चित्तौड़गढ़. जिले में मृत्युभोज और बाल विवाह जैसी कई सामाजिक कुरीतियां आज भी व्याप्त हैं. साल में कई बार पंचों की ओर से सामाजिक बहिष्कार कर आर्थिक दंड सुनाने के मामले सामने आते रहते हैं.
जानकारी में सामने आया, भूपालसागर थाना क्षेत्र के सांबता गांव निवासी लक्ष्मण गुर्जर ने परिवाद पेश किया है. इसमें बताया, गत 2 महीने से उसके परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया गया है. गांव के ही एक युवक शांतिलाल गुर्जर ने बड़ीसादड़ी थाना क्षेत्र में आत्महत्या की थी. इस मामले में परिवार पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाते हुए परिवार का सामाजिक रूप से बहिष्कार कर दिया गया है. हालात यह है कि गांव में न तो परिवार को राशन मिल रहा है और न ही गांव का कोई व्यक्ति इनसे बातचीत कर सकता है. खाप पंचायत के कथित ठेकेदारों की दबंगई चरम पर है. इस परिवार के बहिष्कार के साथ ही परिवार से रिश्ता रखने वालों पर भी अर्थदंड का फरमान सुनाया गया है.
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ऐसे में यह परिवार इस समय मानसिक प्रताड़ना से गुजर रहा है. वहीं लॉकडाउन के चलते परिवार का मुखिया दो महीने की प्रताड़ना झेलने के बाद अब पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा है और अपनी शिकायत दर्ज करवाई है. पीड़ित परिवार के मुखिया ने अधिवक्ता के जरिए शिकायत दर्ज करवाकर न्याय की गुहार लगाई है. मामले से एक बार फिर स्पष्ट हो गया कि गांवों में खाप पंचायतों का बोलबाला है और इसके शिकार ग्रामीण अंचलों के लोग हो रहे हैं. इन्हें आर्थिक, मानसिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित होना पड़ रहा है.