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चित्तौड़गढ़ में तीन तलाक मामले में पहली गिरफ्तारी, पति सहित परिवार के तीन सदस्य हिरासत में

चित्तौड़गढ़ की बस्सी थाना पुलिस ने तीन तलाक के मामले में आरोपी पति और षडयंत्र में शामिल ससुर और मामा ससुर को गिरफ्तार कर लिया है. चित्तौड़गढ़ जिले में तीन तलाक मामले में कार्रवाई का यह पहला मामला है.

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चित्तौड़गढ़ में तीन तलाक के मामले में पहली गिरफ्तारी
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Published : Dec 27, 2020, 11:01 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले की बस्सी थाना पुलिस ने तीन तलाक के मामले में दर्ज प्रकरण में आरोपी पति के अलावा षडयंत्र में शामिल ससुर और मामा ससुर को गिरफ्तार कर लिया है. चित्तौड़गढ़ जिले में तीन तलाक का यह पहला मामला है, जिसमें रविवार को गिरफ्तारी हुई है. बस्सी थाना पुलिस के अनुसार प्रार्थिया गोसिया बानू ने पुलिस थाने पर एक लिखित रिपोर्ट दी. इसमें बताया है कि पूर्व में प्रार्थी ने अपने पति, ससुर ननंद और मामा ससुर के खिलाफ 2018 में एक प्रकरण दर्ज करवाया था.

उक्त प्रकरण में न्यायालय में चालान पेश करने के बाद प्रार्थी के ससुराल पक्ष ने प्रार्थी को विश्वास में लिया कि उसे अच्छा से रखेंगे, कभी परेशान नहीं करेंगे. इनके विश्वास में आकर प्रार्थी ने 2019 में राजीनामा कर लिया था. उसके बाद प्रार्थी अपने ससुराल में रहने लगे तो पति की ओर से आए दिन मारपीट की जाने लगी. वहीं पति धमकी देने लगा कि तीन तलाक बोल कर तलाक दे दूंगा. प्रार्थी ने अपने पति सरफराज, ससुर अबरार अहमद और मामा ससुर फसीहुद्विन से विनती की कि तीन तलाक देकर जीवन बर्बाद नहीं कर सकते.

यह भी पढ़ें- जनता का काम नहीं होने पर आता है गुस्सा, अब कोई नाराजगी नहीं : इंदिरा मीणा

उसके बाद प्रार्थी के पति ने 6 दिसंबर को एक नोटिस भेजा, जिसमें तीन तलाक की घोषणा थी. उक्त नोटिस में गवाह ससुर और मामा ससुर थे. इस रिपोर्ट पर बस्सी थाना पुलिस ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारी संरक्षण) विधेयक 2019 के तहत प्रकरण दर्ज किया. बस्सी थाना पुलिस ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुवे मामले की जांच पूर्ण की. मामले सरफराज पुत्र अबरार अहमद कुरेशी, इसके पिता अबरार अहमद और मामा ससुर मोहम्मद फसीहुद्विन को रविवार को गिरफ्तार कर लिया. इन्हें अनुसंधान के बाद न्यायालय में पेश किया जाएगा.

चित्तौड़गढ़. जिले की बस्सी थाना पुलिस ने तीन तलाक के मामले में दर्ज प्रकरण में आरोपी पति के अलावा षडयंत्र में शामिल ससुर और मामा ससुर को गिरफ्तार कर लिया है. चित्तौड़गढ़ जिले में तीन तलाक का यह पहला मामला है, जिसमें रविवार को गिरफ्तारी हुई है. बस्सी थाना पुलिस के अनुसार प्रार्थिया गोसिया बानू ने पुलिस थाने पर एक लिखित रिपोर्ट दी. इसमें बताया है कि पूर्व में प्रार्थी ने अपने पति, ससुर ननंद और मामा ससुर के खिलाफ 2018 में एक प्रकरण दर्ज करवाया था.

उक्त प्रकरण में न्यायालय में चालान पेश करने के बाद प्रार्थी के ससुराल पक्ष ने प्रार्थी को विश्वास में लिया कि उसे अच्छा से रखेंगे, कभी परेशान नहीं करेंगे. इनके विश्वास में आकर प्रार्थी ने 2019 में राजीनामा कर लिया था. उसके बाद प्रार्थी अपने ससुराल में रहने लगे तो पति की ओर से आए दिन मारपीट की जाने लगी. वहीं पति धमकी देने लगा कि तीन तलाक बोल कर तलाक दे दूंगा. प्रार्थी ने अपने पति सरफराज, ससुर अबरार अहमद और मामा ससुर फसीहुद्विन से विनती की कि तीन तलाक देकर जीवन बर्बाद नहीं कर सकते.

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उसके बाद प्रार्थी के पति ने 6 दिसंबर को एक नोटिस भेजा, जिसमें तीन तलाक की घोषणा थी. उक्त नोटिस में गवाह ससुर और मामा ससुर थे. इस रिपोर्ट पर बस्सी थाना पुलिस ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारी संरक्षण) विधेयक 2019 के तहत प्रकरण दर्ज किया. बस्सी थाना पुलिस ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुवे मामले की जांच पूर्ण की. मामले सरफराज पुत्र अबरार अहमद कुरेशी, इसके पिता अबरार अहमद और मामा ससुर मोहम्मद फसीहुद्विन को रविवार को गिरफ्तार कर लिया. इन्हें अनुसंधान के बाद न्यायालय में पेश किया जाएगा.

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