चित्तौड़गढ़ः उप स्वास्थ्य केंद्र के पीछे झाड़ियों में मिली नवजात - राजस्थान की ताजा हिंदी खबरें
चित्तौड़गढ़ में एक मां ने अपने नवजात को झाड़ियों में फेंक दिया. जहां गनीमत रहा कि नवजात की आवाज सुनकर आया और बच्चों को एनआईसीयू में भर्ती कराया है.
चित्तौड़गढ़. कोरोना काल में बच्चों की सेहत का परिवार जन विशेष ध्यान रख रहे हैं, लेकिन एक मां ने अपनी नवजात बालिका को मरने के लिए चिकित्सालय के पीछे झाड़ियों में छोड़ दिया. गनीमत रहा कि नवजात की आवाज सुनकर चिकित्सालय का स्टाफ बालिका को लेकर आया और उसे जिला मुख्यालय पर रेफर कर दिया है. बालिका एनआईसीयू में भर्ती कराया है.
जानकारी में सामने आया कि चित्तौड़गढ़ जिले निम्बाहेड़ा उपखण्ड क्षेत्र के गांव ढोरिया के उप स्वास्थ्य केंद्र के पीछे एक नवजात बालिका झाड़ियों में पड़ी मिली. वएएनएम करिश्मा कंवर को सुबह जब रोने की आवाज सुनी तो उप स्वास्थ्य केंद्र के पीछे जाकर देखा. बालिका कपड़े में लिपटी हुई झाड़ियों में पड़ी हुई थी.
एएनएम बच्ची को उठा कर लाई और तुरंत पीएचसी इंचार्ज, सरपंच और पुलिस को इसकी सूचना दी. बालिका अभी स्वस्थ है और जिला चिकित्सालय के एनआईसीयू में भर्ती है. एएनएम करिश्मा कंवर ने बताया कि सुबह काफी देर तक उप स्वास्थ्य केंद्र के पीछे किसी बच्चे के रोने की आवाज आई. पहले तो लगा कोई बच्चे को लेकर बैठा होगा, लेकिन जब लगातार आवाज आई तो शक हुआ. पीछे जाकर देखा तो बच्ची एक कपड़े में लिपटी हुई झाड़ियों में पड़ी हुई थी और जोर जोर से बिलख रही थी.
नाल तक नहीं काटा गया था
जानकारी में सामने आया कि एएनएम बालिका को तत्काल चिकित्सालय के अंदर लाए. यहां बालिका की नाल को काटा गया. बालिका का जन्म 2 से 3 घंटे की रही होगी. पीएचसी इंचार्ज दीपेंद्र, सरपंच रमेश धाकड़ और पुलिस को सूचना दी. मौके पर सदर थाना पुलिस पहुंची और नवजात को निंबाहेड़ा चिकित्सालय लेकर गए. नवजात का वजन लगभग ढाई किलो का है.
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इधर, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश दशोरा ने बताया कि निंबाहेड़ा सदर थाना पुलिस ने बालिका का मेडिकल करवा कर उसकी रिपोर्ट तैयार की और एंबुलेंस की सहायता से उसे जिला चिकित्सालय रेफर किया. जिला चिकित्सालय के एनआईसीयू में बच्चे को रखा गया है. अध्यक्ष दशोरा ने बताया कि बालिका के शरीर में साधारण से चोटें आई हैं. इसलिए उसे कुछ दिनों तक एनआईसीय में ही रखा जाएगा, जिससे डॉक्टर उसके पूर्ण उपचार कर सके. उसके पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद ही उसे शिशु गृह में लिया जाएगा. यह पूरी तरह से असुरक्षित परित्याग था, इसलिए इसकी मां और परिजनों के खिलाफ सदर थाना निंबाहेड़ा को भारतीय दंड संहिता की धारा 317 में मामला दर्ज करने के निर्देश दिए गए.