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Chittorgarh: बारिश से निंबाहेड़ा मंडी में खुले में पड़ा अनाज भीगा, किसान परेशान - Maize

चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) जिले की सबसे बड़ी निंबाहेड़ा कृषि उपज मंडी (Nimbahera Agricultural Produce Market) में खुले में पड़ी करीब दो हजार बोरी मक्का (Maize) और करीब तीन हजार बोरी मूंगफली (Peanut) की भीग गई. अचानक हुई बारिश ने मंडी प्रबंधन की सारी व्यवस्था की पोल खोल दी है.

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निंबाहेड़ा कृषि उपज मंडी
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Published : Nov 18, 2021, 5:15 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले में अचानक हुई बारिश ने सारी व्यवस्था की पोल खोल दी हैं. निंबाहेड़ा कृषि उपज मंडी में कट्टों और बोरियों में भरी सोयाबीन, मक्का और मूंगफली भीग गई. कृषि उपज मंडी में बारिश से बचाने के लिए ढकने की व्यवस्था नहीं होने के कारण किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो गया है. जिले में गुरुवार सुबह से हुई मावठ की भारी बरसात के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. खुले में पड़ा किसानों (farmer) का हजारों बोरी अनाज भीग गया, जिसके खराब होने की आशंका है.

मुख्य रूप से मंडी में इन दिनों मूंगफली और मक्का की आवक हो रखी है. बोरियों के ढे़र खुले में ही लगे हुए थे. सुबह जब बरसात हुई तो किसानों को अनाज संभालने तक का मौका नहीं मिल पाया. जानकारी में सामने आया कि गुरुवार सुबह से ही मावठ की बरसात शुरू हो गई. चित्तौड़गढ़ जिले की सबसे बड़ी अनाज मंडी निंबाहेड़ा में है. निंबाहेड़ा कृषि उपज मंडी में जिंसों की भारी मात्रा में आवक जारी है.

पढे़ें. मानसून में देरी से चित्तौड़गढ़ के किसान चिंतित, 2 लाख 80 हजार हेक्टेयर में बोई फसल हो सकती है बर्बाद

गुरुवार को आस-पास के क्षेत्रों के काश्तकार अपनी मक्का, मूंगफली व अन्य फसलें ट्रैक्टर, पिकअप, ऑटो आदि में भर कर विक्रय करने के लिए निंबाहेड़ा स्थित कृषि उपज मंडी में भर कर लाए. गुरुवार को सुबह से ही तेज बरसात के साथ ही दिन भर रिमझिम बरसात का दौर जारी रहा. इससे कृषि उपज मंडी में विक्रय करने के लिए लाई गई. किसानों की फसलें जो मंडी में पड़ी थी. सब भींग गई. इसके बचाव के लिए सुबह से ही किसान त्रिपाल के जुगाड़ के लिए इधर उधर गए.

बताया जा रहा है कि यहां करीब दो हजार बोरी मक्का और करीब तीन हजार बोरी मूंगफली के अलावा सोयाबीन भींग गई. वहीं इस मामले में भाजपा जिला महामंत्री और किसान नेता सोहनलाल आंजना ने गुरुवार को निम्बाहेड़ा मंडी का निरीक्षण करने के बाद बयान जारी किया है कि मंडी प्रशासन की लापरवाही से किसानों की फसलें खराब हुई है. किसानों की फसलों को रखने के लिए बनाए गए प्लेटफार्म पर मंडी से अनाज खरीदने वाले आढ़तियों को स्थान दिया गया है. ऐसे में किसानों को अपनी फसल खुले में रखनी पड़ी है, जिसकी वजह से बरसात से भींग कर यह खराब हो गई है. उन्होंने राज्य सरकार से किसानों को नुकसान को मुआवजा देने की मांग की है.

चित्तौड़गढ़. जिले में अचानक हुई बारिश ने सारी व्यवस्था की पोल खोल दी हैं. निंबाहेड़ा कृषि उपज मंडी में कट्टों और बोरियों में भरी सोयाबीन, मक्का और मूंगफली भीग गई. कृषि उपज मंडी में बारिश से बचाने के लिए ढकने की व्यवस्था नहीं होने के कारण किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो गया है. जिले में गुरुवार सुबह से हुई मावठ की भारी बरसात के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. खुले में पड़ा किसानों (farmer) का हजारों बोरी अनाज भीग गया, जिसके खराब होने की आशंका है.

मुख्य रूप से मंडी में इन दिनों मूंगफली और मक्का की आवक हो रखी है. बोरियों के ढे़र खुले में ही लगे हुए थे. सुबह जब बरसात हुई तो किसानों को अनाज संभालने तक का मौका नहीं मिल पाया. जानकारी में सामने आया कि गुरुवार सुबह से ही मावठ की बरसात शुरू हो गई. चित्तौड़गढ़ जिले की सबसे बड़ी अनाज मंडी निंबाहेड़ा में है. निंबाहेड़ा कृषि उपज मंडी में जिंसों की भारी मात्रा में आवक जारी है.

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गुरुवार को आस-पास के क्षेत्रों के काश्तकार अपनी मक्का, मूंगफली व अन्य फसलें ट्रैक्टर, पिकअप, ऑटो आदि में भर कर विक्रय करने के लिए निंबाहेड़ा स्थित कृषि उपज मंडी में भर कर लाए. गुरुवार को सुबह से ही तेज बरसात के साथ ही दिन भर रिमझिम बरसात का दौर जारी रहा. इससे कृषि उपज मंडी में विक्रय करने के लिए लाई गई. किसानों की फसलें जो मंडी में पड़ी थी. सब भींग गई. इसके बचाव के लिए सुबह से ही किसान त्रिपाल के जुगाड़ के लिए इधर उधर गए.

बताया जा रहा है कि यहां करीब दो हजार बोरी मक्का और करीब तीन हजार बोरी मूंगफली के अलावा सोयाबीन भींग गई. वहीं इस मामले में भाजपा जिला महामंत्री और किसान नेता सोहनलाल आंजना ने गुरुवार को निम्बाहेड़ा मंडी का निरीक्षण करने के बाद बयान जारी किया है कि मंडी प्रशासन की लापरवाही से किसानों की फसलें खराब हुई है. किसानों की फसलों को रखने के लिए बनाए गए प्लेटफार्म पर मंडी से अनाज खरीदने वाले आढ़तियों को स्थान दिया गया है. ऐसे में किसानों को अपनी फसल खुले में रखनी पड़ी है, जिसकी वजह से बरसात से भींग कर यह खराब हो गई है. उन्होंने राज्य सरकार से किसानों को नुकसान को मुआवजा देने की मांग की है.

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