बूंदी. जिले में एसीबी ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. एसीबी ने महिला एवं बाल विकास विभाग की डिप्टी डायरेक्टर मिथिलेश जैन को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. कार्रवाई के दौरान विभाग में हड़कंप मच गया और कर्मचारी मौके से फरार हो गए.
बताया जा रहा है कि डिप्टी डायरेक्टर द्वारा अपने विभाग के सुपरवाइजर और कर्मचारियों से हर माह बंधी वसूलने को लेकर रिश्वत मांगी जा रही थी. इस पर बूंदी एसीबी ने सत्यापन करवा कर आज डिप्टी डायरेक्टर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार बूंदी महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत डिप्टी डायरेक्टर मिथिलेश जैन की ओर से उसके अधीन आने वाले 2 सेक्टरों के 56 आंगनबाड़ी केंद्रों से मासिक 12 हजार रुपये वसूली के रूप में मांगने की बात कही थी. इस पर आंगनबाड़ियों सेक्टर कर्मचारियों ने बूंदी एसीबी में 17 मई को इस मामले की रिपोर्ट दी थी.
जिस पर बूंदी एसीबी ने 17 मई को मामला दर्ज कर जांच शुरू की. आरोपी महिला डायरेक्टर द्वारा आज मासिक वसूली के तौर पर 10 हजार रुपये मांगे गए. इस पर एसीबी ने संबंधित विभाग के सुपरवाइजर और कर्मचारियों द्वारा जाल बिछाया और जैसे ही डिप्टी डायरेक्टर ने वसूली के पैसे लिए, वैसे ही बूंदी एसीबी टीम ने दबिश दे दी और उन्हें रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
एसीबी पुलिस उपाधीक्षक तरुण कांत सोमानी का कहना है कि लंबे समय से डिप्टी डायरेक्टर द्वारा अधिनस्थ कर्मचारी और आंगनबाड़ी केंद्रों से मासिक वसूली की जा रही थी. जिसकी सूचना हमें भी मिल रही थी. लेकिन शिकायत प्राप्त नहीं होने के चलते हम कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहे थे. ऐसे में हमें 17 शिकायत मिली और 2 हजार रुपये लेने का सत्यापन हुआ. साथ ही अग्रिम राशि को आज सोमवार को देने की बात हुई.
इस पर टीम ने कार्रवाई करते हुए डिप्टी डायरेक्टर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.वहीं अब इनसे पूछताछ की जा रही है .पुलिस उपाधीक्षक तरुनकांत ने कहा कि मामले में भ्रष्टाचार खुलकर उजागर हुआ है और पूछताछ में और भी मामले खुल सकते हैं .वहीं इस दौरान महिला बाल विकास अधिकारी द्वारा एसीबी टीम से बदसलूकी भी की गई और हिरासत होने पर हंगामा भी किया गया. हालांकि एसीबी टीम द्वारा महिला कांस्टेबल बुलाकर डिप्टी डायरेक्टर को हिरासत में लिया गया.