चित्तौड़गढ़. बैंक कर्मचारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते राष्ट्रीयकृत बैंक बंद 3 दिन से बंद है. इसका असर शहर के अधिकांश एटीएएम पर देखने को मिल रहा है. एटीएम में नकदी नहीं होने और सरकारी बैंक बंद होने के चलते आम नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. बैंक के ग्राहक सुबह से एटीएम पहुंचकर पैसे निकालने के लिए लाइन में खड़े हो गए थे. जहां कुछ एटीएम में पैसे पहले ही खत्म हो चुके थे, वही जिन एटीएम में पैसे बचे हुए थे वह भी रविवार को कैशलेस हो गए. ऐसे में लोग पैसे निकलवाने के लिए भटक रहे हैं.
जानकारी के अनुसार यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर शुक्रवार और शनिवार को भी बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे हैं. इससे बैंकों में लेन-देन बाधित रहा. वहीं रविवार को भी अवकाश रहा. ऐसे में बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का सबसे अधिक असर ही ग्राहकों पर रहा और उन्हें परेशानी झेलनी पड़ी. वहीं प्राइवेट बैंकों में अन्य दिनों की भांति ही काम-काज हुआ था. बैंक कर्मचारियों से जुड़े संगठनों ने पहले से ही हड़ताल की घोषणा की थी.
शुक्रवार और शनिवार को हड़ताल के चलते बैंक बंद रहे. ऐसे में लोगों को नकद लेन-देन के लिए एटीएम की सेवाएं लेनी पड़ी. दो दिन में औसत से अधिक निकासी होने के कारण एसबीआई बैंक के एटीएम खाली हो गए. लोग एसबीआई के एटीएम के चक्कर काटते रहे, लेकिन उन्हें मायूस होकर वापस लौटना पड़ा. बाद में उन्हें निजी बैंकों के एटीएम की सेवाएं लेनी पड़ी. हड़ताल के कारण बैंकों में लेन-देन बंद होने पर लोगों को एटीएम से ही उम्मीद थी. जिन बैंक ग्राहकों के पास एटीएम था वह अपने रुपए निकालने के लिए लाइन में लग गए, लेकिन 2 दिनों की हड़ताल के चलते ही एटीएम भी कैशलेस हो गए.
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एटीएम में कैश खत्म हो जाने के कारण ग्राहकों को दूसरे निजी बैंकों के एटीएम खंगालने पड़े, हालांकि कुछ जगहों पर निजी बैंकों के एटीएम से पैसे निकल रहे थे, लेकिन अधिकांश सरकारी बैंकों के एटीएम खाली पड़े थे. वहीं एटीएम से नकद निकासी के अलावा रुपये जमा कराने वाली सीडीएम मशीन भी समय से पहले भर गई. ऐसे में लोग रुपये भी जमा नहीं करवा पा रहे थे, गौरतलब है कि बैंक कर्मचारियों की ओर से अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी रखा और शनिवार को भी बैंकों में ताले लटकते रहे.