चित्तौड़गढ़. देश का खनिज संपदा एवं उत्पादन को नियंत्रित करने के लिए बनने वाली माइनिंग पॉलिसी में समय अनुकुल बदलाव देश में खनन के व्यवस्थित उत्पादन को बढ़ाने का काम करेंगे. उक्त बात चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने लोकसभा में खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक- 2021 के समर्थन में बोलते हुए लोकसभा में चर्चा के दौरान कही.
सांसद सीपी जोशी ने कहा कि समय पर बदलाव ना होने के कारण देश में खनन उत्पादन व्यवस्थित नहीं है. साल 2015 में इसी सरकार ने खनिज अधिनियम में मूलभूत सुधार किया, इस सुधार के कारण नीलामी से खनन पट्टा आवंटन की व्यवस्था को लागू किया गया, जिससे राज्यों के राजस्व में वृद्धि हो, इसके अतिरिक्त एनएमईटी और डीएमएफटी के भी प्रावधान किए गए, इन प्रावधानों का उद्देश्य खनन के क्षेत्र में नए खनिजों की खोज, खनिज उत्पादन बढ़ाना, राज्यों के राजस्व में बढ़ोतरी सहित क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करना था.
सांसद जोशी ने कहा कि साल 2015 के संशोधन के बाद कच्चे माल की आपूर्ति भी बढ़ी और आत्मनिर्भरता का उद्देश्य भी पूरा करने में सहयोग मिला, लेकिन ई-नीलामी राज्यों का विषय होने के कारण कई स्थानों पर नीलामी प्रक्रिया शिथिल रही या निलामी हुई ही नहीं. नए विधेयक में पहले राज्य की ओर से नीलामी तय समय सीमा में पूर्ण करने और समय सीमा के पश्चात केन्द्र सरकार की ओर से निलामी इस विधेयक की महत्वपूर्ण बात है. सांसद जोशी ने कहा कि इस अधिनियम में दो तरह के खनन पट्टों का उल्लेख पूर्व में रहा है. एक खनन पट्टा वह जिसका उत्पादन किसी प्लांट विशेष के लिए किया जाए.