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अफीम की बुवाई के लिए लाइसेंस का विरतण मंगलवार से

चित्तौड़गढ़ में मंगलवार को किसानों को नारकोटिक्स विभाग की ओर से अफीम की खेती करने के लिए लाइसेंस दिया जाएगा. जिसको लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. इस दौरान करीब 15 हजार से अधिक किसानों को अफीम की खेती करने के लिए लाइसेंस दिया जाएगा.

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चित्तौड़गढ़ में किसानों को दिया जाएगा अफीम की खेती करने का लाइसेंस
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Published : Oct 26, 2020, 9:56 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले में अफीम की खेती के लिए लाइसेन्स का वितरण मंगलवार से किया जाएगा. अफीम बुवाई के लिए पात्र किसानों को नारकोटिक्स विभाग की ओर से लाइसेंस दिए जाएंगे. अफीम बुवाई के लाइसेंस वितरण को लेकर नारकोटिक्स विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली है. चित्तौड़गढ़ जिले में 15 हजार से अधिक किसानों को बुवाई के लाइसेन्स दिए जाएंगे.

चित्तौड़गढ़ में किसानों को दिया जाएगा अफीम की खेती करने का लाइसेंस

जानकारी के अनुसार केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले नारकोटिक्स महकमे के माध्यम से अफीम की खेती होती है. साल 2020- 21 में अफीम की खेती को लेकर हाल ही में अफीम पॉलिसी की घोषणा की गई है. अफीम पॉलिसी के तहत पात्र किसानों को केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की ओर से लाइसेंस दिए जाएंगे. जिन किसानों ने विभाग की ओर से दे गए निर्देशों के तहत अफीम की उपज मार्फिन के साथ दी है, उन किसानों को बुवाई के लिए लाइसेंस दिए जाने हैं.

ऐसे पात्र किसानों की नारकोटिक्स महकमे की ओर से सूची तैयार कर ली गई है. नारकोटिक्स विभाग की ओर से तय कार्यक्रम के तहत 26 अक्टूबर से 9 नवंबर तक किसानों को अफीम लाइसेंस का वितरण किया जाएगा. जानकारी में सामने आया है कि चित्तौड़गढ़ जिले में तीन अलग-अलग खंड बने हुए हैं. इसमें करीब 15000 किसानों को अफीम लाइसेंस देने की प्रक्रिया है. खंड प्रथम में 5 हजार 180, खण्ड द्वितीय में करीब 4500 व खण्ड तृतीय में करीब 5 हजार 200 किसानों को बुवाई के लिए लाइसेंस दिए जाएंगे.

चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय स्थित जिला अफीम अधिकारी कार्यालय में तीनों ही खण्ड की और से अलग-अलग तैयारियां की गई है. इसके तहत किसानों के बैठने के लिए टैंट लगाए गए हैं. अफीम लाइसेन्स वितरण का कार्य मंगलवार से होना है, लेकिन तैयारियां सोमवार को पूरी हो चुकी है. अभी से ही किसान नारकोटिक्स विभाग के कार्यालय पहुंचना शुरू हो गए हैं. विधिवत रूप से लाइसेंस का वितरण मंगलवार सुबह से किया जाएगा.

देरी को लेकर किसानों ने जताया था विरोध

जानकारी में सामने आया कि हर वर्ष दीपावली से पहले किसान अफीम की बुवाई कर देते हैं. इस साल चित्तौड़गढ़ जिले में बरसात कम हुई है. वहीं, विभाग की ओर से अफीम पॉलिसी की घोषणा नहीं की गई थी. ऐसे में क्षेत्र के किसान और किसान संगठन अफीम पॉलिसी में देरी को लेकर विरोध जता रहे थे. इस संबंध में चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी से भी भेंट की थी.

सांसद बोले हमने करवाए कई बदलाव

वहीं, इस सम्बंध में बात करते हुए चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने कहा है कि उन्होंने अफीम नीति में बदलाव को लेकर काफी प्रयास किया है. वर्तमान की केंद्र सरकार ने इन 6 सालों में किसान हितों को लेकर कई फैसले किए हैं. अफीम पॉलिसी को किसानों के हित में बनाया है. पहले जहां किसानों को लाइसेंस के लिए बुजुर्ग होने के बावजूद कार्यालय आना पड़ता था.

वहीं, हमने अफीम लाइसेंस अब किसानों के घरों तक भेजने की व्यवस्था करवाई है. इसमें गांव का मुखिया लाइसेंस लेकर जा रहे हैं. वहीं, विभिन्न कारणों से कटे गए अफीम लाइसेंस भी जारी करवाए हैं, जिससे हजारों किसानों को फायदा पहुंचा है. वर्तमान में इस पॉलिसी के तहत करीब 60,000 किसानों को फायदा हुआ है.

चित्तौड़गढ़. जिले में अफीम की खेती के लिए लाइसेन्स का वितरण मंगलवार से किया जाएगा. अफीम बुवाई के लिए पात्र किसानों को नारकोटिक्स विभाग की ओर से लाइसेंस दिए जाएंगे. अफीम बुवाई के लाइसेंस वितरण को लेकर नारकोटिक्स विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली है. चित्तौड़गढ़ जिले में 15 हजार से अधिक किसानों को बुवाई के लाइसेन्स दिए जाएंगे.

चित्तौड़गढ़ में किसानों को दिया जाएगा अफीम की खेती करने का लाइसेंस

जानकारी के अनुसार केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले नारकोटिक्स महकमे के माध्यम से अफीम की खेती होती है. साल 2020- 21 में अफीम की खेती को लेकर हाल ही में अफीम पॉलिसी की घोषणा की गई है. अफीम पॉलिसी के तहत पात्र किसानों को केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की ओर से लाइसेंस दिए जाएंगे. जिन किसानों ने विभाग की ओर से दे गए निर्देशों के तहत अफीम की उपज मार्फिन के साथ दी है, उन किसानों को बुवाई के लिए लाइसेंस दिए जाने हैं.

ऐसे पात्र किसानों की नारकोटिक्स महकमे की ओर से सूची तैयार कर ली गई है. नारकोटिक्स विभाग की ओर से तय कार्यक्रम के तहत 26 अक्टूबर से 9 नवंबर तक किसानों को अफीम लाइसेंस का वितरण किया जाएगा. जानकारी में सामने आया है कि चित्तौड़गढ़ जिले में तीन अलग-अलग खंड बने हुए हैं. इसमें करीब 15000 किसानों को अफीम लाइसेंस देने की प्रक्रिया है. खंड प्रथम में 5 हजार 180, खण्ड द्वितीय में करीब 4500 व खण्ड तृतीय में करीब 5 हजार 200 किसानों को बुवाई के लिए लाइसेंस दिए जाएंगे.

चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय स्थित जिला अफीम अधिकारी कार्यालय में तीनों ही खण्ड की और से अलग-अलग तैयारियां की गई है. इसके तहत किसानों के बैठने के लिए टैंट लगाए गए हैं. अफीम लाइसेन्स वितरण का कार्य मंगलवार से होना है, लेकिन तैयारियां सोमवार को पूरी हो चुकी है. अभी से ही किसान नारकोटिक्स विभाग के कार्यालय पहुंचना शुरू हो गए हैं. विधिवत रूप से लाइसेंस का वितरण मंगलवार सुबह से किया जाएगा.

देरी को लेकर किसानों ने जताया था विरोध

जानकारी में सामने आया कि हर वर्ष दीपावली से पहले किसान अफीम की बुवाई कर देते हैं. इस साल चित्तौड़गढ़ जिले में बरसात कम हुई है. वहीं, विभाग की ओर से अफीम पॉलिसी की घोषणा नहीं की गई थी. ऐसे में क्षेत्र के किसान और किसान संगठन अफीम पॉलिसी में देरी को लेकर विरोध जता रहे थे. इस संबंध में चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी से भी भेंट की थी.

सांसद बोले हमने करवाए कई बदलाव

वहीं, इस सम्बंध में बात करते हुए चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने कहा है कि उन्होंने अफीम नीति में बदलाव को लेकर काफी प्रयास किया है. वर्तमान की केंद्र सरकार ने इन 6 सालों में किसान हितों को लेकर कई फैसले किए हैं. अफीम पॉलिसी को किसानों के हित में बनाया है. पहले जहां किसानों को लाइसेंस के लिए बुजुर्ग होने के बावजूद कार्यालय आना पड़ता था.

वहीं, हमने अफीम लाइसेंस अब किसानों के घरों तक भेजने की व्यवस्था करवाई है. इसमें गांव का मुखिया लाइसेंस लेकर जा रहे हैं. वहीं, विभिन्न कारणों से कटे गए अफीम लाइसेंस भी जारी करवाए हैं, जिससे हजारों किसानों को फायदा पहुंचा है. वर्तमान में इस पॉलिसी के तहत करीब 60,000 किसानों को फायदा हुआ है.

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