दौसा. कांग्रेस प्रत्याशी के रूप दौसा लोकसभा सीट से सविता मीणा मैदान में उतर चुकी हैं. जिसको लेकर सविता मीणा का कहना है कि अलवर कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने दौसा जिले से तीन चुनाव लड़े हालांकि इन तीनों ही चुनाव में उन्हें जीत मुकम्मल नहीं हुई. लेकिन उसके बावजूद अपने पति और विधायक मुरारी लाल मीणा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती रही.
उन्होंने बताया कि वो अपने पति के साथ जब भी क्षेत्र में जातीं और महिलाओं से मिलती है तो उन्हें लगता कि उन्हें भी राजनीति में आगे आकर इन महिलाओं के लिए कुछ करना चाहिए और इसलिए उन्होंने अपने विधायक पति के साथ राजनीति और सेवा का जज्बा लेकर कर मैदान में उतरी हैं.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि 1998 में विधायक का चुनाव हार जाने के बाद अपने पति मुरारी लाल मीणा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर राजनीति के मैदान में सक्रिय रही. हालांकि उसके बाद उन्होंने खुद कोई भी चुनाव नहीं लड़ा लेकिन उनके पति मुरारी लाल मीणा उसके बाद लगातार तीन बार चुनाव जीते और राजस्थान की सरकार में विधायक व मंत्री बने. उन्हीं से प्रेरित होकर उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस से लोकसभा क्षेत्र की प्रत्याशी के रूप में ताल ठोंक दी.
सविता मीणा का कहना है कि भाजपा सरकार में प्रदेश की मुखिया एक महिला होने के बावजूद भी उन्होंने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया. मीणा का कहना है कि लोकसभा चुनाव में जीत के बाद उनकी प्राथमिकता महिलाओं को शिक्षा व रोजगार के लिए वह सबसे अधिक प्रयासरत रहेंगी. अपने क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने वे युवाओं को रोजगार दिलाने एवं किसानों की हर संभव मदद करने के वादों के साथ सविता मीणा मैदान में उतर चुकी है.