चित्तौड़गढ़. निम्बाहेड़ा उपखण्ड मुख्यालय पर स्थित उप पंजीयक पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग कार्यालय में सोमवार शाम को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हुए. कार्यालय के क्लर्क और संविदाकर्मी को मंगलवार को उदयपुर स्थित एसीबी कोर्ट में पेश किया गया. यहां से दोनों को ही जेल भेजने के आदेश दिए हैं.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) चित्तौड़गढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया, गत दिनों प्रार्थी निंबाहेड़ा निवासी बहादुर सिंह ने एसीबी चित्तौड़गढ़ चौकी पर एक परिवाद दिया था. इसमें बताया कि उसके पांच ग्राहकों की रजिस्ट्री निम्बाहेड़ा उप पंजीयक कार्यालय से करवाई थी. इनकी प्रमाणित छाया प्रतियां के लिए राजकीय राशि ई-मित्र पर जमा करवा दी थी. इसके बावजूद उप पंजीयक पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग निंबाहेड़ा में कार्यरत क्लर्क और संविदाकर्मी प्रत्येक प्रतिलिपि के 200 के हिसाब से 1 हजार रुपए रिश्वत की मांग कर रहे हैं.
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इस पर एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करवाने के बाद सोमवार शाम कार्यालय में कार्यरत पंजीयन क्लर्क दौसा जिले में सिकराय निवासी उमाशंकर शर्मा पुत्र हुकुमचंद शर्मा व संविदा पर चालक के पद पर कार्यरत लसडावन निवासी जाकिर हुसैन पुत्र शमसुद्दीन को एक हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. मौके पर कार्रवाई के बाद दोनों आरोपितों को एसीबी चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय लेकर आ गई. यहां दोनों के बयान दर्ज किए गए. आवश्यक कार्रवाई के बाद एसीबी की टीम दोनों आरोपितों को लेकर उदयपुर पहुंची. यहां विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में पेश किया गया. न्यायालय ने गिरफ्तार दोनों आरोपितों को जेल भेजने के आदेश दिए हैं.