चित्तौड़गढ़. जिले के प्रसिद्ध श्री सांवलियाजी प्राकट्य स्थल मन्दिर बागुण्ड भादसोडा में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार को लेकर राज्य सरकार हरकत में आ गई है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस बारे में जिला कलेक्टर को पत्र भेज कर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. साथ ही रिपोर्ट भेजने की समय सीमा 1 सप्ताह निर्धारित की है. मंदिर की चढ़ावा राशि के खर्चों में अनियमितता, मनमानी व धांधली के कारण लोगों ने सरकार से मंदिर का अधिग्रहण करने की मांग की है. इस संबंध में ग्राम पंचायत भादसोड़ा के सरपंच शम्भू सुथार ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मांग पत्र भेजा था.
अपने पत्र में मंदिर ट्रस्ट के कामकाज में विभिन्न प्रकार की गड़बड़ियों का हवाला देते हुए सरकार से अधिग्रहित करने की जरूरत बताई गई है. इसके जवाब में मुख्यमंत्री कार्यालय के विशेषाधिकारी प्रवीण सिंह कच्छवाह ने प्रकरण में परीक्षण करवाकर विभागीय तथ्यात्मक रिपोर्ट एवं वस्तुस्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया है. इस संबंध में जिला कलेक्टर को पत्र भेजकर 7 दिन में रिपोर्ट तलब की गई है.
बता दें कि पिछले 3 महीने में दो कर्मचारी चढ़ावा राशि की गणना के दौरान राशि चुराते हुए रंगे हाथ पकड़े गए थे. इसके अलावा मंदिर से प्रसाद सामग्री अवैध तरीके से अपने घरों पर ले जाने के मामले भी सामने आए थे.
काफी लंबे समय से इन अनियमितताओं को लेकर ग्रामीण मंदिर ट्रस्ट के चुनाव की मांग को लेकर आंदोलन भी कर रहे हैं. लेकिन मंदिर ट्रस्ट के लोग विभिन्न प्रकार के बहाने बनाकर वर्षों से ग्रामीणों की इस मांग को उपेक्षा कर रहे हैं. बता दें कि हर 3 साल में चुनाव कराने का प्रावधान है. फिलहाल मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र के बाद से ही ट्रस्ट से जुड़े लोगों में खलबली मची हुई है. गौर है कि भादसोड़ा चौराहा स्थित श्री सांवरिया जी प्राकृतिक स्थल और मंदिर भी लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है. श्रद्धालु यहां दर्शन के बाद ही मंडफिया स्थित श्री सांवरिया जी मंदिर पहुंचते हैं. प्रतिदिन यहां पर भी हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. उसी का नतीजा है कि यहां पर भी प्रति महीने दान राशि 70 लाख से लेकर 80 लाख तक पहुंच गई है.
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