जयपुर. लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद प्रदेश में जारी राजनीतिक उथल-पुथल को लेकर भाजपा ने गहलोत सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. खासतौर पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया अब अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री का पद नैतिकता के आधार पर छोड़ने की नसीहत दे रहे हैं.
कटारिया ने कहा कि जो सरकार विधानसभा चुनाव में 1 लाख 42,000 से कुछ अधिक वोट लेकर राजस्थान में सरकार चला रही है और अब उसे जनता ने लोकसभा चुनाव में 80 लाख से अधिक वोटों से रिजेक्ट कर दिया. ऐसे में लोकतंत्र का सम्मान किस में है यह बात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस को समझ लेना चाहिए.
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने प्रदेश में चल रहे राजनीतिक हालातों पर खुलकर बोले. कटारिया ने आरोप लगाया कि बीते तीन महीने में अपराधों के ग्राफ में हताशा बढ़ोतरी हुई है और अकेले जोधपुर में ही 3 महीने में 38 फ़ीसदी अपराध बढ़ गए.
कटारिया के अनुसार जब वह गृह मंत्री थे तो अशोक गहलोत उन्हें खूब उपदेश देते थे और कानून व्यवस्था खराब होने की बात कहकर बार-बार इस्तीफा मांगते थे लेकिन अब जब अपराध बढ़ रहे हैं तो उसका जिम्मेदार कौन है और क्या उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा नहीं देना चाहिए.
सरकार स्वयं ही गिरेगी बीजेपी पहल नहीं करेगी -कटारिया
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने दावा किया है कि प्रदेश के मौजूदा हालातों के बाद गहलोत सरकार स्वयं ही गिरेगी और उनके खुद के विधायक टूट कर आएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि इस उथल-पुथल में बीजेपी की तरफ से कोई पहल नहीं की जाएगी. इस दौरान कटारिया ने कहा कि प्रदेश में फैली अराजकता के चलते सारे विकास कार्य ठप पड़े हैं और चार महीने से नरेगा का पेमेंट तक नहीं हुआ.
शपथ ग्रहण में पुत्र के हारने के गम में नहीं गए गहलोत -कटारिया
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मोदी मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नहीं जाने के मामले में भी चुटकी ली. कटारिया ने कहा कि गहलोत अपने पुत्र के हारने के गम में नहीं गए जबकि उन्हीं की पार्टी के नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी उस शपथ ग्रहण समारोह में गए थे.