चित्तौड़गढ़. जिला प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद जिले में कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालात यह हैं कि फरवरी में जितने रोगी आए, मार्च में 7 गुना से अधिक बढ़ गए और अब स्थिति बेकाबू होती दिख रही है. अप्रैल के 5 दिनों में ही पॉजिटिव रोगियों की संख्या मार्च के मुकाबले अधिक पहुंच गई. पीएमओ ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि लोग अभी भी नहीं संभले तो अगले 15 दिन में हालात को संभालना मुश्किल होगा.
जिले में पिछले 1 सप्ताह से अधिक समय से रोगियों का आंकड़ा दहाई के आंकड़े से नीचे नहीं उतर रहा और दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. चिंताजनक बात यह है कि आने वाले रोगियों में सबसे अधिक चित्तौड़गढ़ शहर के हैं. लगभग 60 प्रतिशत नए रोगी चित्तौड़गढ़ शहर और आसपास के इलाकों से हैं. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिले में जनवरी में रोगियों का ग्राफ 255 था, जो कि फरवरी में घटकर 73 तक उतर गया. परंतु यह खुशी ज्यादा समय तक टिक नहीं पाई और मार्च में संक्रमण फिर से बढ़ने लगा और आंकड़ा 525 तक जा पहुंचा. सबसे अधिक चिंताजनक पहलू यह है कि होली के बाद से संक्रमण की रफ्तार काफी तेजी पकड़ गई.
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अप्रैल के 5 दिन में ही रोगियों की संख्या 400 पार हो गई. इसे लेकर जिला प्रशासन भी चिंतित नजर आ रहा है. जिस प्रकार से हर दिन रोगियों की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए इस महीने के अंत तक हालात और भी विस्फोटक होने की आशंका जताई जा रही है. हालांकि जिला प्रशासन द्वारा कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना करवाने के लिए नित नए कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन संक्रमण की गति घटने की बजाए और भी तेजी पकड़ रही है.
इसे देखते हुए जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश वैष्णव ने लोगों से गाइडलाइन की पालना करने का आग्रह किया है. उनका मानना है कि यदि अभी भी हम गंभीर नहीं हुए तो अगले कुछ दिनों में हालात और भी बुरे हो सकते हैं. उस समय पुलिस हो या प्रशासन या फिर चिकित्सा विभाग कोई भी इस स्थिति को नहीं संभाल पाएगा.