चित्तौड़गढ़. जिले में दुर्गा अष्टमी का पर्व श्रद्धा और धार्मिक परंपराओं के साथ मनाया गया. घरों में जहां दुर्गा अष्टमी पर विशेष पूजा की गई, तो वहीं मंदिरों में हवन हुए. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है, जिससे नवरात्रा माता के मंदिरों में सन्नाटा पसरा रहा.
वही इस बार दुर्गा अष्टमी पर लॉकडाउन के बावजूद परंपराओं का निर्वहन हुआ तो मंदिरों में हवन के दौरान विश्व कल्याण और कोरोना वायरस को खत्म करने को लेकर विशेष आहुति भी दी गई. चित्तौड़गढ़ में दुर्ग स्थित कालिका माता मंदिर, आसावरा माताजी, जोगणिया माता मंदिर सहित कई मंदिरों में दुर्गा अष्टमी के विशेष अनुष्ठान हुए, जिनमें पहली बार नाम मात्र की संख्या मौजूद रही.
बता दें कि नवरात्र के पहले ही लॉकडाउन की घोषणा हो चुकी थी, और लोग घरों में ही बंद थे. ऐसे में माता के मंदिरों में पूरे 9 दिन सन्नाटा पसरा रहा. भले ही कोरोना वायरस के संक्रमण का खौफ था, लेकिन मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान जारी रहे.
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दुर्गा अष्टमी पर मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जाती है. घर-घर अष्टमी पूजा होती है. ऐसे में विश्व विख्यात चित्तौड़ दुर्ग स्थित कालिका माता मंदिर में भी हवन किया गया. मंदिर के महंत राम नारायण पुरी ने अष्टमी का हवन करवाया. हवन के दौरान विश्व कल्याण के साथ ही कोरोना वायरस का संक्रमण जल्दी खत्म हो इसके लिए भी अलग से आहुति दी गई.
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कालिका माता मंदिर की और से नवमी पर गुरुवार को भी हवन होगा. इसके अलावा बुधवार को दुर्ग स्थित अन्नपूर्णा माता मंदिर और बाणमाता मंदिर के अलावा भदेसर उपखण्ड के आसावरामताजी मंदिर, बेगूं उपखंड में जोगणिया माता जी मंदिर, राशमी में मरमी माता मंदिर में भी अष्टमी के हवन में विशेष अनुष्ठान हुए.