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वन विभाग ने आज से शुरू किया जीवों की गणना का काम

देश और प्रदेश के साथ बांसवाड़ा में भी वन विभाग की ओर से वन्य जीव के अनुमानित घनत्व का एसेसमेंट शुरू हो रहा है. विभाग की टीमों की ओर से 24 घंटे एक निश्चित स्थान पर बैठकर पैंथर सहित प्रमुख वन्य जीवों की उपस्थिति का आंकलन किया जाएगा.

जंगल में पेयजल स्त्रोतों पर बने मचानों से रहेगी वन्य जीवों पर नजर
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Published : May 18, 2019, 8:22 AM IST

बांसवाड़ा. जिले में वन विभाग की ओर से वन्य जीव के अनुमानित घनत्व का एसेसमेंट शुरू हो रहा है. इसके लिए विभाग की ओर से जिले भर में पेयजल के प्रमुख स्रोतों को चिन्हित किया गया है. इसके लिए कहीं पर मचान बनाए गए हैं तो कहीं पर ऊंचे स्थान को चुना गया है. वहीं शनिवार सुबह 8:00 बजे विभागीय कर्मचारियों के साथ वन्यजीव प्रेमियों के दल निर्धारित स्थानों पर मोर्चा संभाल लेंगे.

जंगल में पेयजल स्त्रोतों पर बने मचानों से रहेगी वन्य जीवों पर नजर

बता दें कि यह टीमें अगले 24 घंटे तक पेयजल स्त्रोतों के आसपास वन्य जीव के मूवमेंट का आकलन करेंगी. इसकी सभी तैयारियां को शुक्रवार को अंतिम रूप दे दिया गया है. जिले भर में उपवन मंडल के अंतर्गत 6 रेंज बनाई गई है. इन रेंज में 80 से अधिक पॉइंटचिन्हित किए गए हैं. बांसवाड़ा में पैंथर का भी बड़ा मूवमेंट देखा गया है. ऐसे में सुरक्षा के तौर पर निर्धारित कुछ पॉइंट पर वन विभाग की ओर से मचान बनाए गए हैं. वही ऊंचाई वाले हिस्सों में हिडन सेंटर तैयार किए गए हैं.

सहायक वन संरक्षक शैद्दा हुसैन के अनुसार नदी नाले और प्राकृतिक जल स्त्रोतों के किनारों पर इस प्रकार के पॉइंट बनाए गए हैं. जहां से आसानी से सुरक्षा के साथ वन्यजीवों को देखा जा सकता है. वाटर फॉल पॉइंट ऐसे स्थान होते हैं जहां वन्य जीव 24 घंटे के भीतर पानी पीने जरूर आते हैं. ऐसे में 18 मई सुबह 8:00 बजे से 19 मई सुबह 8:00 बजे तक का टाइम निर्धारित किया है.

इस अवधि के दौरान वन्यजीवों के आगमन के आधार पर उनकी संख्या का अनुमान लगाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इसे वन्य जीव गणना नहीं होकर वाइल्ड लाइफ डेंसिटी एसेसमेंट कहा जा सकता है. हर टीम को एक फॉरमैट दिया गया है. जिसे उन्हें भरना होगा. इसके अलावा साल भर के दौरान विभागीय कर्मचारियों की ओर से अपने अपने क्षेत्र में वन्यजीवों की मूवमेंट के हवाले का भी एसेसमेंट में हवाला होगा. इस रिपोर्ट को उप वन संरक्षक के जरिए मुख्यालय भेजा जाएगा.

बांसवाड़ा. जिले में वन विभाग की ओर से वन्य जीव के अनुमानित घनत्व का एसेसमेंट शुरू हो रहा है. इसके लिए विभाग की ओर से जिले भर में पेयजल के प्रमुख स्रोतों को चिन्हित किया गया है. इसके लिए कहीं पर मचान बनाए गए हैं तो कहीं पर ऊंचे स्थान को चुना गया है. वहीं शनिवार सुबह 8:00 बजे विभागीय कर्मचारियों के साथ वन्यजीव प्रेमियों के दल निर्धारित स्थानों पर मोर्चा संभाल लेंगे.

जंगल में पेयजल स्त्रोतों पर बने मचानों से रहेगी वन्य जीवों पर नजर

बता दें कि यह टीमें अगले 24 घंटे तक पेयजल स्त्रोतों के आसपास वन्य जीव के मूवमेंट का आकलन करेंगी. इसकी सभी तैयारियां को शुक्रवार को अंतिम रूप दे दिया गया है. जिले भर में उपवन मंडल के अंतर्गत 6 रेंज बनाई गई है. इन रेंज में 80 से अधिक पॉइंटचिन्हित किए गए हैं. बांसवाड़ा में पैंथर का भी बड़ा मूवमेंट देखा गया है. ऐसे में सुरक्षा के तौर पर निर्धारित कुछ पॉइंट पर वन विभाग की ओर से मचान बनाए गए हैं. वही ऊंचाई वाले हिस्सों में हिडन सेंटर तैयार किए गए हैं.

सहायक वन संरक्षक शैद्दा हुसैन के अनुसार नदी नाले और प्राकृतिक जल स्त्रोतों के किनारों पर इस प्रकार के पॉइंट बनाए गए हैं. जहां से आसानी से सुरक्षा के साथ वन्यजीवों को देखा जा सकता है. वाटर फॉल पॉइंट ऐसे स्थान होते हैं जहां वन्य जीव 24 घंटे के भीतर पानी पीने जरूर आते हैं. ऐसे में 18 मई सुबह 8:00 बजे से 19 मई सुबह 8:00 बजे तक का टाइम निर्धारित किया है.

इस अवधि के दौरान वन्यजीवों के आगमन के आधार पर उनकी संख्या का अनुमान लगाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इसे वन्य जीव गणना नहीं होकर वाइल्ड लाइफ डेंसिटी एसेसमेंट कहा जा सकता है. हर टीम को एक फॉरमैट दिया गया है. जिसे उन्हें भरना होगा. इसके अलावा साल भर के दौरान विभागीय कर्मचारियों की ओर से अपने अपने क्षेत्र में वन्यजीवों की मूवमेंट के हवाले का भी एसेसमेंट में हवाला होगा. इस रिपोर्ट को उप वन संरक्षक के जरिए मुख्यालय भेजा जाएगा.

Intro:बांसवाड़ा। देश व प्रदेश के साथ बांसवाड़ा में भी वन विभाग द्वारा वन्य जीव के अनुमानित घनत्व का एसेसमेंट शुरू हो रहा है। विभाग की टीमों द्वारा 24 घंटे एक निश्चित स्थान पर बैठकर पैंथर सहित प्रमुख वन्य जीवो की उपस्थिति का आकलन किया जाएगा। इसके लिए विभाग द्वारा जिले भर में पेयजल के प्रमुख स्रोतों को चिन्हित किया गया है। इसके लिए कहीं पर मचान बनाए गए हैं तो कहीं पर ऊंचे स्थान को चुना गया है। शनिवार सुबह 8:00 बजे विभागीय कर्मचारियों के साथ वन्यजीव प्रेमियों के दल निर्धारित स्थानों पर मोर्चा संभाल लेंगे।


Body:यह टीमें अगले 24 घंटे तक पेयजल स्त्रोतों के आसपास वन्य जीव के मूवमेंट का आकलन करेंगे। इसकी सभी तैयारियां शुक्रवार को अंतिम रूप दे दी गई। जिले भर में उपवन मंडल के अंतर्गत 6 रेंज बनाई गई है। इन रेंज में 80 से अधिक प्वाइंट चिन्हित किए गए हैं। बांसवाड़ा जिले में पैंथर का भी बड़ा मूवमेंट देखा गया है। ऐसे में सुरक्षा के तौर पर निर्धारित कुछ पॉइंट पर वन विभाग द्वारा मचान बनाए गए हैं वही ऊंचाई वाले हिस्सों में हिडन सेंटर तैयार किए गए हैं। सहायक वन संरक्षक शैद्दा हुसैन के अनुसार नदी नाले तथा प्राकृतिक जल स्त्रोतों के किनारों पर


Conclusion:इस प्रकार के पॉइंट बनाए गए हैं जहां से आसानी से सुरक्षा के साथ वन्यजीवों को देखा जा सकता है। वाटर फॉल प्वाइंट ऐसे स्थान होते हैं जहां पर वन्य जीव 24 घंटे के भीतर पानी पीने जरूर आते हैं। ऐसे में 18 मई सुबह 8:00 बजे से 19 मई सुबह 8:00 बजे तक का टाइम निर्धारित किया है। इस अवधि के दौरान वन्यजीवों के आगमन के आधार पर उनकी संख्या का अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यह वन्य जीव गणना नहीं होकर वाइल्ड लाइफ डेंसिटी एसेसमेंट कहा जा सकता है। हर टीम को एक फॉरमैट दिया गया है जिसे उन्हें भरना होगा। इसके अलावा साल भर के दौरान विभागीय कर्मचारियों द्वारा अपने अपने क्षेत्र में वन्यजीवों की मूवमेंट के हवाले का भी एसेसमेंट में हवाला होगा। इस रिपोर्ट को उप वन संरक्षक के जरिए मुख्यालय भेजा जाएगा।
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