चित्तौड़गढ़. जिले के प्रख्यात कृष्ण धाम श्री सांवलियाजी मंदिर में श्रद्धालु कोविड-19 के चलते साल के आखिरी दिन 31 दिसंबर और नववर्ष के पहले दिन 1 जनवरी पर दर्शन नहीं कर पाएंगे. ऐसे में नव वर्ष को रहने वाली भारी भीड़ इस वर्ष नहीं रहेगी. वहीं, फिलहाल कोरोना के चलते हर रविवार को भी पट्ट बन्द रहेंगे.
जानकारी के अनुसार श्री सांवलियाजी मंदिर में पिछले एक दशक से 31 दिसम्बर व नववर्ष के अवसर पर यहां उत्साह का माहौल रहता है. दोनों ही दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और मेले जैसा माहौल बन जाता है. इस साल कोविड-19 संक्रमण के चलते मंदिर मंडल प्रशासन एडीएम मुकेश कलाल ने जिला कलक्टर के निर्देश पर 31 दिसंबर और 1 जनवरी को भगवान के दर्शन श्रद्धालुओं के लिए बंद रखने का निर्णय किया है. हालांकि, प्रशासन का निर्णय व्यवसायियों के लिए नुकसानदायक है, लेकिन संक्रमण रोकने के लिए प्रशासन का प्रयास माना जा रहा है.
इसी तरह कृष्ण चतुर्दशी और अमावस्या के चलते रविवार को भी पट्ट बंद रहेंगे. 31 दिसंबर और एक जनवरी 2 दिनों में मंडफिया कस्बे की अधिकांश होटलों, धर्मशालाएं और निजी गेस्ट हाउस श्रद्धालुओं से भरे रहते हैं. 31 दिसंबर की रात यहां भजन संध्या का आयोजन होता है. साथ ही धार्मिक उत्सव मनाया जाता आया है. कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर में प्रत्येक रविवार, चतुर्दशी और अमावस्या पर श्रद्धालुओं के दर्शन पर पहले से ही रोक लगा रखी है. लेकिन, पुजारी द्वारा मंदिर की अन्य पारंपरिक व्यवस्था (जैसे-सेवा, पूजा और आरती इत्यादि) पहले की तरह पारंपरिक रूप से नियत समय पर की जाएगी.
सांवलिया सेठ का दर्शन कर करते हैं नववर्ष की शुरुआत
करीब एक दशक से नववर्ष के दिन श्री सांवलिया जी मंदिर में भारी भीड़ रहने लगी है. श्रद्धालु भगवान सांवलिया सेठ के दर्शन कर नववर्ष की शुरुआत करना चाहते हैं. ऐसे में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु 31 दिसंबर की रात को ही श्री सांवलियाजी मंदिर पहुंच जाते हैं और अगले दिन दर्शन कर अपने गंतव्य को रवाना हो जाते हैं.