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सूरत अग्निकांड के बाद जिला प्रशासन हुआ सक्रिय, अब कलेक्टर भी करेंगे औचक निरीक्षण - Rajasthan

गुजरात के सूरत में हुए अग्निकांड के बाद अब जयपुर जिला प्रशासन भी इस तरह के हादसों को लेकर सक्रिय हो गया है. जिला प्रशासन अब ऐसे प्रशिक्षण और शिक्षण संस्थाओं का सर्वे करेगा.

After the Surat fire, the district administration is also active
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Published : May 27, 2019, 10:01 PM IST

जयपुर. गुजरात के सूरत में हुए अग्निकांड के बाद अब जयपुर जिला प्रशासन भी इस तरह के हादसों को लेकर सक्रिय हो गया है. जिला प्रशासन अब ऐसे प्रशिक्षण और शिक्षण संस्थाओं का सर्वे करेगा. जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने सोमवार को इसके लिए एडवायजरी जारी की है।

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि यदि सूरत अग्निकांड का विश्लेषण करें तो जयपुर में भी कई ऐसे शिक्षण और प्रशिक्षण संस्थान है, जहां सुरक्षा और संरक्षा के उपकरण नहीं है. इसके लिए स्थानीय नोडल विभाग से चर्चा कर यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों का सर्वे किया जाएगा और वहां वांछनीय सुविधाओं निश्चित करने के लिए कहा जाएगा. जयपुर के जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया शिक्षण, प्रशिक्षण संस्थान के अलावा ऐसे परिसर जहां बहुत से लोगों का आना जाना लगा रहता है उनका भी सर्वे किया जाएगा. भवन उप विधियों के अनुसार वहां सुविधाएं निश्चित की जाएगी.

सूरत अग्निकांड के बाद जिला प्रशासन भी हुआ सक्रिय

उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय आयुक्तों के साथ मिलकर इस कार्य को अंजाम दिया जाएगा और यह जांच की जाएगी कि भवन उप विधियों के अनुसार बिल्डिंग प्लान है या नहीं है, फायर एनओसी है या नहीं, अग्निशमन यंत्र है या नहीं. यह जांच की जाएगी. इसके अलावा यह भी देखा जाएगा कि वहां पहुंच का मार्ग भी सुगम होना चाहिए जो कि15 फिट से कम नहीं होना चाहिए. ताकि अग्निशमन वाहन और अन्य रक्षा साधन आसानी से वहां पहुंच सके.

उन्होंने कहा कि बिल्डिंगों को अनुमोदित नक्शे के अनुसार ही बनाना चाहिए और उसमें अत्यधिक ज्वलनशील फाइबर शीट आदि का उपयोग नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि फाइबर शीट, प्लास्टिक जैसे ज्वलनशील पदार्थों से भवन बनाकर उसमें शिक्षण प्रशिक्षण चलाया जाता है या दफ्तर चलाया जाता है. तो उसकी भी समय-समय पर जांच की जाएगी. जो भी निकाय यह व्यवस्था देखते हैं उनको एक एडवाइजरी भेजी जा रही है. उन्होंने कहा कि यह सतत चलने वाली प्रक्रिया होगी और हो सकता है कुछ उपाय तात्कालिक किए जाएं.

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से अतिरिक्त जिला कलेक्टर चतुर्थ इस काम में समन्वय स्थापित करेंगे और एसडीओ इस काम का औचक निरीक्षण करेगा. उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी समय-समय पर इसकी औचक जांच करेंगे ताकि किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही ना हो. उन्होंने कहा कि इस तरह की सुरक्षा का निश्चित करने का स्थानीय निकाय का काम है और जिला प्रशासन उनको एडवाइजरी जारी करेगा.

जयपुर. गुजरात के सूरत में हुए अग्निकांड के बाद अब जयपुर जिला प्रशासन भी इस तरह के हादसों को लेकर सक्रिय हो गया है. जिला प्रशासन अब ऐसे प्रशिक्षण और शिक्षण संस्थाओं का सर्वे करेगा. जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने सोमवार को इसके लिए एडवायजरी जारी की है।

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि यदि सूरत अग्निकांड का विश्लेषण करें तो जयपुर में भी कई ऐसे शिक्षण और प्रशिक्षण संस्थान है, जहां सुरक्षा और संरक्षा के उपकरण नहीं है. इसके लिए स्थानीय नोडल विभाग से चर्चा कर यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों का सर्वे किया जाएगा और वहां वांछनीय सुविधाओं निश्चित करने के लिए कहा जाएगा. जयपुर के जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया शिक्षण, प्रशिक्षण संस्थान के अलावा ऐसे परिसर जहां बहुत से लोगों का आना जाना लगा रहता है उनका भी सर्वे किया जाएगा. भवन उप विधियों के अनुसार वहां सुविधाएं निश्चित की जाएगी.

सूरत अग्निकांड के बाद जिला प्रशासन भी हुआ सक्रिय

उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय आयुक्तों के साथ मिलकर इस कार्य को अंजाम दिया जाएगा और यह जांच की जाएगी कि भवन उप विधियों के अनुसार बिल्डिंग प्लान है या नहीं है, फायर एनओसी है या नहीं, अग्निशमन यंत्र है या नहीं. यह जांच की जाएगी. इसके अलावा यह भी देखा जाएगा कि वहां पहुंच का मार्ग भी सुगम होना चाहिए जो कि15 फिट से कम नहीं होना चाहिए. ताकि अग्निशमन वाहन और अन्य रक्षा साधन आसानी से वहां पहुंच सके.

उन्होंने कहा कि बिल्डिंगों को अनुमोदित नक्शे के अनुसार ही बनाना चाहिए और उसमें अत्यधिक ज्वलनशील फाइबर शीट आदि का उपयोग नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि फाइबर शीट, प्लास्टिक जैसे ज्वलनशील पदार्थों से भवन बनाकर उसमें शिक्षण प्रशिक्षण चलाया जाता है या दफ्तर चलाया जाता है. तो उसकी भी समय-समय पर जांच की जाएगी. जो भी निकाय यह व्यवस्था देखते हैं उनको एक एडवाइजरी भेजी जा रही है. उन्होंने कहा कि यह सतत चलने वाली प्रक्रिया होगी और हो सकता है कुछ उपाय तात्कालिक किए जाएं.

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से अतिरिक्त जिला कलेक्टर चतुर्थ इस काम में समन्वय स्थापित करेंगे और एसडीओ इस काम का औचक निरीक्षण करेगा. उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी समय-समय पर इसकी औचक जांच करेंगे ताकि किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही ना हो. उन्होंने कहा कि इस तरह की सुरक्षा का निश्चित करने का स्थानीय निकाय का काम है और जिला प्रशासन उनको एडवाइजरी जारी करेगा.

Intro:जयपुर। गुजरात के सूरत में हुए अग्निकांड के बाद अब जयपुर जिला प्रशासन भी इस तरह के हादसों को लेकर सक्रिय हो गया है जिला प्रशासन अब ऐसे प्रशिक्षण और शिक्षण संस्थाओं का सर्वे करेगा। जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने सोमवार को इसके लिए एडवायजरी जारी की है।
जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि यदि सूरत अग्निकांड का विश्लेषण करें तो जयपुर में भी कई ऐसे शिक्षण और प्रशिक्षण संस्थान है, जहाँ सुरक्षा और संरक्षा के उपाय नहीं है। इसके लिए स्थानीय नोडल विभाग से चर्चा कर यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों का सर्वे किया जाएगा और वहां वांछनीय सुविधाओं निश्चित करने के लिए कहा जाएगा।


Body:जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया शिक्षण, प्रशिक्षण संस्थान के अलावा ऐसे परिसर जहां बहुत से लोगों का आना जाना लगा रहता है उनका भी सर्वे किया जाएगा। भवन उप विधियों के अनुसार वहां सुविधाएं निश्चित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय आयुक्तों के साथ मिलकर इस कार्य को अंजाम दिया जाएगा और यह जांच की जाएगी कि भवन उप विधियों के अनुसार बिल्डिंग प्लान है या नहीं है, फायर एनओसी है या नहीं, अग्निशमन यंत्र है या नहीं यह जांच की जाएगी। इसके अलावा यह भी देखा जाएगा कि वहां पहुंच का मार्ग भी सुगम होना चाहिए जो 15 फिट से कम नहीं हो। ताकि अग्निशमन वाहन और अन्य रक्षा साधन आसानी से वहां पहुंच सके।


Conclusion:जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव ने कहा कि बिल्डिंगों को अनुमोदित नक्शे के अनुसार ही बनाना चाहिए और उसमें अत्यधिक ज्वलनशील फाइबर शीट आदि का उपयोग नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि फाइबर शीट, प्लास्टिक जैसे ज्वलनशील पदार्थों से भवन बनाकर उसमें शिक्षण प्रशिक्षण चलाया जाता है या दफ्तर चलाया जाता है तो उसकी भी समय-समय पर जांच की जाएगी। जो भी निकाय यह व्यवस्था देखते हैं उनको एक एडवाइजरी भेजी जा रही है। उन्होंने कहा कि यह सतत चलने वाली प्रक्रिया होगी और हो सकता है कुछ उपाय तात्कालिक किए जाएं।
जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव ने कहा कि भवन को उप विधियों का प्रवर्तन इस तरह से होना चाहिए कि लोगो की संरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से अतिरिक्त जिला कलेक्टर चतुर्थ इस काम में समन्वय स्थापित करेंगे और एसडीओ इस काम का औचक निरीक्षण करेगा। जिला कलेक्टर ने कहा कि वे स्वयं भी समय-समय पर इसकी औचक जांच करेंगे ताकि किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही ना हो। उन्होंने कहा कि इस तरह की सुरक्षा का निश्चित करने का स्थानीय निकाय का काम है और जिला प्रशासन उनको एडवाइजरी जारी करेगा।

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