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दुबई और सिंगापुर में नौकरी का झांसा, 41 युवकों से कर दी 55 लाख रुपए की ठगी - 41 youth cheated in the name of job in Chittorgarh

चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया थाने में दुबई और सिंगापुर में नौकरी दिलाने का झांसा देकर आरोपियों ने 41 युवकों से करीब 55 लाख रुपए ले लिए. जब लम्बे समय तक उनकी नौकरी नहीं लगी, तो पीड़ितों ने पैसे वापस मांगे. इस पर आरोपियों ने पैसे देने से मना कर दिया. भादसोड़ा थाना पुलिस ने धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर मामले में जांच शुरू कर दी (Fraud in the name of job in Chittorgarh) है.

Fraud in the name of job in Chittorgarh
दुबई और सिंगापुर में नौकरी का झांसा, 41 युवकों से कर दी 55 लाख रुपए की ठगी
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Published : May 4, 2022, 3:29 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले के मंडफिया थाने में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है. युवकों को दुबई और सिंगापुर में नौकरी देने का झांसा देकर 41 युवकों से 55 लाख की ठगी का मामला दर्ज करवाया गया (41 youth cheated in the name of job in Chittorgarh) है. ठगी में शामिल एक व्यक्ति ने अपने ही साझेदारों के खिलाफ रिपोर्ट दी है. भादसोड़ा थाना पुलिस ने धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर मामले में जांच शुरू कर दी है.

मंडफिया थानाधिकारी गोवर्धन सिंह ने बताया कि अकोलागढ़ निवासी रामसिंह ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि वर्ष 2017 में ओमान और लॉकडाउन से पहले दुबई में मजदूरी करता था. ओमान में वह अपने बड़े भाई के साले नरेंद्रसिंह के साथ ही रह रहा था. दुबई में रहने के दौरान उसकी मुलाकात आरोपी यूपी के लखनऊ निवासी राम सुमिरन व इसकी पत्नी प्रीति से हुई. राम सुमिरन और उसकी पत्नी प्रीति ने युवक को बताया कि वे दोनों संयुक्त अरब अमीरात के शहरों और सिंगापुर में युवकों को नौकरी दिलाने का काम करते हैं. उन्होंने रामसिंह को भी अपने साथ पार्टनर बनने के लिए मना लिया और कहा कि भारत में कोई भी परिचित युवक हो, जिसे दुबई या सिंगापुर में नौकरी चाहिए, तो उनके नौकरी सेट करने, पासपोर्ट, वीजा बनवाने में लगभग दो लाख रुपए का खर्च आएगा.

पढ़ें: केबीसी लॉटरी के नाम पर हो रहा साइबर ठगी, 25 लाख की लॉटरी जीतने का झांसा देकर ठग बना रहे शिकार, जानिए बचने के तरीके

उसके बाद रामसिंह लॉकडाउन लगने के बाद अपने घर चित्तौड़गढ़ के आकोलागढ़ वापस आ गया. यहां उसने अपने बड़े भाई शक्तिसिंह को सब बात बताई. इस पर शक्तिसिंह ने अपने साले नरेंद्रसिंह को भी साथ में काम करवाने की बात कही. दोनों ने मिलकर दो युवकों से बात की और उनको विदेश नौकरी पर लगाया. इसलिए रामसिंह को रामसुमिरन और प्रीति पर भरोसा हो गया. उसके बाद दोनों ने लगभग 41 युवकों से बातचीत की और उन्हें दुबई या सिंगापुर में नौकरी दिलवाने की बात कही. राम सुमिरन और उसकी पत्नी प्रीति ने रामसिंह और नरेंद्रसिंह को लालच दिया कि दोनों जितने युवकों को इस बात के लिए मनाएंगे, उतने प्रति व्यक्ति उन्हें 10-10 हजार रुपए मेहनताना के दिए जायेंगे.

पढ़ें: कॉल कर लकी ऑफर का देते थे झांसा, 46 महिलाओं समेत 53 गिरफ्तार

बाद में रामसिंह और नरेंद्रसिंह ने मिलकर विदेश में नौकरी के लिए भूतखेड़ा, कुन्तवास, गडरिया, भिंडर, वल्लभनगर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा के युवकों से रुपए लिए. यहां के युवकों से बात की और उनसे रुपए जुटाए. रामसिंह और नरेंद्र सिंह ने 41 युवकों से कुल 54 लाख 97 हजार 150 रुपए लिए और राम सुमिरन और प्रीति को ट्रांसफर करने के बाद 18 लाख 13 हजार 500 रुपए नरेंद्रसिंह अपने पास रख लिए. साथ ही युवकों के वीजा लगवाने के लिए उनके पासपोर्ट भी भेज दिए.

पढ़ें: राजस्थान : अंतर्राष्‍ट्रीय ऑनलाइन ठग गिरोह का भंडाफोड़, छह गिरफ्तार

रिपोर्ट में बताया कि लॉकडाउन लगने के बाद काफी समय बीत जाने के बावजूद भी जब लोगों की नौकरी नहीं लगी, तो सबने रामसिंह और नरेंद्रसिंह को शिकायत की. इनमें से रामसिंह ने 26 लाख 46 हजार 650 रुपए चुका दिए, जबकि 28 लाख 50 हजार 500 रुपए अभी भी देना शेष है. जब नरेंद्रसिंह और राम सुमिरन से रुपए मांगे गए, तो उन्होंने देने से मना कर दिया. राम सुमिरन और प्रीति ने लगभग सभी युवकों के पासपोर्ट तो लौटा दिए लेकिन तीन पासपोर्ट को अभी भी रोके रखा. रिपोर्ट में आरोप लगाया कि नरेंद्र सिंह ने जो रुपए लिए, उसमें से उसने अपने घर बनाने में खर्च कर दिए. नरेंद्र सिंह ने बदले में एक चेक भी दिया, जो बाउंस हो गया. अब रामसिंह को रुपए देने से मना कर दिया. आरोपी राम सुमिरन और प्रीति ने फोन उठाना बन्द कर दिया.

चित्तौड़गढ़. जिले के मंडफिया थाने में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है. युवकों को दुबई और सिंगापुर में नौकरी देने का झांसा देकर 41 युवकों से 55 लाख की ठगी का मामला दर्ज करवाया गया (41 youth cheated in the name of job in Chittorgarh) है. ठगी में शामिल एक व्यक्ति ने अपने ही साझेदारों के खिलाफ रिपोर्ट दी है. भादसोड़ा थाना पुलिस ने धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर मामले में जांच शुरू कर दी है.

मंडफिया थानाधिकारी गोवर्धन सिंह ने बताया कि अकोलागढ़ निवासी रामसिंह ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि वर्ष 2017 में ओमान और लॉकडाउन से पहले दुबई में मजदूरी करता था. ओमान में वह अपने बड़े भाई के साले नरेंद्रसिंह के साथ ही रह रहा था. दुबई में रहने के दौरान उसकी मुलाकात आरोपी यूपी के लखनऊ निवासी राम सुमिरन व इसकी पत्नी प्रीति से हुई. राम सुमिरन और उसकी पत्नी प्रीति ने युवक को बताया कि वे दोनों संयुक्त अरब अमीरात के शहरों और सिंगापुर में युवकों को नौकरी दिलाने का काम करते हैं. उन्होंने रामसिंह को भी अपने साथ पार्टनर बनने के लिए मना लिया और कहा कि भारत में कोई भी परिचित युवक हो, जिसे दुबई या सिंगापुर में नौकरी चाहिए, तो उनके नौकरी सेट करने, पासपोर्ट, वीजा बनवाने में लगभग दो लाख रुपए का खर्च आएगा.

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उसके बाद रामसिंह लॉकडाउन लगने के बाद अपने घर चित्तौड़गढ़ के आकोलागढ़ वापस आ गया. यहां उसने अपने बड़े भाई शक्तिसिंह को सब बात बताई. इस पर शक्तिसिंह ने अपने साले नरेंद्रसिंह को भी साथ में काम करवाने की बात कही. दोनों ने मिलकर दो युवकों से बात की और उनको विदेश नौकरी पर लगाया. इसलिए रामसिंह को रामसुमिरन और प्रीति पर भरोसा हो गया. उसके बाद दोनों ने लगभग 41 युवकों से बातचीत की और उन्हें दुबई या सिंगापुर में नौकरी दिलवाने की बात कही. राम सुमिरन और उसकी पत्नी प्रीति ने रामसिंह और नरेंद्रसिंह को लालच दिया कि दोनों जितने युवकों को इस बात के लिए मनाएंगे, उतने प्रति व्यक्ति उन्हें 10-10 हजार रुपए मेहनताना के दिए जायेंगे.

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बाद में रामसिंह और नरेंद्रसिंह ने मिलकर विदेश में नौकरी के लिए भूतखेड़ा, कुन्तवास, गडरिया, भिंडर, वल्लभनगर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा के युवकों से रुपए लिए. यहां के युवकों से बात की और उनसे रुपए जुटाए. रामसिंह और नरेंद्र सिंह ने 41 युवकों से कुल 54 लाख 97 हजार 150 रुपए लिए और राम सुमिरन और प्रीति को ट्रांसफर करने के बाद 18 लाख 13 हजार 500 रुपए नरेंद्रसिंह अपने पास रख लिए. साथ ही युवकों के वीजा लगवाने के लिए उनके पासपोर्ट भी भेज दिए.

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रिपोर्ट में बताया कि लॉकडाउन लगने के बाद काफी समय बीत जाने के बावजूद भी जब लोगों की नौकरी नहीं लगी, तो सबने रामसिंह और नरेंद्रसिंह को शिकायत की. इनमें से रामसिंह ने 26 लाख 46 हजार 650 रुपए चुका दिए, जबकि 28 लाख 50 हजार 500 रुपए अभी भी देना शेष है. जब नरेंद्रसिंह और राम सुमिरन से रुपए मांगे गए, तो उन्होंने देने से मना कर दिया. राम सुमिरन और प्रीति ने लगभग सभी युवकों के पासपोर्ट तो लौटा दिए लेकिन तीन पासपोर्ट को अभी भी रोके रखा. रिपोर्ट में आरोप लगाया कि नरेंद्र सिंह ने जो रुपए लिए, उसमें से उसने अपने घर बनाने में खर्च कर दिए. नरेंद्र सिंह ने बदले में एक चेक भी दिया, जो बाउंस हो गया. अब रामसिंह को रुपए देने से मना कर दिया. आरोपी राम सुमिरन और प्रीति ने फोन उठाना बन्द कर दिया.

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