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रामायण के नए रूप की हुई लॉन्चिंग...अब पढ़ने के साथ सुन भी सकेंगे - बोलती रामायण

बदलने वक्त के और ड़िजीटल जमाने को देखते हुए रामायण का नया रूप भी सामने आया है. सहस्त्र वर्षों से समग्र रूप से ग्रंथों में चली आ रही वाल्मीकि और तुलसीदास रचित रामायण अब ऑडियो बुक में भी उपलब्ध है. इसे पढ़ने के साथ-साथ सुना भी जा सकता है.

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Published : Apr 20, 2019, 11:31 AM IST

अजमेर. अजमेर में संचालित मानव संसाधन मंत्रालय के द्वारा किया जा रहा पुस्तक मेले के आयोजन में इस बार कुछ खास देखने को मिला. पुस्तक मेले में एक स्टॉल पर बोलती रामायण उपलब्ध है. पुस्तक मेले में आने वाले दर्शकों को के लिए यह व्ल्कुल नया कॉन्सेप्ट है. नई पीढ़ी की व्यसतता देखते हुए इस नए उपकरण का निर्माण किया गया है.

ऑडियो रामायण को बोलती रामायण नाम दिया गया है. इसके रचयिता अभय माहेश्वरी और उनकी पत्नी श्रीकांता माहेश्वरी है. दोनों ही पेशे से कंपनी सचिव रहे हैं. रामायण का निर्माण आने वाली पीढ़ी को रामयण का ज्ञान कराने के लिए किया गया है. दंपति के अनुसार वो बोलती रामायण का प्रचार प्रसार देशभर में करने में जुटे हुए हैं.

नए जमाने की रामायण- बोलती रामायण

अभय और श्रीकांता माहेश्वरी ने बताया कि बोलती रामायण केवल 21 घंटे की है. इसमें बालकांड से उत्तरकांड तक के सभी दोहे और चौपाईया शामिल है. बोलती रामायण की शुरुआत गणेश वंदना और समापन रामायण आरती पुष्पांजलि और हनुमान चालीसा से होता है.

पुस्तक मेले में रामायण खरीदने आए लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि यह खास रामायण है. नई पीढ़ी के अनुसार इस उपकरण को तैयार किया गया है ताकी नई पीढी को रामायण की शिक्षा मील सके.

अजमेर. अजमेर में संचालित मानव संसाधन मंत्रालय के द्वारा किया जा रहा पुस्तक मेले के आयोजन में इस बार कुछ खास देखने को मिला. पुस्तक मेले में एक स्टॉल पर बोलती रामायण उपलब्ध है. पुस्तक मेले में आने वाले दर्शकों को के लिए यह व्ल्कुल नया कॉन्सेप्ट है. नई पीढ़ी की व्यसतता देखते हुए इस नए उपकरण का निर्माण किया गया है.

ऑडियो रामायण को बोलती रामायण नाम दिया गया है. इसके रचयिता अभय माहेश्वरी और उनकी पत्नी श्रीकांता माहेश्वरी है. दोनों ही पेशे से कंपनी सचिव रहे हैं. रामायण का निर्माण आने वाली पीढ़ी को रामयण का ज्ञान कराने के लिए किया गया है. दंपति के अनुसार वो बोलती रामायण का प्रचार प्रसार देशभर में करने में जुटे हुए हैं.

नए जमाने की रामायण- बोलती रामायण

अभय और श्रीकांता माहेश्वरी ने बताया कि बोलती रामायण केवल 21 घंटे की है. इसमें बालकांड से उत्तरकांड तक के सभी दोहे और चौपाईया शामिल है. बोलती रामायण की शुरुआत गणेश वंदना और समापन रामायण आरती पुष्पांजलि और हनुमान चालीसा से होता है.

पुस्तक मेले में रामायण खरीदने आए लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि यह खास रामायण है. नई पीढ़ी के अनुसार इस उपकरण को तैयार किया गया है ताकी नई पीढी को रामायण की शिक्षा मील सके.

Intro:अजमेर क्या आप भी सुनना चाहते हैं रामायण की चौपाई तो जल्द ही खरीद लीजिए यह उपकरण जिसको दबाते ही सुने लगातार 21 घंटे तक रामायण पाठ


यूं तो सहस्त्र वर्षों से वाल्मीकि और तुलसीदास रचित रामायण समग्र रूप से ग्रंथों में उपलब्ध है इन्हें पढ़ने के साथ-साथ सुना भी जा रहा है लेकिन बदलने वक्त के साथ रामायण का नया रूप भी सामने आया है अब एक ऐसी रामायण उपलब्ध है जिसे बटन दबाकर संगीत में स्वर में सुना जा सकता है


Body:जी हां अजमेर में संचालित मानव संसाधन मंत्रालय के द्वारा किया जा रहा पुस्तक मेले के आयोजन में इस बार कुछ खास देखने को मिला पुस्तक मेले में एक स्टॉल पर बोलती रामायण उपलब्ध है पुस्तक मेले में आने वाले दर्शकों को बताया जा रहा है वाकई ही यह नई पीढ़ी के अनुसार इस नए उपकरण की निर्माण किया गया है


इस बोलती है रामायण के रचयिता अबे महेश्वरी और उनकी पत्नी श्रीकांता महेश्वरी है दोनों ही पैसे से कंपनी सचिव रहे हैं दंपति बोलती रावण का प्रचार प्रसार देशभर में करने में जुटे हुए हैं

यह है बोलती रामायण

अबे और श्रीकांता ने बताया कि बोलती रामायण केवल 21 घंटे की है इसमें बालकांड से उत्तराखंड तक के सभी दोहे और चौपाईया शामिल है बोलती रामायण की शुरुआत गणेश वंदना और समापन रामायण आरती पुष्पांजलि और हनुमान चालीसा से होती है


Conclusion:मारवाड़ से रहा है पुराना नाता

दोनों कंपनी सचिव है रामायण के प्रचार प्रसार के लिए दोनों देश भर में घूमते हैं विभिन्न शहरों में बुक फेयर साहित्य फेस्टिवल और अन्य कार्यक्रम में शिरकत करते हैं इस कार्य के चलते दोनों प्रतिमाह 15 दिन ही परिवार को वक्त दे पाते हैं महेश्वरी दंपत्ति का मानना है कि राम कार्य से बढ़कर कोई कार्य नहीं है



पुस्तक मेले में रामायण खरीदने आए लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि यह खास रामायण है जो नई पीढ़ी के अनुसार इस उपकरण को तैयार किया गया है क्योंकि व्यस्ततम समय में किसी के पास रामायण पढ़ने का समय नहीं इसलिए इस उपकरण को खास रूप से तैयार किया गया है
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