ETV Bharat / state

गरीबों के हक पर डाका ! 'गुरुजी' के साथ खाकी भी नहीं रही पीछे, 800 कर्मचारियों से एक करोड़ की वसूली - ration of the poor

शिक्षक समाज एक आदर्श तबका माना जाता है. देश की भावी पीढ़ी कैसी होगी, करीब-करीब शिक्षक ही तय करता है. कुल मिलाकर शिक्षकों से नैतिकता की उम्मीद की जाती है, लेकिन चित्तौड़गढ़ जिले में बड़ी संख्या में शिक्षक सरकार द्वारा जरूरतमंद और गरीब लोगों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लेने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं. जानिये क्या है पूरा मामला...

robbery on the food of poor
गरीबों के हक पर डाका
author img

By

Published : Jul 13, 2021, 1:29 PM IST

चित्तौड़गढ़. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां रक्षक ही 'भक्षक' बन बैठे हैं. मामला खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़ा है, जिसमें बड़ी संख्या में शिक्षक भी शामिल हो गए. पुलिस विभाग के कुछ कार्मिक भी इसका लाभ लेने से नहीं कतराए.

प्रशासन द्वारा कराई गई जांच में करीब 1000 कार्मिक और अधिकारी सरकार की नि:शुल्क और सस्ती दरों पर दिए जाने वाले गेहूं लेते पाए गए. अब प्रशासन ऐसे कार्मिकों से वसूली कर रही है. अकेले चित्तौड़गढ़ जिले में ही करीब एक करोड़ रुपये की राशि वसूली जा चुकी है और वसूली का यह अभियान अभी भी चल रहा है.

क्या कहते हैं जिला रसद अधिकारी...

जिला रसद विभाग के आंकड़े बताते हैं कि खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत 2,56,407 परिवार सूचीबद्ध है और 9,20,729 लोग इसके दायरे में आ रहे हैं. इन लोगों को बेहद ही सस्ती दर पर गेहूं उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है. अंत्योदय, BPL और State BPL परिवारों को एक रुपये किलो, प्राइमरी हाउसहोल्ड अर्थात पीएच परिवारों को दो रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं प्रतिमाह उपलब्ध कराया जा रहा है. रोचक बात यह है कि बहती गंगा में सरकारी कारिंदे भी हाथ धोने से नहीं चूके. इनमें सर्वाधिक शिक्षक बताए गए हैं. वही, पुलिस विभाग के कर्मचारी भी इसका लाभ उठाने से बाज नहीं आए. वर्ष 2013 से बड़ी संख्या में सरकारी कारिंदे गरीब के गेहूं पर हाथ मार रहे थे.

पढ़ें : दुबई से लाया था मिक्सर ग्राइंडर में छिपाकर 69 लाख रुपये का सोना, जयपुर एयरपोर्ट पर पकड़ा गया

विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिले में योजना का लाभ उठाने वाले लोगों की कराई गई जांच में 965 कर्मचारी योजना का लाभ लेते पाए गए. जैसे ही यह जांच शुरू हुई, संबंधित कर्मचारियों में खलबली मच गई. रसद विभाग द्वारा अब ऐसे कर्मचारियों से 27 रुपेय प्रति किलोग्राम गेहूं की दर से राशि वसूली जा रही है. अब तक विभाग द्वारा करीब 850 कर्मचारियों से 97,00000 रुपये की वसूली की जा चुकी है और 100 से अधिक कार्मिकों से वसूली की प्रक्रिया चल रही है.

जिला रसद अधिकारी विनीत कुमार शर्मा के अनुसार एसडीएम से लेकर तहसीलदार द्वारा ऐसे कर्मचारियों से राशि वसूल की जा रही है. वहीं, विभाग द्वारा भी अपने स्तर पर ऐसे कर्मचारियों से रिकवरी की जा रही है. उक्त राशि जमा नहीं कराने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

चित्तौड़गढ़. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां रक्षक ही 'भक्षक' बन बैठे हैं. मामला खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़ा है, जिसमें बड़ी संख्या में शिक्षक भी शामिल हो गए. पुलिस विभाग के कुछ कार्मिक भी इसका लाभ लेने से नहीं कतराए.

प्रशासन द्वारा कराई गई जांच में करीब 1000 कार्मिक और अधिकारी सरकार की नि:शुल्क और सस्ती दरों पर दिए जाने वाले गेहूं लेते पाए गए. अब प्रशासन ऐसे कार्मिकों से वसूली कर रही है. अकेले चित्तौड़गढ़ जिले में ही करीब एक करोड़ रुपये की राशि वसूली जा चुकी है और वसूली का यह अभियान अभी भी चल रहा है.

क्या कहते हैं जिला रसद अधिकारी...

जिला रसद विभाग के आंकड़े बताते हैं कि खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत 2,56,407 परिवार सूचीबद्ध है और 9,20,729 लोग इसके दायरे में आ रहे हैं. इन लोगों को बेहद ही सस्ती दर पर गेहूं उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है. अंत्योदय, BPL और State BPL परिवारों को एक रुपये किलो, प्राइमरी हाउसहोल्ड अर्थात पीएच परिवारों को दो रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं प्रतिमाह उपलब्ध कराया जा रहा है. रोचक बात यह है कि बहती गंगा में सरकारी कारिंदे भी हाथ धोने से नहीं चूके. इनमें सर्वाधिक शिक्षक बताए गए हैं. वही, पुलिस विभाग के कर्मचारी भी इसका लाभ उठाने से बाज नहीं आए. वर्ष 2013 से बड़ी संख्या में सरकारी कारिंदे गरीब के गेहूं पर हाथ मार रहे थे.

पढ़ें : दुबई से लाया था मिक्सर ग्राइंडर में छिपाकर 69 लाख रुपये का सोना, जयपुर एयरपोर्ट पर पकड़ा गया

विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिले में योजना का लाभ उठाने वाले लोगों की कराई गई जांच में 965 कर्मचारी योजना का लाभ लेते पाए गए. जैसे ही यह जांच शुरू हुई, संबंधित कर्मचारियों में खलबली मच गई. रसद विभाग द्वारा अब ऐसे कर्मचारियों से 27 रुपेय प्रति किलोग्राम गेहूं की दर से राशि वसूली जा रही है. अब तक विभाग द्वारा करीब 850 कर्मचारियों से 97,00000 रुपये की वसूली की जा चुकी है और 100 से अधिक कार्मिकों से वसूली की प्रक्रिया चल रही है.

जिला रसद अधिकारी विनीत कुमार शर्मा के अनुसार एसडीएम से लेकर तहसीलदार द्वारा ऐसे कर्मचारियों से राशि वसूल की जा रही है. वहीं, विभाग द्वारा भी अपने स्तर पर ऐसे कर्मचारियों से रिकवरी की जा रही है. उक्त राशि जमा नहीं कराने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.