ETV Bharat / state

Special: जल्दी शादी करने के लिए युवक चुराते हैं मंदिर से मूर्ति, ऐसी अनोखी है यहां की परंपरा

जिले के रघुनाथ घाट मंदिर की एक अनूठी प्रथा है, यहां कुंवारें लड़के अपनी शादी होने के लिए मंदिर से पार्वती की मूर्ति चोरी करते हैं. जिसके बाद शादी तय होने पर मूर्ति को वापस मंदिर में रख देते हैं. लेकिन इस वक्त मंदिर से गायब हुई मूर्ति काफी समय से वापस नहीं आई है. जिससे भक्त और मंदिर के पुजारी चिंता में हैं. लोगों का मानना है कि लॉकडाउन के चलते जिसने मूर्ती ली होगी वो वापस करने नहीं आ पाया है.

author img

By

Published : May 4, 2020, 7:45 PM IST

मंदिर से मूर्ती चोरी की अनूठी परंपरा, Unique tradition of idol theft from temple
मंदिर से मूर्ती चोरी की अनूठी परंपरा

बूंदी. जिले के हिंडोली कस्बे में एक ऐसा मंदिर है. जहां पार्वती माता की मूर्ति चुराने की अनूठी परंपरा है. यहां मूर्ती चुराने पर कोई केस दर्ज नहीं होता. बल्कि मूर्ती चुराने वाले की शादी जल्दी हो जाती है. दरअसल, जिले के रामसागर झील के किनारे प्राचीन रघुनाथ घाट मंदिर है, जहां पार्वती जी की मूर्ति चुराने की एक अनूठी प्रथा है. लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि जिस भी युवक की शादी नहीं हो पा रही, अगर वह इस मंदिर में माता पार्वती की मूर्ति चुराकर अपने घर में उनकी पूजा करे तो उसकी शादी जल्द हो जाती है.

पढ़ें- स्पेशल: Lockdown में जयपुर का 4 हजार करोड़ का व्यापार प्रभावित, छोटे व्यापारियों पर गहराया संकट

मंदिर में महादेव शिवलिंग के पास पार्वती जी की मूर्ति स्थापित है. लेकिन इस मान्यता के चलते अकसर महादेव जोड़े में ना होकर अकेले ही नजर आते हैं. इस बार मूर्ति चोरी होने के बाद मंदिर में वापस नहीं आने से क्षेत्रवासी चिंतित है. कोरोना के इस संकट काल में लगे लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों में ही कैद हैं. ऐसे में जिसने भी पार्वती माता की मूर्ति चुराई, वो मंदिर में उसे वापस रखने नहीं आ पाया.

मंदिर से मूर्ति चोरी की अनूठी परंपरा

फिलहाल पार्वती जी महादेव से बिछड़ी हुई है. लॉकडाउन के चलते इस बार अक्षय तृतीया जैसे मुहूर्त पर भी शादियां नहीं हुई. लगभग 90 फीसदी शादियां रद्द हो गई. मंदिर के पुजारी रामबाबू पराशर ने बताया कि अब तक कई बार पार्वती जी की मूर्ति चोरी हो चुकी है और चुराने वालों की शादियां भी हो चुकी है. हमे चोरी का पता लग भी जाता है, तो भी किसी को टोकते नहीं हैं.

पढ़ें- EXCLUSIVE: राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ईटीवी भारत से विशेष बातचीत

पुजारी बताते हैं कि साल में एक दो महीने ही पार्वती जी की प्रतिमा मंदिर में रह पाती है. अधिकतर कुंवारे युवक इसे चुरा ले जाते हैं. लेकिन इस बार लंबे समय से मूर्ति गायब हैं, जिससे मूर्ति के वापस आने के संकेत कम हैं. जिसके चलते पुजारी भी चिंतित हैं कि आखिर मूर्ति कौन ले गया.

मंदिर की ये अनूठी परंपरा सदियों से चली आ रही है. लेकिन इस जो कुंवारे कतार में लगे हुए थे उनके लिए ये लंबे इंतजार की घड़ी बन गई है. पुजारी और कुंवारे लड़के दोनों अपने भगवान का इंतजार कर रहे हैं.

बूंदी. जिले के हिंडोली कस्बे में एक ऐसा मंदिर है. जहां पार्वती माता की मूर्ति चुराने की अनूठी परंपरा है. यहां मूर्ती चुराने पर कोई केस दर्ज नहीं होता. बल्कि मूर्ती चुराने वाले की शादी जल्दी हो जाती है. दरअसल, जिले के रामसागर झील के किनारे प्राचीन रघुनाथ घाट मंदिर है, जहां पार्वती जी की मूर्ति चुराने की एक अनूठी प्रथा है. लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि जिस भी युवक की शादी नहीं हो पा रही, अगर वह इस मंदिर में माता पार्वती की मूर्ति चुराकर अपने घर में उनकी पूजा करे तो उसकी शादी जल्द हो जाती है.

पढ़ें- स्पेशल: Lockdown में जयपुर का 4 हजार करोड़ का व्यापार प्रभावित, छोटे व्यापारियों पर गहराया संकट

मंदिर में महादेव शिवलिंग के पास पार्वती जी की मूर्ति स्थापित है. लेकिन इस मान्यता के चलते अकसर महादेव जोड़े में ना होकर अकेले ही नजर आते हैं. इस बार मूर्ति चोरी होने के बाद मंदिर में वापस नहीं आने से क्षेत्रवासी चिंतित है. कोरोना के इस संकट काल में लगे लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों में ही कैद हैं. ऐसे में जिसने भी पार्वती माता की मूर्ति चुराई, वो मंदिर में उसे वापस रखने नहीं आ पाया.

मंदिर से मूर्ति चोरी की अनूठी परंपरा

फिलहाल पार्वती जी महादेव से बिछड़ी हुई है. लॉकडाउन के चलते इस बार अक्षय तृतीया जैसे मुहूर्त पर भी शादियां नहीं हुई. लगभग 90 फीसदी शादियां रद्द हो गई. मंदिर के पुजारी रामबाबू पराशर ने बताया कि अब तक कई बार पार्वती जी की मूर्ति चोरी हो चुकी है और चुराने वालों की शादियां भी हो चुकी है. हमे चोरी का पता लग भी जाता है, तो भी किसी को टोकते नहीं हैं.

पढ़ें- EXCLUSIVE: राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ईटीवी भारत से विशेष बातचीत

पुजारी बताते हैं कि साल में एक दो महीने ही पार्वती जी की प्रतिमा मंदिर में रह पाती है. अधिकतर कुंवारे युवक इसे चुरा ले जाते हैं. लेकिन इस बार लंबे समय से मूर्ति गायब हैं, जिससे मूर्ति के वापस आने के संकेत कम हैं. जिसके चलते पुजारी भी चिंतित हैं कि आखिर मूर्ति कौन ले गया.

मंदिर की ये अनूठी परंपरा सदियों से चली आ रही है. लेकिन इस जो कुंवारे कतार में लगे हुए थे उनके लिए ये लंबे इंतजार की घड़ी बन गई है. पुजारी और कुंवारे लड़के दोनों अपने भगवान का इंतजार कर रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.