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चित्तौड़गढ़ के दो ईंट भट्टों से मुक्त कराए गए 36 बाल श्रमिक, भट्टा संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज - महिला बंधुआ श्रमिक

चित्तौड़गढ़ के दो ईंट भट्टों से कुल 36 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया. साथ ही दोनों भट्टा संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई (Child laborers freed from brick kilns) है.

Child laborers freed from brick kilns
Child laborers freed from brick kilns
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Published : Mar 29, 2023, 9:58 PM IST

चित्तौड़गढ़. बालश्रम पर प्रभावी रोकथाम के लिए जिला पुलिस ने बुधवार को बचपन बचाओ आंदोलन की टीम, चाइल्ड लाइन और श्रम विभाग की मदद से भोपालसागर थाना क्षेत्र के उदयपुर हाईवे किनारे स्थित दो ईंट भट्टों से कुल 36 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया. साथ ही मौके से एक महिला बंधुआ श्रमिक को भी मुक्त कराया गया. पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से बाल श्रम व बाल तस्करी की प्रभावी रोकथाम के लिए गठित उच्चाधिकार प्राप्त जांच समिति के सदस्य भोजराज सिंह पदमपुरा ने भोपालसागर थाना क्षेत्र में बाल श्रम की सूचना पर एएसपी शाहना खानम के नेतृत्व में कार्रवाई की.

इस दौरान कपासन, भोपालसागर व पुलिस लाइन के जाप्ता के साथ बचपन बचाओ आंदोलन की टीम और चाइल्ड लाइन के सहयोग से संयुक्त कार्रवाई में बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि भोपालसागर थाना क्षेत्र से स्थानीय निवासी कालू पुत्र गणेश प्रजापत के तीन ईंट भट्टों पर संयुक्त कार्रवाई की गई, जहां से कुल 36 बच्चों समेत एक महिला को मुक्त कराया गया.

इसे भी पढ़ें - स्पेशल रिपोर्ट: भट्टें की चिमनी में जल रहा 'बचपन', मजदूरी की आग में झुलस रही मासूमों की जिंदगी

वहीं, जब संयुक्त टीम कार्रवाई के लिए ईंट भट्टा पर पहुंची तो वहां बच्चे ईंट बना रहे थे, जिस पर टीम ने उनसे बात कर उन्हें अपने संरक्षण में ले लिया. बच्चों ने पूछताछ में ईंट भट्टों पर शाम 5 बजे से रात 12 बजे और रात दो बजे से सुबह 10 बजे तक दो शिफ्टों में काम करने की बात कही. बताया गया कि मुक्त कराए गए बच्चों की उम्र 4 से 17 वर्ष के बीच रही, जिनमें 22 बच्चे और 14 बच्चियां शामिल थीं.

आगे बताया गया कि मुक्त कराए गए बच्चों में ज्यादातर उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. जिन्हें ईंट भट्टों से मुक्त कराने के बाद सभी को बाल कल्याण समिति चित्तौड़गढ़ की अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल, सदस्य शिव दयाल लखावत, सीमा भारती गौस्वामी के समक्ष प्रस्तुत किया. इधर, समिति ने अग्रिम कार्यवाही तक के लिए सभी बच्चों को अस्थायी आश्रय दिलवाया है. सूचना पर जिला व सत्र न्यायाधीश ओमी पुरोहित व किशोर न्याय बोर्ड की प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट रजनी कुमावत भी बाल कल्याण समिति पहुंचे और मामले की जानकारी ली. वहीं, भोपालसागर पुलिस ने दोनों ईंट भट्टों के संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. साथ ही ईंट भट्टे पर कार्यरत एक बंधुआ महिला श्रमिक को भी मुक्त करवाया गया. जिसकी शिकायत पर पुलिस ने अलग से मुकदमा दर्ज किया है.

चित्तौड़गढ़. बालश्रम पर प्रभावी रोकथाम के लिए जिला पुलिस ने बुधवार को बचपन बचाओ आंदोलन की टीम, चाइल्ड लाइन और श्रम विभाग की मदद से भोपालसागर थाना क्षेत्र के उदयपुर हाईवे किनारे स्थित दो ईंट भट्टों से कुल 36 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया. साथ ही मौके से एक महिला बंधुआ श्रमिक को भी मुक्त कराया गया. पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से बाल श्रम व बाल तस्करी की प्रभावी रोकथाम के लिए गठित उच्चाधिकार प्राप्त जांच समिति के सदस्य भोजराज सिंह पदमपुरा ने भोपालसागर थाना क्षेत्र में बाल श्रम की सूचना पर एएसपी शाहना खानम के नेतृत्व में कार्रवाई की.

इस दौरान कपासन, भोपालसागर व पुलिस लाइन के जाप्ता के साथ बचपन बचाओ आंदोलन की टीम और चाइल्ड लाइन के सहयोग से संयुक्त कार्रवाई में बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि भोपालसागर थाना क्षेत्र से स्थानीय निवासी कालू पुत्र गणेश प्रजापत के तीन ईंट भट्टों पर संयुक्त कार्रवाई की गई, जहां से कुल 36 बच्चों समेत एक महिला को मुक्त कराया गया.

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वहीं, जब संयुक्त टीम कार्रवाई के लिए ईंट भट्टा पर पहुंची तो वहां बच्चे ईंट बना रहे थे, जिस पर टीम ने उनसे बात कर उन्हें अपने संरक्षण में ले लिया. बच्चों ने पूछताछ में ईंट भट्टों पर शाम 5 बजे से रात 12 बजे और रात दो बजे से सुबह 10 बजे तक दो शिफ्टों में काम करने की बात कही. बताया गया कि मुक्त कराए गए बच्चों की उम्र 4 से 17 वर्ष के बीच रही, जिनमें 22 बच्चे और 14 बच्चियां शामिल थीं.

आगे बताया गया कि मुक्त कराए गए बच्चों में ज्यादातर उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. जिन्हें ईंट भट्टों से मुक्त कराने के बाद सभी को बाल कल्याण समिति चित्तौड़गढ़ की अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल, सदस्य शिव दयाल लखावत, सीमा भारती गौस्वामी के समक्ष प्रस्तुत किया. इधर, समिति ने अग्रिम कार्यवाही तक के लिए सभी बच्चों को अस्थायी आश्रय दिलवाया है. सूचना पर जिला व सत्र न्यायाधीश ओमी पुरोहित व किशोर न्याय बोर्ड की प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट रजनी कुमावत भी बाल कल्याण समिति पहुंचे और मामले की जानकारी ली. वहीं, भोपालसागर पुलिस ने दोनों ईंट भट्टों के संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. साथ ही ईंट भट्टे पर कार्यरत एक बंधुआ महिला श्रमिक को भी मुक्त करवाया गया. जिसकी शिकायत पर पुलिस ने अलग से मुकदमा दर्ज किया है.

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