चित्तौड़गढ़. केंद्र सरकार की एडवाइजरी पर राज्य सरकार ने होटल, रेस्टोरेंट आदि को रियायत दे दी है. ऐसे में चित्तौड़गढ़ के होटल और रेस्टोरेंट खुल तो गए हैं, लेकिन जब तक पर्यटन और धर्मिक स्थलों को अनुमति नहीं मिल जाती तब तक ना तो होटल और ना ही रेस्टोरेंट को गति मिल पाएगी. वहीं व्यवसायी आने वाले दिनों में इस व्यवसाय को गति मिलने की आस लगा कर बैठे हैं.
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार से अनुमति मिलने के करीब 80 दिनों बाद सोमवार को चित्तौड़गढ़ में होटल रेस्टोरेंट आदि को खोलने की सशर्त छूट मिली. जनता कर्फ्यू शुरू होने से पहले ही करीब 20 मार्च से होटल और रेस्टोरेंट संचालकों ने कोविड-19 से जुड़ी गाइडलाइन की पालना करते हुए होटल व्यवसाय को बंद रखा था. ऐसे में लोगों का निकलना वैसे ही बंद हो गया है. वहीं अब सरकार ने आदेश दिया है कि होटल रेस्टोरेंट शुरू कर दिए जाए. लेकिन इसके बाद भी होटल और रेस्टोरेंट में ग्राहक बहुत कम आ रहे है.
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चित्तौड़गढ़ का होटल और रेस्टोरेंट व्यवसाय पूरी तरह से चित्तौड़गढ़ दुर्ग के पर्यटकों पर निर्भर हैं. दुर्ग भ्रमण पर आने वाले पर्यटक यहां रात्रि विश्राम करते है और भ्रमण के बाद रेस्टोरेंट में भोजन करते हैं, लेकिन फिलहाल सरकार ने पर्यटन पर पूरी तरह से रोक लगाई हुई है. साथ ही चित्तौड़ दुर्ग के ऐतिहासिक भवन बंद है और यहां सन्नाटा पसरा हुआ है.
ऐसे में स्थानीय लोग भी दुर्ग भ्रमण के लिए नहीं जा पा रहे हैं और बाहर के लोगों का आना तो मुश्किल बात है. रेस्टोरेंट में नाम मात्र के लोग भोजन के लिए जा रहे हैं वह भी स्थानीय है. जानकारी मिली है कि चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन के सामने ही कई होटल और रेस्टोरेंट है. यहां मुख्य रूप से चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्री ठहरते हैं और भोजन करते हैं. लेकिन ट्रेनों का भी संचालन पूरी तरह से बंद है, ऐसे में शहर के सभी होटल पूरी तरह से नहीं खुल पाए हैं.
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होटलों में कहीं-कहीं ऑनलाइन बुकिंग की बात भी सामने आ रही है, लेकिन वह केवल पूछताछ ही कर रहे हैं. होटल और रेस्टोरेंट संचालकों ने बताया कि फिलहाल उनके प्रतिष्ठान खुले दो ही दिन हुए हैं, आगामी दिनों में यह गति पकड़ेंगे. साथ ही यहां काम कर रहे कर्मचारियों का खर्च निकालना मुश्किल हो रहा है. वहीं जब तक दुर्ग का पर्यटन शुरू नहीं हो पाता तब तक होटल और रेस्टोरेंट में लोगों का आना शुरू नहीं हो पाएगा.