चित्तौड़गढ़. 9 वर्षीय पुष्कर गुर्जर की मौत का रहस्य पुलिस 3 सप्ताह बाद भी नहीं खोल पाई. इसके विरोध में ग्रामीणों ने गुरुवार को मंडफिया कस्बे को बंद रखते हुए प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर पुलिस अधीक्षक के नाम अल्टीमेटम भेजा. ग्रामीणों का आरोप था कि इतना समय मिलने के बाद भी पुलिस ने मामले में किसी भी प्रकार की जांच नहीं की. इस संबंध में पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन भेजा गया था, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला.
इसके विरोध में टांडी खेड़ा और मंडफिया के सर्व समाज द्वारा गुरुवार को बंद का ऐलान किया गया था. उसी के तहत बड़ी संख्या में ग्रामीण मंडफिया पुलिस थाने के बाहर एकत्र हुए और धरना प्रदर्शन किया. इसे देखते हुए भदेसर, शंभूपुरा सहित चार पुलिस थानों का जाप्ता बुलाया गया. पुलिस उपाधीक्षक भदेसर मौके पर मौजूद रहे. दोपहर बाद ग्रामीणों द्वारा पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन भेजा गया, जिसमें मामले के जांच अधिकारी को बदलने सहित पुष्कर की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को सामने लाने की मांग करते हुए उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई.
पढ़ें: भरतपुर में मिली दिल्ली की गुमशुदा लड़की
भदेसर के पुलिस उपाधीक्षक राजेश कुमार के अनुसार ग्रामीणों को समझा कर घर भेज दिया और उनकी मांगों को पुलिस अधीक्षक के पास भेजा गया. उन्होंने कहा कि वहां से जो भी आदेश होगा, उसके अनुसार कार्रवाई होगी. आपको बता दें कि टांडी खेडा गांव निवासी कालू लाल गुर्जर द्वारा 19 नवंबर को पुलिस थाने में अपने 9 वर्ष के पुत्र पुष्कर की गुमशुदगी की रिपोर्ट दी गई थी और तीन दिन बाद 22 नवंबर को गांव के स्कूल के पास उसका शव मिला. उसके गले में रस्सी का फंदा था. परिजनों ने हत्या का अंदेशा जताते हुए रिपोर्ट दी थी.