चित्तौड़गढ़. प्रदेश की राजनीति में करीब एक महीने से चल रहे घटनाक्रम का पटाक्षेप करीब-करीब हो चुका है. जिसके बाद कांग्रेस के दोनों ही गुट पास आ चुके हैं. प्रदेश में चल रहे इस सियासी घटनाक्रम का असर चित्तौड़गढ़ में भी देखने को मिल रहा है.
जयपुर में हुई सुलह के बाद चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज का होने वाला लोकार्पण कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है. प्राप्त जानकारी में बकायदा लोकार्पण कार्यक्रम को लेकर आवश्यक रूप से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी.
जिसके बाद सोमवार को इसे निरस्त करने का निर्णय किया गया. ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं कि, आगामी दिनों में मुख्यमंत्री से इसका लोकार्पण करवाया जा सकता है. जानकारी के अनुसार जयपुर में सरकार को लेकर करीब एक माह से उठापटक चल रही थी. ऐसे में सरकार होटल में बंद थी जिसके बाद कई कार्य अटके पड़े हुए थे.
नगर परिषद की ओर से 2 दिन पहले राष्ट्रीय ध्वज के लोकार्पण को लेकर कार्यक्रम तय किया गया था. जिसमें इसका लोकार्पण प्रदेश के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के मुख्य आतिथ्य में होना था. नगर परिषद सभापति संदीप शर्मा, आयुक्त दुर्गा कुमारी आदि इसका अवलोकन कर तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया था.
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बता दें कि जयपुर में सीएम व पूर्व उपमुख्यमंत्री की सुलह की सूचनाओं के बाद कार्यक्रम रोक दिया गया था. ऐसी संभावना है कि अब इसका शिलान्यास मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ऑनलाइन करवाया जाएगा, या किसी बड़े कांग्रेसी नेता को बुला कर भी यह कार्यक्रम हो सकता है.
भाजपा पार्षदों ने भी लगाया था उपेक्षा का आरोप…
वहीं राष्ट्रीय ध्वज के लोकार्पण कार्यक्रम को लेकर नगर परिषद चित्तौड़गढ़ में भाजपा के पार्षदों ने विज्ञप्ति जारी कर भाजपा के जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का आरोप लगाया था. जानकारी के अनुसार नगर परिषद में नेता प्रतिपक्ष सुरेश झंवर के नेतृत्व में भाजपा के पार्षदों ने प्रशासन से शिकायत की थी. लोकार्पण कार्यक्रम में भाजपा के जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए इस कार्यक्रम को निरस्त करने की भी मांग की थी.