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मोदी सरकार के डीएपी खाद पर 140 फीसदी सब्सिडी बढ़ाने के निर्णय को सांसद सीपी जोशी ने बताया ऐतिहासिक

सांसद सीपी जोशी ने केंद्र सरकार के डीएपी खाद पर 140 फीसदी सब्सिडी बढ़ाने के निर्णय को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद किसानों को पुरानी दरों पर ही खाद देने का निर्णय किया गया है.

Prime Minister Narendra Modi,  Chittorgarh MP CP Joshi
सांसद सीपी जोशी
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Published : May 20, 2021, 8:54 PM IST

चित्तौड़गढ़. सांसद सीपी जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से खाद की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय कीमतों मे हो रही वृद्धि को देखते हुए किसानों पर इसका प्रभाव न पड़े इसके लिए वर्तमान में दी जा रही सब्सिडी को बढ़ाने के निर्णय का स्वागत किया है. साथ ही इसको किसानों के लिए इस कोरोना महामारी में एक राहत भरी ऐतिहासिक सौगात बताया है.

पढ़ें- टि्वटर हैंडल 'Pilot With People' के जरिए लोगों तक मदद पहुंचा रहे सचिन पायलट

चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फस्फोरिक एसिड, अमोनिया आदि की बढ़ती कीमतों के कारण खाद की कीमतों में वृद्धि हो रही है. प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद किसानों को पुरानी दरों पर ही खाद देने का निर्णय किया. इसके तहत डीएपी खाद के लिए सब्सिडी 500 रुपए प्रति बैग से, 140 प्रतिशत बढ़ा कर 1200 रुपए प्रति बैग करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है.

इस प्रकार डीएपी की अंतरराष्ट्रीय बाजार कीमतों में वृद्धि के बावजूद इसे 1200 रुपए के पुराने मूल्य पर ही बेचे जाने का निर्णय लिया गया है. साथ ही मूल्य वृद्धि का सारा अतिभार केंद्र सरकार ने उठाने का फैसला किया है. प्रति बोरी सब्सिडी की राशि कभी भी एक बार में इतनी नहीं बढ़ाई गई है.

पिछले साल डीएपी की वास्तविक कीमत 1700 रुपए प्रति बोरी थी, जिसमें केंद्र सरकार 500 रुपए प्रति बैग की सब्सिडी दे रही थी. इसलिए कंपनियां किसानों को 1200 रुपए प्रति बोरी के हिसाब से खाद बेच रही थी. हाल ही में डीएपी में इस्तेमाल होने वाले संगठक फस्फोरिक एसिड, अमोनिया आदि की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 60 से 70 फीसदी तक बढ़ गई हैं. इसी कारण एक डीएपी बैग की वास्तविक कीमत अब 2400 रुपए है, जिसे खाद कंपनियों की ओर से 500 रुपए की सब्सिडी घटा कर 1900 रुपए में बेचा जाता है.

प्रधानमंत्री मोदी की ओर से लिए गए इस फैसले से किसानों को अब 1200 रुपये में ही डीएपी का बैग मिलता रहेगा. केंद्र सरकार हर साल रासायनिक खादों पर सब्सिडी पर करीब 80,000 करोड़ रुपये खर्च करती है. डीएपी में सब्सिडी बढ़ाने के साथ ही खरीफ सीजन में भारत सरकार 14,775 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करेगी.

गौरतलब है कि अक्षय तृतीया के दिन पीएम-किसान के तहत किसानों के खाते में 20,667 करोड़ रुपए की राशि सीधे ट्रांसफर करने के बाद किसानों के हित में यह दूसरा बड़ा फैसला है. सांसद जोशी ने किसानों के हितों के लिए गए इन निर्णयों के लिए देश के प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया.

चित्तौड़गढ़. सांसद सीपी जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से खाद की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय कीमतों मे हो रही वृद्धि को देखते हुए किसानों पर इसका प्रभाव न पड़े इसके लिए वर्तमान में दी जा रही सब्सिडी को बढ़ाने के निर्णय का स्वागत किया है. साथ ही इसको किसानों के लिए इस कोरोना महामारी में एक राहत भरी ऐतिहासिक सौगात बताया है.

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चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फस्फोरिक एसिड, अमोनिया आदि की बढ़ती कीमतों के कारण खाद की कीमतों में वृद्धि हो रही है. प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद किसानों को पुरानी दरों पर ही खाद देने का निर्णय किया. इसके तहत डीएपी खाद के लिए सब्सिडी 500 रुपए प्रति बैग से, 140 प्रतिशत बढ़ा कर 1200 रुपए प्रति बैग करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है.

इस प्रकार डीएपी की अंतरराष्ट्रीय बाजार कीमतों में वृद्धि के बावजूद इसे 1200 रुपए के पुराने मूल्य पर ही बेचे जाने का निर्णय लिया गया है. साथ ही मूल्य वृद्धि का सारा अतिभार केंद्र सरकार ने उठाने का फैसला किया है. प्रति बोरी सब्सिडी की राशि कभी भी एक बार में इतनी नहीं बढ़ाई गई है.

पिछले साल डीएपी की वास्तविक कीमत 1700 रुपए प्रति बोरी थी, जिसमें केंद्र सरकार 500 रुपए प्रति बैग की सब्सिडी दे रही थी. इसलिए कंपनियां किसानों को 1200 रुपए प्रति बोरी के हिसाब से खाद बेच रही थी. हाल ही में डीएपी में इस्तेमाल होने वाले संगठक फस्फोरिक एसिड, अमोनिया आदि की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 60 से 70 फीसदी तक बढ़ गई हैं. इसी कारण एक डीएपी बैग की वास्तविक कीमत अब 2400 रुपए है, जिसे खाद कंपनियों की ओर से 500 रुपए की सब्सिडी घटा कर 1900 रुपए में बेचा जाता है.

प्रधानमंत्री मोदी की ओर से लिए गए इस फैसले से किसानों को अब 1200 रुपये में ही डीएपी का बैग मिलता रहेगा. केंद्र सरकार हर साल रासायनिक खादों पर सब्सिडी पर करीब 80,000 करोड़ रुपये खर्च करती है. डीएपी में सब्सिडी बढ़ाने के साथ ही खरीफ सीजन में भारत सरकार 14,775 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करेगी.

गौरतलब है कि अक्षय तृतीया के दिन पीएम-किसान के तहत किसानों के खाते में 20,667 करोड़ रुपए की राशि सीधे ट्रांसफर करने के बाद किसानों के हित में यह दूसरा बड़ा फैसला है. सांसद जोशी ने किसानों के हितों के लिए गए इन निर्णयों के लिए देश के प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया.

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