जयपुर. गर्मियों में अक्सर आग की घटनाएं सामने आती है. राजधानी में हर दिन इसका नजारा भी देखने को मिलता है. सूरत अग्निकांड जैसी घटना को लेकर जयपुर की फायर फाइटिंग टीम कितनी सक्षम है, ये जानने के लिए ईटीवी भारत शहर के मानसरोवर फायर स्टेशन पहुंचा. असिस्टेंट फायर ऑफिसर देवांग से जानकारी लेने का प्रयास किया.
जिसमें पता चला कि मानसरोवर केंद्र पर 6 फायर व्हीकल मौजूद है. जो 35 से 40 फुट ऊंचाई वाली बिल्डिंग की आग बुझाने के लिए पर्याप्त है. इनमें वाटर टैंक, पंप, डिलीवरी वॉल, लैडर, होज पाइप, नोजल, फायर एक्स, गम बूट, एक्सटिंग्विशर और रस्से शामिल है.
हालांकि फायरमैन के फायर सूट के सवाल पर फायर ऑफिसर ने वर्तमान में ऐसी किसी भी व्यवस्था के नहीं होने की बात कही. वहीं ऊंची इमारतों में आग लगने की स्थिति से निपटने के लिए जयपुर में महज एक ही एरियल हाइड्रोलिक लैडर प्लेटफॉर्म मौजूद है. जो की चिंता का विषय है. हालांकि यहां मौजूद कुछ फायर व्हीकल में लैडर नहीं थी. जिन्हें फायर ऑफिसर ने मेंटेनेंस पर भेजे जाने की बात कही है.
सूरत अग्निकांड के दौरान अग्निशमन दस्ते के पास जाल होता तो, शायद बिल्डिंग से कूदने वाले बच्चों को बचाया जा सकता था. जाल मानसरोवर फायर स्टेशन पर भी मौजूद नहीं है. जाल के सुझाव पर फायर ऑफिसर ने सुझाव को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने की बात कही. बहरहाल, शहर में मौजूद फायर स्टेशन पर जो व्यवस्थाएं मौजूद हैं. वो शहर की आबादी को देखते हुए नाकाफी ही साबित होती हैं. प्रशासनिक अधिकारियों को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.