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बिन पानी सब सून : ईटीवी भारत की मुहिम को मिला वाटरमैन राजेंद्र सिंह का साथ...कहा- बूंद-बूंद जल बचाना है जरूरी

ईटीवी भारत की मुहिम बिन पानी सब सून को अब वाटरमैन के नाम से मशहूर राजेंद्र सिंह का साथ मिल गया है. वो हैदराबाद में ईटीवी भारत के मुख्यालय पहुंचे यहां पर उन्होंने हमसे खाच बातचीत ईटीवी भारत के मुहिम की सराहना करते हुए हर संभव तरीके से साथ देने की बात कही.

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Published : Jul 12, 2019, 5:51 PM IST

वाटरमैन राजेंद्र सिंह से खास बातचीत

हैदराबाद. देश के काफी हिस्सों में पानी की काफी समस्या है. भू जल स्तर लगातर गिरते जा रहे हैं. वहीं राजस्थान की बात करें तो यहां पर स्थित सैकड़ों बांधों में से गिने चुने बांधों में ही नाममात्र पानी बचा है. बाकी सारे बांध सूख चुके हैं. मानसून की बरसात के बाद भी राजस्थान के पश्चिमी भाग में अभी तक बरसात नहीं हुई है. जिस वजह से वहां पर अकाल पड़ने की स्थिति बन गई है. वहीं बाकी राजस्थान की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है. इसकी वजह है कि पानी का इस्तेमाल हम बहुत ज्यादा कर रहे हैं. जबकि उसका संचयन काफी कम.

वाटरमैन राजेंद्र सिंह के साथ खास बातचीत

इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर ईटीवी भारत ने करीब 2 महीनों से 'बिन पानी सब सून' मुहिम जारी कर रखी है. इसके जरिए प्रदेश के सभी हिस्सों में ईटीवी भारत लोगों को जल संचयन के तरीकों से जागरूक कर रहा. लगातार लोगों के साथ के बाद अब वाटरमैन नाम से मशहूर राजेंद्र सिंह भी अब ईटीवी भारत की मुहिम के साथ जुड़ गए है. उन्होंने खास बातचीत में ईटीवी की मुहिम की जमकर सराहना की साथ ही इसके साथ जुड़ने को भी कहा.

उनसे जब पूछा गया कि क्या बांधों के सूखने की वजह एनीकट या फिर चकडैम हैं. इसके जवाब में वाटरमैन ने कहा कि यह बिल्कुस ही अवैज्ञानिक बात है. जो भी यह बात कहता है इसका मतलब है कि उसे चकडैम या फिर एनीकट की परिभाषा ही नहीं पता है. और क्या कहा उन्होंने आइए देखते हैं पूरी साक्षात्कार.

हैदराबाद. देश के काफी हिस्सों में पानी की काफी समस्या है. भू जल स्तर लगातर गिरते जा रहे हैं. वहीं राजस्थान की बात करें तो यहां पर स्थित सैकड़ों बांधों में से गिने चुने बांधों में ही नाममात्र पानी बचा है. बाकी सारे बांध सूख चुके हैं. मानसून की बरसात के बाद भी राजस्थान के पश्चिमी भाग में अभी तक बरसात नहीं हुई है. जिस वजह से वहां पर अकाल पड़ने की स्थिति बन गई है. वहीं बाकी राजस्थान की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है. इसकी वजह है कि पानी का इस्तेमाल हम बहुत ज्यादा कर रहे हैं. जबकि उसका संचयन काफी कम.

वाटरमैन राजेंद्र सिंह के साथ खास बातचीत

इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर ईटीवी भारत ने करीब 2 महीनों से 'बिन पानी सब सून' मुहिम जारी कर रखी है. इसके जरिए प्रदेश के सभी हिस्सों में ईटीवी भारत लोगों को जल संचयन के तरीकों से जागरूक कर रहा. लगातार लोगों के साथ के बाद अब वाटरमैन नाम से मशहूर राजेंद्र सिंह भी अब ईटीवी भारत की मुहिम के साथ जुड़ गए है. उन्होंने खास बातचीत में ईटीवी की मुहिम की जमकर सराहना की साथ ही इसके साथ जुड़ने को भी कहा.

उनसे जब पूछा गया कि क्या बांधों के सूखने की वजह एनीकट या फिर चकडैम हैं. इसके जवाब में वाटरमैन ने कहा कि यह बिल्कुस ही अवैज्ञानिक बात है. जो भी यह बात कहता है इसका मतलब है कि उसे चकडैम या फिर एनीकट की परिभाषा ही नहीं पता है. और क्या कहा उन्होंने आइए देखते हैं पूरी साक्षात्कार.

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ईटीवी भारत की मुहिम बिन पानी सब सून को अब वाटरमैन के नाम से मशहूर राजेंद्र सिंह का साथ मिल गया है. वो हैदराबाद में ईटीवी भारत के मुख्यालय पहुंचे यहां पर उन्होंने हमसे खाच बातचीत ईटीवी भारत के मुहिम की सराहना करते हुए हर संभव तरीके से साथ देने की बात कही.

हैदराबाद. देश के काफी हिस्सों में पानी की काफी समस्या है. भू जल स्तर लगातर गिरते जा रहे हैं. वहीं राजस्थान की बात करें तो यहां पर स्थित सैकड़ों बांधों में से गिने चुने बांधों में ही नाममात्र पानी बचा है. बाकी सारे बांध सूख चुके हैं. मानसून की बरसात के बाद भी राजस्थान के पश्चिमी भाग में अभी तक बरसात नहीं हुई है. जिस वजह से वहां पर अकाल पड़ने की स्थिति बन गई है. वहीं बाकी राजस्थान की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है. इसकी वजह है कि पानी का इस्तेमाल हम बहुत ज्यादा कर रहे हैं. जबकि उसका संचयन काफी कम.

इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर ईटीवी भारत ने करीब 2 महीनों से 'बिन पानी सब सून' मुहिम जारी कर रखी है. इसके जरिए प्रदेश के सभी हिस्सों में ईटीवी भारत लोगों को जल संचयन के तरीकों से जागरूक कर रहा. लगातार लोगों के साथ के बाद अब वाटरमैन नाम से मशहूर राजेंद्र सिंह भी अब ईटीवी भारत की मुहिम के साथ जुड़ गए है. उन्होंने खास बातचीत में ईटीवी की मुहिम की जमकर सराहना की साथ ही इसके साथ जुड़ने को भी कहा. 

उनसे जब पूछा गया कि क्या बांधों के सूखने की वजह एनीकट या फिर चकडैम हैं. इसके जवाब में वाटरमैन ने कहा कि यह बिल्कुस ही अवैज्ञानिक बात है. जो भी यह बात कहता है इसका मतलब है कि उसे चकडैम या फिर एनीकट की परिभाषा ही नहीं पता है. और क्या कहा उन्होंने आइए देखते हैं पूरी साक्षात्कार. 

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