चित्तौड़गढ़. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) चित्तौड़गढ़ की ओर से बेगूं में उपखंड अधिकारी कार्यालय में 3 लाख रुपए नकद मिलने के मामले में सहायक प्रशासनिक अधिकारी (रीडर) को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में बेगूं एसडीएम व तहसीलदार को भी नामजद किया है. ये 3 लाख रुपए एक विवादित भूमि के त्वरित निस्तारण के लिए घूस के रूप में लिए गए (Begun SDB reader arrested in bribe case) थे.
एसीबी चित्तौड़गढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ विक्रम सिंह ने बताया कि एसीबी को बेगूं उपखंड अधिकारी कार्यालय के खिलाफ शिकायत मिल रही थी. इस पर टीम बुधवार को एसडीएम कार्यालय पहुंची. यहां तालाशी के दौरान सहायक प्रशासनिक अधिकारी मोहम्मद असलम कुरैशी की अलमारी से 3 लाख रुपए मिले. पूछताछ में असलम ने बताया कि एसडीएम मुकेश मीणा ये रकम रख कर गए थे.
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एएसपी ने बताया कि हरिपुरा गांव में एक चारभुजानाथ जी का मंदिर है. वह जमीन विवादित है. इसका जल्दी निस्तारण करने के लिए यह 3 लाख रुपए एसडीएम मुकेश मीणा ने मांगे थे. इसलिए परिवादी बुधवार को आया. इस मामले की अगली तारीख 24 मुकर्रर है. ग्रामीणों ने निस्तारण के लिए चंदा मांग कर यह रुपए एकत्रित किए. इस रकम को लेकर एसडीएम से पूछताछ की गई, लेकिन वह संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाया.
एसडीएम के घर से मिली रेवेन्यू सम्बंधित फाइलें: एएसपी ने बताया कि एसडीएम मुकेश मीणा के घर की भी तलाशी ली. यहां से रेवेन्यू से संबंधित 31 फाइल मिलीं. इनमें नगरपालिका बेगूं की भी फाइल थी. उनके घर से 14 तोला सोना, 2000 रुपए और पर्स में 18 हजार 490 रुपए के अलावा कार मिली. इस मामले में तहसीलदार प्रेमधन गुर्जर की भी संदिग्ध भूमिका पाई गई. एसडीएम और तहसीलदार को नामजद कर लिया. कार्रवाई बुधवार दोपहर शुरू हुई, जो गुरुवार तक चलती रही. बाद में एसीबी असलम कुरैशी को चित्तौड़गढ़ लेकर आई और गिरफ्तारी दिखाई.