कोटा. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे 1 लाख करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो रहा है. दिल्ली से मुंबई तक 120 की स्पीड से वाहन इसपर चलेंगे. इस एक्सप्रेस-वे को खास तरह से डिजाइन किया गया है. एक्सप्रेस-वे का रूट सवाई माधोपुर के रणथंभौर और बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व को जोड़ने वाले नेचुरल कोरिडोर से होकर भी गुजर रहा है. ऐसे में वन्यजीव को किसी समस्या का सामना न करना पड़े, इसका भी हल नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने निकाला है.
NHAI की ओर से दो एनिमल अंडरपास बनाए जा रहे हैं. दोनों एनिमल अंडरपास बूंदी जिले में ही बन रहे हैं, जिनमें से एक अंडरपास की लंबाई 1.7 किलोमीटर है. जबकि दूसरा 1.2 किलोमीटर लंबा है. ऐसा स्ट्रक्चर इस पूरे एक्सप्रेसवे में कहीं भी नहीं बनाया गया है. हालांकि, मध्य प्रदेश की कई सेंचुरी में भी इस तरह के एनिमल अंडरपास बने हैं.
500 करोड़ की लागत से होंगे तैयार : एक्सप्रेस-वे पर बन रहे दोनों एनिमल अंडरपास कुल मिलाकर 2.9 किलोमीटर लंबे हैं. ये करीब 500 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार होंगे. दिल्ली से मुंबई की तरफ पहले 1.7 किमी का अंडरपास आएगा, जिसके बाद देवपुरा इंदरगढ़ का 1.2 किमी वाला अंडरपास आएगा. इसके बाद एनिमल ओवरपास का कॉरिडोर शुरू होगा. यह 3.5 किलोमीटर लंबा है और इसमें भी करीब 500 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं. इनमें वाहन जमीन के नीचे बने सुरंगनुमा रास्ते से निकलेंगे और ऊपर से जानवर निकल सकेंगे.
फेंसिंग के साथ लगेंगे साउंड बैरियर : यह एनिमल ओवरपास दो पुलिया के जैसे हैं, जिन्हें करीब 8 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है. दोनों ओवरपास 4-4 लेन के बनाए गए हैं। दोनों अलग-अलग 21-21 मीटर के रास्ते हैं. यह दूर से पुलिया जैसे ही नजर आते हैं. वन्यजीव एक्सप्रेसवे पर नहीं आ जाएं, इससे बचाने के पहले सीमेंट कंक्रीट की 8 मीटर की दीवार खड़ी की जाएगी. यह 4 मीटर जमीन के भीतर और इतनी ही जमीन से बाहर रहेगी. इसके ऊपर साउंड बैरियर लगाए जाएंगे, ताकि एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले वाहनों के शोर से वन्यजीव को कोई समस्या नहीं आए.
देवपुरा एनिमल अंडरपास में केवल फिनिशिंग टच : एनएचएआई के सवाई माधोपुर प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर मनोज शर्मा ने बताया कि उनके अधीन बन रहा एनिमल अंडरपास इंद्रगढ़ के नजदीक देवपुरा में बनाया जा रहा है. यह 1.2 किलोमीटर लंबा है और इसमें करीब 200 करोड़ रुपए की लागत आएगी. इसका निर्माण 95 फीसदी हो गया है. इस पर केवल फिनिशिंग टच ही दिया जा रहा है.
इको सेंसेटिव जोन से गुजर रहा है एक्सप्रेस-वे : राजस्थान और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का सबसे लंबा एनिमल अंडरपास 1.7 किलोमीटर का है, जिसकी लागत 300 करोड़ रुपए है. यह भी बूंदी जिले में चांधन डैम के नजदीक बन रहा है. यह पीआईयू दौसा के अधीन आ रहा है. पीआईयू दौसा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एसआर सिंह का कहना है कि रणथंभौर और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के इको सेंसेटिव जोन में होकर यह गुजर रहा है. वन्य जीव के निकलने के नेचुरल कोरिडोर को बनाए रखने के लिए एनिमल अंडरपास का निर्माण करवाया गया है. इससे वन्यजीव को भी कोई परेशानी नहीं होगी, साथ ही एक्सप्रेस-वे भी ऊपर से निकल जाएगा. इस एनिमल अंडरपास का निर्माण 70 फीसदी हो गया है.
जनवरी 2024 में शुरू हो सकता है : दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल 12 फरवरी को कर चुके हैं, जिसमें दिल्ली से राजस्थान के दौसा तक एक्सप्रेसवे चालू हो गया है. दौसा के बाद प्रदेश के ही सवाई माधोपुर, बूंदी और कोटा जिले में इसका निर्माण चल रहा है. निर्माण की गति काफी तेज है. ऐसे में कोटा से दौसा तक पूरा निर्माण इस साल दिसंबर महीने तक पूरा हो सकता है. उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल जनवरी महीने में कोटा से दिल्ली तक का सफर इस एक्सप्रेसवे से कर सकेंगे.