चित्तौड़गढ़. इस साल कोरोना का कहर कई परिवारों पर टूटा है. कई जवान मौतें हुई हैं. कई परिवार कोरोना से बिखर गए. असमय हुई मौतों से हर कोई सिहर उठा है. वहीं अब भी कोरोना का खतरा बरकरार है. इन सब के बीच चित्तौड़गढ़ जिले के सामरी ग्राम पंचायत क्षेत्र में आने वाले मेड़ी का अमराणा निवासी 7 साल के बबलू पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. आठ माह में 5 रिश्तेदारों की मौत हो गई. परिवार में केवल पिता बचे हुए हैं, जो भी बीमार होकर शारीरिक रूप से असक्षम हैं.
पढ़ें: बाबा रामदेव के खिलाफ सवाई माधोपुर में परिवाद पेश, एलोपैथी को लेकर दिया था विवादित बयान
जानकारी मिलने पर पूर्व विधायक और बाल कल्याण समिति भी मेड़ी का अमराणा गांव पहुंची और बालक को ढांढस बंधाया. 8 महीने में ही कोरोना बीमारी के चलते परिवार के 5 सदस्यों की मृत्यु हो गई. अब उस परिवार में सिर्फ 7 साल का बालक बबलू डांगी और शारीरिक रूप से अस्वस्थ उसके पिता रतनलाल ही रहे. पिता के शारीरिक रूप से कमजोर होने से परिवार पूरा बिखर गया एवं 7 साल का मासूम बबलू अकेला रह गया. इस महामारी में मासूम बबलू ने अपने परिवार से दादा हीरालाल, दादी मंगनी बाईं, माता कलादेवी, बहिन संगीता और भुआ पुष्पादेवी को खो दिया है.
पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत एवं ग्रामीण ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष त्रिलोकचंद जाट गांव मेडी का अमराना स्थित मासूम बबलू डांगी के घर पहुंचे एवं उनको ढांढस बंधवाते हुए उन्हें अपनी तरफ से परिवार चलाने के लिए एक महीने का राशन एवं खत्म हो जाने पर फिर मदद करने की बात कही. शारीरिक रूप से कमजोर पिता रतनलाल को हॉस्पिटल में अच्छी सुविधा करवाने कर इलाज करवाने एवं पिता पुत्र के दिनचर्चा हेतु दूध, बिस्किट एवं सब्जियों के खर्चे के लिए राशि भी भेंट की. साथ ही चित्तौड़गढ़ जिला कलक्टर से मिल कर बबलू की अच्छी शिक्षा के लिए आदित्य बिरला स्कूल में भर्ती करवाने के लिए चर्चा की. जिला कलक्टर ने बबलू को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए आश्वस्त किया.
बाल कल्याण समिति ने लिया संज्ञान
बाल कल्याण समिति चित्तौड़गढ़ के अध्यक्ष रमेश दशोरा ने संज्ञान लेकर एक आदेश पुलिस थाना शंभूपुरा वह चाइल्ड लाइन को पारित किया कि वह तुरंत वहां जाकर मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें. थाना शंभूपुरा के सावा चौकी इंचार्ज के द्वारा मौके पर जाकर बाल कल्याण समिति को पूरी रिपोर्ट से अवगत कराया. मामला काफी गंभीर पाए जाने पर ज्ञानदीप केयर सेंटर विशेष देख-रेख का होने से वहां के अधीक्षक को वहां पहुंचने के निर्देश दिए.
ज्ञानदीप केयर सेंटर के अधीक्षक व स्टाफ मेड़ी का अमराणा पहुंचे. सरपंच व ग्रामवासियों से बालक के घर जाकर चर्चा की पता लगा कि बालक गंभीर बीमारी से ग्रसित है तथा उसका उपचार नितांत ही आवश्यक है. बालक को आवश्यक दवाइयां, खान-पान इत्यादि के बारे में समझाया. बालक के पिता की स्थिति गंभीर होने से बालक को बाल कल्याण समिति ने देख-रेख व संरक्षण में लिया है. लेकिन अभी उसके पिता की स्थिति ठीक नहीं है. इसलिए गांव के सरपंच वह आमजन के आग्रह पर कुछ दिनों के लिए पिता के पास ही रखने के निर्देश दिए. गांव के रिश्तेदारों से परिवार जनों को दोनों समय भोजन उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की.