चित्तौड़गढ़. पॉक्सो कोर्ट ने 4 साल पुराने दुष्कर्म के एक मामले में सोमवार को सुनाए निर्णय में एक आरोपी को दोषी ठहराया और उसे 10 साल की सजा सुनाई. साथ ही 35 हजार रुपए का जुर्माना लगाया. इसके अलावा एक अन्य आरोपी को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया गया. मामले में एक नाबालिग को भी किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया गया था. उसका मामला विचाराधीन है.
जुलाई 2019 की है घटनाः विशेष लोक अभियोजक शोभा लाल जाट ने बताया कि 20 जुलाई 2019 को बेगूं थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने मामला दर्ज करवाया था. रिपोर्ट में बताया गया कि उसकी दोहिती मंदिर से घर लौट रही थी. इस दौरान नाबालिग बालक ने उसकी दोहिती को अलग ले जाकर उसके साथ रेप किया. इस दौरान नाबालिग के साथ अनिल नामक एक युवक ने बड़ी दोहिती को जबरन रोके रखा. रेप के बाद बालिकाओं ने हल्ला मचाया तो कई लोग एकत्रित हो गए. वहां पर दूल्हे सिंह नाम का एक व्यक्ति आया. उसने सारी घटना के बारे में जानकारी ली.
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बदनाम करने की दी धमकीः कुछ दिन बाद दूल्हे सिंह ने बड़ी दोहिती को फोन कर स्कूल में बुलाया और इज्जत खराब करने की धमकी दी. बच्ची धमकी से डर गई और स्कूल चली गई जहां दूल्हे सिंह पहले से मौजूद था. दूल्हे सिंह ने बच्ची को बाथरूम में ले जाकर रेप किया. इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी. इस मामले में दूल्हे सिंह और अनिल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और नाबालिग को डिटेन कर लिया.
सुनवाई के दौरान पेश हुए 15 गवाहः पुलिस ने दूल्हे सिंह और अनिल को पॉक्सो कोर्ट में पेश किया. जबकि नाबालिग बालक को किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया गया. पॉक्सो कोर्ट में सुनवाई के दौरान 15 गवाह और 23 दस्तावेज पेश किए गए. पॉक्सो कोर्ट संख्या 1 के पीठासीन अधिकारी ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अनिल को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. वहीं दूल्हे सिंह को दोषी मानते हुए 10 साल की सजा सुनाई. साथ ही 35 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया.