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कॉलेज में लगे संविदा व्याख्याताओं को न्यायालय के फैसले के बाद रखा जाएगा : प्रदीप बोरड़ - शिक्षा संकुल

संविदा व्याख्याता समान काम-समान वेतन की मांग को लेकर शिक्षा संकुल में डेढ़ महीने से धरने पर बैठे हैं. जिस पर उच्च शिक्षा विभाग आयुक्त प्रदीप बोरड़ ने कहा कि मामला उच्च न्यायालय में है तो जैसे ही उच्च न्यायालय का फैसला आएगा उसकी पालना की जाएगी.

शिक्षा संकुल में डेढ़ महीने से धरने पर बैठे संविदा व्याख्याता
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Published : Apr 16, 2019, 7:39 PM IST

जयपुर. प्रदेश के 252 महाविद्यालयों में लगे संविदा व्याख्याताओं को नौकरी से रिलीव कर दिया गया. जिसके बाद ये संविदा व्याख्याता समान काम-समान वेतन की मांग को लेकर शिक्षा संकुल में डेढ़ महीने से धरने पर बैठे हैं.

प्रदेश में कुल सरकारी कॉलेज- 252
कुल पद- 7000
कार्यरत- 4500
खाली पद-2500
संविदा व्यख्याता-129 (107 रिलीव, 22 ड्यूटी पर)

शिक्षा संकुल में डेढ़ महीने से धरने पर बैठे संविदा व्याख्याता

वहीं कॉलेज में लगे संविदा व्याख्याताओं को लेकर उच्च शिक्षा विभाग आयुक्त प्रदीप बोरड़ ने कहा कि कॉलेज में लगे संविदा व्याख्याताओं को इन्ही शर्तों के साथ रखा गया था कि आरपीएससी से नियमित व्यख्याता मिलेंगे तो संविदा शिक्षकों को रिलीव किया जाएगा. लेकिन, व्याख्याताओं का धरना इसलिए चल रहा है क्योंकि उनको नियमित किया जाए. लेकिन, मामला उच्च न्यायालय में है तो जैसे ही उच्च न्यायालय का फैसला आएगा उसकी पालना की जाएगी. वहीं व्याख्याताओं का कहना है कि कॉलेज में आरपीएससी से शिक्षक आने के बाद भी 2500 पद खाली पड़े है. ऐसे में सरकार को संविदाओं को नियमित किया जाना चाहिए.

जयपुर. प्रदेश के 252 महाविद्यालयों में लगे संविदा व्याख्याताओं को नौकरी से रिलीव कर दिया गया. जिसके बाद ये संविदा व्याख्याता समान काम-समान वेतन की मांग को लेकर शिक्षा संकुल में डेढ़ महीने से धरने पर बैठे हैं.

प्रदेश में कुल सरकारी कॉलेज- 252
कुल पद- 7000
कार्यरत- 4500
खाली पद-2500
संविदा व्यख्याता-129 (107 रिलीव, 22 ड्यूटी पर)

शिक्षा संकुल में डेढ़ महीने से धरने पर बैठे संविदा व्याख्याता

वहीं कॉलेज में लगे संविदा व्याख्याताओं को लेकर उच्च शिक्षा विभाग आयुक्त प्रदीप बोरड़ ने कहा कि कॉलेज में लगे संविदा व्याख्याताओं को इन्ही शर्तों के साथ रखा गया था कि आरपीएससी से नियमित व्यख्याता मिलेंगे तो संविदा शिक्षकों को रिलीव किया जाएगा. लेकिन, व्याख्याताओं का धरना इसलिए चल रहा है क्योंकि उनको नियमित किया जाए. लेकिन, मामला उच्च न्यायालय में है तो जैसे ही उच्च न्यायालय का फैसला आएगा उसकी पालना की जाएगी. वहीं व्याख्याताओं का कहना है कि कॉलेज में आरपीएससी से शिक्षक आने के बाद भी 2500 पद खाली पड़े है. ऐसे में सरकार को संविदाओं को नियमित किया जाना चाहिए.

Intro:जयपुर- प्रदेश के 252 महाविद्यालयों में लगे संविदा व्यख्याताओं को नोकरी से रिलीव कर दिया गया और समान काम समान वेतन की मांग को लेकर शिक्षा संकुल में डेढ़ महीने से धरने पर बैठे है।

प्रदेश में कुल सरकारी कॉलेज- 252
कुल पद- 7000
कार्यरत- 4500
खाली पद-2500
संविदा व्यख्याता-129(107 रिलीव, 22 ड्यूटी पर)


Body:कॉलेज में लगे संविदा व्यख्याताओं को लेकर कॉलेज आयुक्त प्रदीप बोरड़ ने कहा कि कॉलेज में लगे संविदा व्यख्याताओं को इन्ही शर्तों के साथ रखा गया था कि आरपीएससी से नियमित व्यख्याता मिलेंगे तो संविदा शिक्षकों को रिलीव किया जाएगा। लेकिन व्यख्याताओं का धरना इसलिए चल रहा है क्योंकि उनको नियमित किया जाए लेकिन मामला उच्च न्यायालय में है तो जैसे ही उच्च न्यायालय का फैसला आएगा उसकी पालना की जाएगी।

लेकिन व्यख्याताओं का कहना है कि कॉलेज में आरपीएससी से शिक्षक आने के बाद भी 2500 पद खाली पड़े है। ऐसे में सरकार को संविदाओं को नियमित किया जाना चाहिए।


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