इस घोषणा के तहत शहरी क्षेत्र में 15,000 लीटर पानी के उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं से जल शुल्क नहीं लिया जाएगा जबकि ग्रामीण क्षेत्र में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 40 लीटर पानी का उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को पानी का बिल नहीं भरना होगा. यानि कि ग्रामीण क्षेत्र में अगर एक परिवार में पांच व्यक्ति हैं और प्रतिदिन 40 लीटर पानी के हिसाब से 200 लीटर पानी का उपयोग कर रहे हैं तो उनसे जल शुल्क नहीं लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि शहरी क्षेत्र में 15000 लीटर पानी का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं से सीवरेज व डेवलपमेंट शुल्क भी नहीं लिया जाएगा यानि कि 15000 लीटर पानी का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को कोई शुल्क नहीं देना होगा. इसके अलावा फ्लैट रेट बिलिंग के उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी सातवें मुख्यमंत्री ने अगले 2 साल में जिन उपभोक्ताओं के पानी के मीटर नहीं लगे हैं. उनके यहां सर्वे कर जलदाय विभाग को मीटर लगाने के लिए भी कहा है.
प्रदेश में हाल ही में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने किसानों की कर्ज माफी कर सत्ता प्राप्त की है. अब चुनाव से पहले मुफ्त पानी की घोषणा कर प्रदेश की ढाई करोड़ आबादी को साधने का प्रयास किया है. जिससे चुनाव की वैतरणी पार की जा सके.
सोसायटी और बहुमंजिले फ्लैट के रहवासी रहेंगे वंचित
मुफ्त पाने की इस घोषणा से प्रदेश में बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोग वंचित रहेंगे क्योंकि इन इमारतों में सोसाइटी के माध्यम से एक ही कनेक्शन दिया जाता है. ऐसे में जलदाय विभाग प्रति व्यक्ति या प्रतियोगिता इसकी गणना नहीं करेगा. इसका सीधा नुकसान खासतौर से मध्यम आय वर्ग वाले हाउसिंग बोर्ड के फ्लैट में रहने वाले लोगों को होगा.