टीम ने पैंथर को ट्रेंकुलाइज कर कटीले तार की बाड़ से मुक्त कराया.
पैंथर को पिंजरे में डाल कर चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय स्थित वन विभाग कार्यालय लाया गया है. वन विभाग की टीम इसके स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए हैं. इसके स्वास्थ्य के परीक्षण के लिए पशु चिकित्सक को मौके पर बुलाया है.
24 घंटे पहले ही कंटीले तार में फंस कर हुई थी पैंथर की मौत
चित्तौड़गढ़ जिले के बेगूं क्षेत्र में आने वाले रावडदा वन क्षेत्र में एक पैंथर की मौत हो गई थी. खेतों पर लगाई तार की बाढ़ में फंसने के बाद इसकी सांस नली पंचर हो गई थी, जिससे उसकी मौत हुई थी. वहीं रविवार को चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर भी रविवार को पैंथर ऐसे ही कंटीले तार में फंस गया, जिसकी उम्र करीब एक से डेढ़ वर्ष है. यह पूरी तरह स्वस्थ्य है. गौरतलब है कि चित्तौड़गढ़ जिले के गत दिसम्बर माह में भी भदेसर क्षेत्र में भी दो के संघर्ष में एक पैंथर की मौत हुई थी. ऐसे में एक माह में ही चित्तौड़गढ़ जिले से दो पैंथर की मौत हो चुकी है.