कपासन (चितौड़गढ़). कपासन क्षेत्र की एक महिला किसान टमाटर की अच्छी खेती तो करती ही है. साथ ही पौधों को नष्ट होने से बचाने के लिए खुद ही अनोखा तरीका भी ढूंढ निकाला है. महिला किसान झमकु ने बताया कि फल लगने से टमाटर के पौधे पर भार बढ़ने से, पौधे टूट जाते हैं. इससे बचने के लिये उसने पौधे का एक सिरा पुराने कपडे़ से और दूसरा सिरा लकड़ी से बांधकर उसे सहारा दिया. जिससे पौधा टूटे नहीं और फल भी जमीन पर न लगे.
दरअसल, टमाटर का पौधा बहुत ही कमजोर होता है, और उस पर एक साथ कई फल लगते हैं. जिसके भार से पौधा झुक जाता है. इस तरकीब से फल पर दाग-धब्बा नहीं लगते और दवाओं का छिड़काव भी अच्छे से हो जाता है. दाग लगे टमाटर आधे दाम पर बिकते हैं. इसमें कीडे़ और कई प्रकार की बिमारिया भी लग जाती हैं. जिसके बचाव के लिए दवाओं का छिड़काव करना ही पड़ता है.
पढ़ें: चित्तौड़गढ़: 31वें राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह का शुभारंभ
महिला किसान ने बताया कि उसके खेत में लगे टमाटर को वो जोधपुर और जयपुर बेचती है. व्यापारी खेत पर ही आकर टमाटर ले जाते हैं. हालांकि, टमाटर को 15 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से खरीदा जा रहा है. मुनाफा कम है, पर संतुष्टि इस बात की है कि क्वालिटी अच्छी होने के कारण ग्राहकों का इन्तजार नहीं करना पड़ता है.