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पढ़ाई पर ब्लाइंडनेस को नहीं होने दिया हावी, 96 प्रतिशत अंकों के साथ लाया जिले में दूसरा स्थान

चित्तौड़गढ़ के एक छात्र सौरभ जैन ने अपने अंधेपन को मात देते हुए सीबीएसई 12वीं कला वर्ग में जिले में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. सीबीएसई आर्ट्स में 95.8 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले सौरभ जैन ने अपनी पढ़ाई और दिनचर्या पर कभी ब्लाइंडनेस को हावी नहीं होने दिया.

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Published : Jul 15, 2020, 5:24 PM IST

Chittorgarh Topper Saurabh Jain, Topper Blind Student
सौरभ जैन को जिले में दूसरी स्थान मिला

चित्तौड़गढ़. किसी के शरीर में शारीरिक कमी रहती हैं, तो उसमें कुछ क्षमताएं अधिक भी होती हैं. इस मान्यता को साकार करते हुए जिले के एक छात्र ने अपने अंधेपन को मात देते हुए सीबीएसई 12वीं कला वर्ग में जिले में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. अपनी पढ़ाई और दिनचर्या पर कभी ब्लाइंडनेस को हावी नहीं होने दिया. ब्लाइंडनेस को मात देकर इस किशोर ने अपने माता-पिता एवं परिवार के साथ ही स्कूल का नाम भी रोशन किया है.

सौरभ जैन को जिले में दूसरी स्थान मिला

जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ शहर में रहने वाले छात्र सौरभ जैन की उपलब्धि ने जिले में हर किसी को प्रभावित किया. वो आंखों से देख नहीं सकते, फिर भी सीबीएसई आर्ट्स में जिले में दूसरे नंबर पर रहे हैं. स्कूल में जो पढ़ाया जाता था, सौरभ वो सुन कर समझते थे. इसके बाद टीचर से डिस्कस करते था. सौरभ ने ऑडियो पीडीएफ फाइल सुन कर सब्जेक्ट वाइज नियमित अध्ययन किया और हर किसी को प्रभावित कर दिया. जीवन में ब्लाइंडनेस को कभी हावी नहीं होने दिया. सौरभ ने सीबीएसई आर्ट्स में 95.8 प्रतिशत अंक प्राप्त किए.

पढ़ें- बाड़मेर: कीर्ति तापड़िया 12वीं CBSE कॉमर्स की परीक्षा में बनी जिला टॉपर

सौरभ के पिता राजेश जैन बिरला सीमेंट में काम करते हैं और माता वैजयंती ग्रहणी हैं. सौरभ शुरू से ही होनहार रहे. सौरभ ने दसवीं बोर्ड में भी 84 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे. शहर के शास्त्रीनगर निवासी सौरभ शहर में सेंती स्थित सेंट्रल अकेडमी स्कूल में पढ़ते हैं. बचपन में तो कुछ दिखाई देता था, लेकिन कक्षा पांच-छह तक आते सौरभ को दिखना बन्द हो गया. अभी इसे बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता है. परिवार ने लगातार हौंसला बढ़ाया है. यही सौरभ की सफलता का राज रहा है.

सौरभ ने स्कूल में ही सुन कर अपनी पढ़ाई की है. जब सोमवार को परिणाम आया तो सभी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. यहां तक कि चितौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी भी राजेश जैन के घर पहुंचे. यहां मंगलवार को उन्होंने सौरभ को मिठाई खिला कर शुभकामनाएं दी. सौरभ के पिता राजेश जैन से बेटे की सफलता पर बात की तो वे भावुक हो गए.

पढ़ें- RBSE: 12वीं वाणिज्य वर्ग का परिणाम जारी, जयपुर की निकिता ने 97.80 अंक लाकर रचा इतिहास

उन्होंने कहा कि स्कूल में किए अध्ययन का काफी फायदा मिला है. वहीं मां वैजयंती जैन का कहना है कि उम्मीद से अच्छा परिणाम रहा है. इसे गाइड करने वाले कम मिले, लेकिन फिर पुत्र अपेक्षाओं पर खरा उतरा है. वहीं सौरभ का कहना है कि उसने स्कूल में ही शिक्षकों से सुन कर पढ़ाई की है. घर पर पढ़ने का कोई समय नहीं रहता था. अब वह भविष्य में यूपीएससी क्लियर कर के सिविल सेवा में जाना चाहता है.

चित्तौड़गढ़. किसी के शरीर में शारीरिक कमी रहती हैं, तो उसमें कुछ क्षमताएं अधिक भी होती हैं. इस मान्यता को साकार करते हुए जिले के एक छात्र ने अपने अंधेपन को मात देते हुए सीबीएसई 12वीं कला वर्ग में जिले में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. अपनी पढ़ाई और दिनचर्या पर कभी ब्लाइंडनेस को हावी नहीं होने दिया. ब्लाइंडनेस को मात देकर इस किशोर ने अपने माता-पिता एवं परिवार के साथ ही स्कूल का नाम भी रोशन किया है.

सौरभ जैन को जिले में दूसरी स्थान मिला

जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ शहर में रहने वाले छात्र सौरभ जैन की उपलब्धि ने जिले में हर किसी को प्रभावित किया. वो आंखों से देख नहीं सकते, फिर भी सीबीएसई आर्ट्स में जिले में दूसरे नंबर पर रहे हैं. स्कूल में जो पढ़ाया जाता था, सौरभ वो सुन कर समझते थे. इसके बाद टीचर से डिस्कस करते था. सौरभ ने ऑडियो पीडीएफ फाइल सुन कर सब्जेक्ट वाइज नियमित अध्ययन किया और हर किसी को प्रभावित कर दिया. जीवन में ब्लाइंडनेस को कभी हावी नहीं होने दिया. सौरभ ने सीबीएसई आर्ट्स में 95.8 प्रतिशत अंक प्राप्त किए.

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सौरभ के पिता राजेश जैन बिरला सीमेंट में काम करते हैं और माता वैजयंती ग्रहणी हैं. सौरभ शुरू से ही होनहार रहे. सौरभ ने दसवीं बोर्ड में भी 84 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे. शहर के शास्त्रीनगर निवासी सौरभ शहर में सेंती स्थित सेंट्रल अकेडमी स्कूल में पढ़ते हैं. बचपन में तो कुछ दिखाई देता था, लेकिन कक्षा पांच-छह तक आते सौरभ को दिखना बन्द हो गया. अभी इसे बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता है. परिवार ने लगातार हौंसला बढ़ाया है. यही सौरभ की सफलता का राज रहा है.

सौरभ ने स्कूल में ही सुन कर अपनी पढ़ाई की है. जब सोमवार को परिणाम आया तो सभी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. यहां तक कि चितौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी भी राजेश जैन के घर पहुंचे. यहां मंगलवार को उन्होंने सौरभ को मिठाई खिला कर शुभकामनाएं दी. सौरभ के पिता राजेश जैन से बेटे की सफलता पर बात की तो वे भावुक हो गए.

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उन्होंने कहा कि स्कूल में किए अध्ययन का काफी फायदा मिला है. वहीं मां वैजयंती जैन का कहना है कि उम्मीद से अच्छा परिणाम रहा है. इसे गाइड करने वाले कम मिले, लेकिन फिर पुत्र अपेक्षाओं पर खरा उतरा है. वहीं सौरभ का कहना है कि उसने स्कूल में ही शिक्षकों से सुन कर पढ़ाई की है. घर पर पढ़ने का कोई समय नहीं रहता था. अब वह भविष्य में यूपीएससी क्लियर कर के सिविल सेवा में जाना चाहता है.

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